देवी लक्ष्मी (Devi Lakshmi) का जब भी नाम आता है उसे हमेशा धन के साथ जोड़कर देखा जाता है। जबकि लक्ष्मी धन, सम्पदा और वैभव के अलावा सुख-शांति की भी प्रतीक है। ये बड़े ही चंचल स्वाभाव की मानी जाती हैं और एक जगह नहीं टिकती हैं इन्हें अपने साथ बनाये रखने के लिए व्यक्ति को नियमों का पालन करना पड़ता है।
माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन शुक्रवार माना जाता है जिसके पीछे भी एक ख़ास वजह है। आज हम उसी वजह के बारे में आप सभी को अवगत कराने वाले हैं :
क्यों शुक्रवार का दिन होता है माता लक्ष्मी को समर्पित? ( Why we worship Goddess Lakshmi on Friday? )
शुक्रवार (Friday) के दिन माता लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) पूजा करने से वे प्रसन्न होती हैं। इनके घर में होने से व्यक्ति को कभी आर्थिक संकट या दरिद्रता जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है। शुक्रवार के इस शुभ दिन के पीछे विष्णु पुराण (Vishnu Purana) में एक कहानी बताई गई है। जब ऋषि दुर्वासा ने इंद्र देव को प्रसन्न होकर एक पुष्पों की माला दी तो उन्होंने वह माला ऐरावत हाथी के ऊपर रख दी।
उस हाथी ने वह माला उठाकर फेंक दी जिसे देख ऋषि दुर्वासा को बहुत क्रोध आया और उन्होंने इंद्र देव को यह शाप दे दिया कि अहंकार के कारण तुम शक्तिहीन हो जाओगे और तुम्हारा सारा राज पाठ छीन जाएगा।
फिर एक समय ऐसा आया जब दैत्यों का आतंक बढ़ता ही जा रहा था। सभी असुर देवताओं पर हावी होते जा रहे थे। उसी समय इंद्र देव का सिंहासन और सत्ता भी छिन गई। असुरों को हराने के लिए भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन (Samudra Manthan) का उपाय सुझाया। असुर और देव दोनों ही पक्ष समुद्र मंथन के लिए मान गए। समुद्र मंथन के समय 14 रत्न निकले।
आठवें रत्न के रूप में क्षीरसागर में से देवी लक्ष्मी (Devi Lakshmi) निकली जिन्होंने भगवान् विष्णु को अपने पति के रूप में चुन लिया। तभी से शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित हुआ और आखिर में अमृत निकला जिसे ग्रहण कर लेने के बाद सभी देवता अमर हो गए। इतना ही नहीं इंद्र देव भी ऋषि दुर्वासा के शाप से मुक्त हो गए।
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व ( Importance of worshiping Goddess Lakshmi on Friday )
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा (Mata Lakshmi ki puja) करने का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को धन-संपदा और वैभव की प्राप्ति होती है। जातक के घर में बरकत होती है और दरिद्रता जैसे संकट नहीं आते हैं। जो भी जातक शुक्र दोष (Shukra Dosh) की समस्या का सामना कर रहे हैं उन्हें इस दिन जरूर पूजा-पाठ करना चाहिए।
सुखी-शांति के साथ संतान का सुख प्राप्त करने के मायने से भी शुक्रवार बहुत शुभ माना जाता है। 16 शुक्रवार को व्रत का पालन करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
माता लक्ष्मी को प्रसन्न कैसे करें? (Lakshmi Mata ko kaise prasann kare?)
1. माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन व्रत का पालन करें।
2. इस दिन देवी को लाल वस्त्र, लाल चूड़ियां, लाल बिंदी अर्पित करें।
3. शुक्रवार को लाला कपड़े पहनना भी शुभ माना जाता है।
4. घर में Dhan Lakshmi Kuber Yantra को रखने से माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती है और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।
5. चावल की पोटली बनाकर हाथ में रखें और माँ लक्ष्मी के इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
6. चावल की उस पोटली को अन्न वाले स्थान या तिजोरी में भी रख सकते हैं। इससे घर में बरकत बनी रहेगी।
भूल कर भी न करें ये काम नहीं तो घर में नहीं आएंगी लक्ष्मी
1. घर में गंदगी न रखें क्योंकि गंदगी दरिद्रता की सूचक है।
2. ईशान कोण या उत्तर दिशा में कोई गन्दा सामान या कूड़ा न रखें।
3. घर में महिलाओं का सम्मान करें क्योंकि वे घर की लक्ष्मी होती हैं।
4. सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू न लगाएं क्योंकि झाड़ू में लक्ष्मी का वास होता है।