Om Namah Shivay in Hindi | Om Namah Shivay ka jaap | Om Namah Shivaya mantra
हमारे हिन्दू धर्म में भगवान शिव ( Bhagwan Shiv ) एकमात्र ऐसे देवता है जिनकी सादगी और मासूमियत ही लोगों को उनकी ओर आकर्षित करती है। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को कोई विशेष अनुष्ठान या भव्य यज्ञ का आयोजन नहीं करना पड़ता। भक्तों को तो बस जरूरत है योगमुद्रा में बैठकर उनके मंत्र om namah shivaya mantra का जाप करने की।
हमारी भक्ति, एकाग्र क्षमता और ध्यान ही भगवान शिव के निकट पहुंचाने वाला मार्ग है। काल और मृत्यु के भय से मुक्त भगवान शिव के ॐ नमः शिवाय मंत्र की महिमा के बारे में आज हम बात करेंगे और बताएंगे आपको कि आखिर कैसे भक्त इस मंत्र के माध्यम से बड़ी ही सरलता से उनके निकट पहुँच सकते हैं।
हमारी भक्ति, एकाग्र क्षमता और ध्यान ही भगवान शिव के निकट पहुंचाने वाला मार्ग है। काल और मृत्यु के भय से मुक्त भगवान शिव के ॐ नमः शिवाय मंत्र की महिमा के बारे में आज हम बात करेंगे और बताएंगे आपको कि आखिर कैसे भक्त इस मंत्र के माध्यम से बड़ी ही सरलता से उनके निकट पहुँच सकते हैं।
ॐ नमः शिवाय का अर्थ ( Om Namah Shivaya Meaning in hindi )
ॐ एक ध्वनि की भांति प्रतीत होता है परन्तु इस ॐ में ब्रह्माण्ड की सम्पूर्ण शक्ति का वास है। ॐ शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है – अ उ म। जिसमें से अ का अर्थ है उत्पन्न होना, उ का अर्थ है विकास और म का अर्थ है मौन अवस्था में आ जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना। इसके बाद आने वाले शब्द हैं नमः शिवाय जिनका मतलब होता है भगवान शिव को नमस्कार। शैव और सिद्ध परम्परा में शिव के पांच तत्वों का बोध इस प्रकार किया गया है :
“न” ध्वनि पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
“मः” ध्वनि पानी का प्रतिनिधित्व करता है
“शि” ध्वनि आग का प्रतिनिधित्व करता है
“वा” ध्वनि प्राणिक हवा का प्रतिनिधित्व करता है
“य” ध्वनि आकाश का प्रतिनिधित्व करता है
इस प्रकार इन शब्दों का कुल अर्थ है कि “सार्वभौमिक चेतना एक है”।
“न” ध्वनि पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करता है
“मः” ध्वनि पानी का प्रतिनिधित्व करता है
“शि” ध्वनि आग का प्रतिनिधित्व करता है
“वा” ध्वनि प्राणिक हवा का प्रतिनिधित्व करता है
“य” ध्वनि आकाश का प्रतिनिधित्व करता है
इस प्रकार इन शब्दों का कुल अर्थ है कि “सार्वभौमिक चेतना एक है”।
ओम नमः शिवाय का महत्व क्या है?( Importance of om namah shivay Mantra )
ॐ नमः शिवाय ( Om Namah Shivay hindi) मंत्र हिन्दू धर्म में सबसे प्रसिद्ध मन्त्र है। ॐ नमः शिवाय मंत्र का महत्व इस प्रकार समझा जा सकता है कि यह सभी की जीव्हा पर अक्सर रहता ही है। इस मंत्र को पञ्चाक्षर मन्त्र भी कहा जाता है। हम लोग इस मंत्र को रोज़ सुनने के आदि है परन्तु यह मंत्र सामान्य होकर मामूली नहीं है बल्कि अपने साथ कई सारी शक्तियों को समाहित किये हुए है। कहा जाता है कि इस मंत्र में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का वास है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र – om namah shivay mantra के चमत्कार के बारे में शिवपुराण में उल्लेख किया गया है कि इस चमत्कारी मंत्र में इतनी शक्ति समाहित है जो सम्पूर्ण मनुष्य जाति के दुःखों और कष्टों को दूर करने में सक्षम है। साथ ही शिव पुराण में इस चमत्कारिक मंत्र को शरणाक्षर मंत्र का कहा गया है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र – om namah shivay mantra के चमत्कार के बारे में शिवपुराण में उल्लेख किया गया है कि इस चमत्कारी मंत्र में इतनी शक्ति समाहित है जो सम्पूर्ण मनुष्य जाति के दुःखों और कष्टों को दूर करने में सक्षम है। साथ ही शिव पुराण में इस चमत्कारिक मंत्र को शरणाक्षर मंत्र का कहा गया है।
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ओम नमः शिवाय की उत्पत्ति कैसे हुई? ( Om Namah Shivaya Origin in hindi )
भगवान शिव इस धरती पर एक अग्नि स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। यह अग्नि स्तम्भ जब धरती पर प्रकट हुआ तो उस समय स्तंभ के पांच मुख थे। ये पांच मुख पंच तत्वों पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु से बने थे। इसके प्रकट होते ही सबसे पहले ॐ शब्द की उत्पत्ति मानी जाती है।
इसके बाद बाकी पांच शब्द नमः शिवाय की उत्पत्ति उन पांच मुखों से हुई। तभी से ॐ नमः शिवाय मंत्र की महिमा के बारे में संसार को ज्ञात हुआ और यह मंत्र जीवन का एक अभिन्न बन गया।
इसके बाद बाकी पांच शब्द नमः शिवाय की उत्पत्ति उन पांच मुखों से हुई। तभी से ॐ नमः शिवाय मंत्र की महिमा के बारे में संसार को ज्ञात हुआ और यह मंत्र जीवन का एक अभिन्न बन गया।
ओम नमः शिवाय मंत्र से क्या लाभ है? ( Om Namah Shivaya Benefits in Hindi )
1. ॐ नमः शिवाय मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
2. इस मन्त्र जाप से शरीर संबंधी सभी विकार समाप्त हो जाते हैं।
3. इससे आत्मीय और मानसिक शान्ति और स्थिरता प्राप्त होती है।
4. आभामंडल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है।
5 ईश्वर से निकटता महसूस करता है ॐ नमः शिवाय मंत्र
6. आध्यात्मिक क्रियाकलापों में रूचि बढ़ने लगती है।
7. काल और मृत्यु के भय से मुक्ति का प्रतीक है ये मंत्र
2. इस मन्त्र जाप से शरीर संबंधी सभी विकार समाप्त हो जाते हैं।
3. इससे आत्मीय और मानसिक शान्ति और स्थिरता प्राप्त होती है।
4. आभामंडल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है।
5 ईश्वर से निकटता महसूस करता है ॐ नमः शिवाय मंत्र
6. आध्यात्मिक क्रियाकलापों में रूचि बढ़ने लगती है।
7. काल और मृत्यु के भय से मुक्ति का प्रतीक है ये मंत्र
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए? ( Om Namah Shivay ka Jap Kaise karna chahiye? )
1. ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करने के लिए कोई विशेष समय निर्धारित नहीं किया गया है।
2. भक्त om namah shivaya mantra का जप अपने समय और सुविधानुसार कर सकते हैं।
3. ओम नमः शिवाय मंत्र जाप करने के लिए शांत और स्वच्छ स्थान को चुने।
4. जाप के लिए अपना मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर ही रखें।
5. प्रतिदिन जाप के लिए रुद्राक्ष की माला को ही प्रयोग में लाएं।
6. ॐ नमः शिवाय जप संख्या – रोज़ के मंत्र जाप संख्या 108 ही रखें।
7. ध्यान रहे कि जिस रुद्राक्ष माला से जाप करें वह असली Original Rudraksha Japa Mala हो।
2. भक्त om namah shivaya mantra का जप अपने समय और सुविधानुसार कर सकते हैं।
3. ओम नमः शिवाय मंत्र जाप करने के लिए शांत और स्वच्छ स्थान को चुने।
4. जाप के लिए अपना मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर ही रखें।
5. प्रतिदिन जाप के लिए रुद्राक्ष की माला को ही प्रयोग में लाएं।
6. ॐ नमः शिवाय जप संख्या – रोज़ के मंत्र जाप संख्या 108 ही रखें।
7. ध्यान रहे कि जिस रुद्राक्ष माला से जाप करें वह असली Original Rudraksha Japa Mala हो।
ॐ नमः शिवाय मंत्र सिद्ध कैसे करें? ( Om Namah Shivaya Mantra kaise siddh kare? )
- भगवान शिव के सबसे प्रभावशाली मंत्र ॐ नमः शिवाय/Om namah shivaya का जाप करने के लिए सबसे पहले एक शांत और स्वच्छ स्थान चुने। जाप करने के लिए सोमवार का दिन ही चुने और एक भी सोमवार न छोड़े निरंतरता बनाये रखें। मंत्र की संख्या का अनुष्ठान अपनी इच्छानुसार करें।
- सबसे पहले सोमवार या किसी पुण्य नक्षत्र में मंदिर जाएँ और वहां शिव अभिषेक पूजन करें। इसके बाद जल, अक्षत और पुष्प लेकर मंत्र सिद्धि का संकल्प करें। घर आकर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति रखें।
- चित्र या प्रतिमा के बाईं और दाईं ओर एक साबुत सुपारी पर मौली लपेट कर रखें । ताम्बे के लोटे में जल रखें, घी का दीपक और धूप जलाएं। शिव जी का पूजन पंचविधि से करें फिर तिलक अक्षत और नैवैद्य चढ़ाएं। इसके उपरान्त जप के लिए आसन पर बैठे, माला को मस्तक से लगाएं और जप आरंभ करें।
- ध्यान रहे कि मन्त्रों का जाप तय की गई संख्या और दिन पर पूर्ण करें। इसके बाद जप का दशांश हवन करना होता है। यदि हवन का सामर्थ्य न हो तो उतने ही मंत्र का जाप और करें। फिर तर्पण करना है जो हवन का दशांश होता है
- तर्पण के लिए अंजुली में जलभरकर ॐ नमः शिवाय मंत्र बोलते हुए छोड़ देना है। तर्पण का दसवां हिस्सा ब्राह्मण भोजन के रूप में देना होता है। ध्यान रहे कि मंत्र सिद्धि के लिए किसी पंडित से जानकारी अवश्य लें।
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ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप से क्या होता है? | Om namah shivaya mantr jaap se kya hota hai
स्कन्दपुराण के अनुसार, ‘ॐ नमः शिवाय’ महामंत्र मोक्ष प्रदाता है, पापों का नाश करता है और साधक को लौकिक, परलौकिक सुख देने वाला माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी भक्त ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करता है, उससे भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं.
ओम नमः शिवाय का मंत्र कैसे बोला जाता है? | Om namah shivaya ka mantr kaise bola jaata hai
शिव के ॐ नम: शिवाय/Om namah shivaya मंत्र का जाप किसी भी समय किया जाता है। इसके उच्चारण से समस्त इंद्रियां जाग उठती हैं। इसके धार्मिक लाभ के अलावा ‘ॐ नम: शिवाय’मंत्र स्वास्थ्य लाभ भी देता है। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।
ओम नमः शिवाय का 110 करोड़ बार जाप करने से क्या होता है? | Om namah shivaya ka 110 crore baar jaap karne se kya hota hai
शिव पुराण के अनुसार, यदि आप इसका 110 करोड़ बार जाप करते हैं, तो आप अगले ब्रह्मा होंगे , हाँ यह मंत्र आपको स्वयं भगवान ब्रह्मा बना सकता है। इस मंत्र पर शिव पुराण में पूरा अध्याय है, आप समझ सकते हैं कि यह मंत्र कितना महत्वपूर्ण है।
शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा? | Shiv ji ka priye manr konsa hai
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
गायत्री मंत्र का जाप करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, राहु केतु तथा शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. ।
गायत्री मंत्र का जाप करने से पितृ दोष, कालसर्प दोष, राहु केतु तथा शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. ।
ॐ नमः शिवाय मंत्र सिद्धि कैसे करें? | Om namah shivaya mantr siddhi kaise kare
ॐ नमः शिवाय मंत्र/Om namah shivaya का जाप कम से कम 108 बार प्रत्येक दिन करना चाहिए। जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए। यदि आप किसी पवित्र नदी के किनारे शिव लिंग की स्थापना और पूजन के बाद जप करेंगे उसका फल सबसे उत्तम होगा। इसके अलावा आप किसी पर्वत या शांत वन में भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
सुबह सुबह ओम नमः शिवाय बोलने से क्या होता है? | Subha Subha om namah shivaya mantra bolne se kya hota hai
ॐ” का अर्थ शांति और प्रेम है और पंचतत्वों के सामंजस्य के लिए “ॐ नमः शिवाय” का जप किया जाता है.
मान्यता है कि इसके जप से व्यक्ति अपने पंचतत्वों को नियंत्रित कर पाता है. ॐ नमः शिवाय/Om namah shivaya में मन को शांत करने का प्रभाव होता है. इसलिए ध्यान के लिए इसका जप करना एक अच्छा तरीका है.
मान्यता है कि इसके जप से व्यक्ति अपने पंचतत्वों को नियंत्रित कर पाता है. ॐ नमः शिवाय/Om namah shivaya में मन को शांत करने का प्रभाव होता है. इसलिए ध्यान के लिए इसका जप करना एक अच्छा तरीका है.
ओम नमः शिवाय कितना शक्तिशाली है? | Om namah shivaya kitna shaktishale hai
शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है। नमः शिवाय/namah shivaya की पंच ध्वनिया सृष्टि में मौजूद पंचतत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं,जिनसे सम्पूर्ण सृष्टि बनी है और प्रलयकाल में उसी में विलीन हो जाती है। भगवान शिव सृष्टि को नियंत्रित करने वाले देव माने जाते हैं ।
शिवजी के 19 अवतार कौन कौन से हैं?
शिवजी के 19 अवतार के नाम है।
- महेश
- वृषभ
- पिप्पलाद
- वैश्यानाथ
- द्विजेश्वर
- हंसरूप
- अवधूतेश्वर
- भिक्षुवर्य
- सुरेश्वर
- ब्रह्मचारी
- सुनटनतर्क
- द्विज
- अश्वत्थामा
- किरात
- नतेश्वर
- और हनुमान आदि अवतारों का उल्लेख भी ‘शिव पुराण’ में हुआ है जिन्हें अंशावतार माना जाता है।
3 Comments
. ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप मन ही मन निरंतर हर समय कर सकते है कि नही 🙏🙏
Nahi mantra jaap hamesha ek sthan aur swaccha awashtha me kare baki shiv ka naam aap kisi bhi awashtha me kar sakte h aap naam jaap nirantar kare man hi man jai shri mahakaal
Shiv sada saty