Hanuman Ji Ka Gada | हनुमान जी का गदा
प्रभु श्री राम भक्त हनुमान जी को महाशक्तिशाली माना गया है । हनुमान जी को शिव जी का अंश रुद्रांश भी कहा गया है, और गदा धारी नाम से भी जाना जाता है क्यूँ की हनुमान जी हमेशा अपना गदा अपने साथ रखते है । हनुमान जी की बाई भुजा में गदा रहता है । बाएं हाथ में गदा रखने के कारण ही उन्हें वामहस्तगदायुक्तम् भी कहा जाता है । हनुमान जी का गदा/ Hanuman Ji Ka Gada बहुत शक्तियां था
हनुमान जी के पास ऐसे दिव्यास्त्र है जो और किसी देवी देवता के पास नहीं है, उनमें से सबसे प्रिय अस्त्र है हनुमान जी का गदा । हनुमान जी की गदा में कितनी शक्तियां है वो आज हम आपको हमारे इस लेखन में बताएंगे और साथ ही बताएंगे की यह गद्य किस धातु से बना है और यह गदा हनुमान जी का अस्त्र की बना ?
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जितना बाल हनुमान जी की भुजाओं में है उतना ही बाल हनुमान जी की गदा में भी है । हनुमान जी के भक्त जब हनुमान जी की आरधना और पूजा करते है तो उन्हें यापार शक्ति का एहसास होता है ।
हनुमान जी की गदा से जुड़ी कई सारी कहानियाँ है ।
ग्रंथों के अनुसार एक बार जब बाल हनुमान ने सूर्य को एक पहल समझ कर निगल लिया था, तब पूरे ब्रह्माण में अंधकार छा गया था । तब सभी देवी देवताओं ने हनुमान जी से सूर्य देव को उगलने की बिनती की जिसपर हनुमान जी नहीं माने और इन्द्र ने क्रोध में आकार हनुमान जी पर अपने वज्र से प्रहार कर दिया , हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में थे और वह इस प्रहार से मूर्छित हो गए ।
हनुमान जी जो की पवन पुत्र है, हनुमान जी की यह दशा देखकर पवन देव बेहद क्रोधित हो उठेव और उन्होंने पूरी धरती पर से सारी वायू रोक दी जिस कारण पूरी धरती से जीवन विलुप्त होने लगा । ये देखकर ब्रह्मा देव प्रकट हुए और उन्होंने हनुमान जी को पुनः जीवित कर दिया ।
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लेकिन फिर सभी देवी देवताओं ने सोच की ऐसे तो जब हनुमान जी कबही न कबही अपना देह त्याग करेंगे तब पवन देव वापस सारी वायू रोक देंगे । तभी सभी देवी देवताओं ने बाल हनुमान को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दिया । और सभी देवी देवताओं ने एक एक कर के हनुमान जी को कोई न कोई शक्तियां दी ।
वही जब कुबेर देव की बारी आई तब उन्होंने हनुमान जी को स्वर्ण की गदा भेट की । इस गदा में अपार शक्तियां थी और यह सोने की धातु की बनी थी । इसका वजह 1000 किलो का था । कुबेर देव ने हनुमान जी को यह भी वरदान दिया की जब भी वह किसी युद्ध में इस गदा को धारण कीये होने तब उन्हें कोई भी कभी भी पराजित नहीं कर पाएगा । इस गदा नाम कौमोदकी गदा भी पड़ा । वही इस गदा को लेकर एक और कथा काफी प्रचलित है ।
यह कथा कुछ इस प्रकार है । की एक बार हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में कुबेर देव के दर्शन करने उनके महल पहुचे । तब कुबेर देव ने हनुमान जी से अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने को कहा, हनुमन जी बाल स्वरूप में थे और बड़े ही नादान थे,तब हनुमान जी ने अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करना शुरू किया और हनुमान जी की अपार शक्तियां देखकर कुबेर देव बेहद हैरान हो गए और उनकी शक्तियों से प्रभावित भी हो गए ।
हनुमान जी से प्रसन्न होकर कुबेर देव ने उन्हे एक सोने की चोटी सी गदा भेट की, लेकिन जैसे ही यह गदा हनुमान जी के पास आई वैसे ही इसमें यापार शक्तियां भर गई । तब कुबेर देव ने हनुमान जी को यह वरदान दिया की जब भी वह इस गदा को हाथ में धारण करे कोई भी युद्ध लड़ेंगे तब उनहीँ कोई भी हर नहीं पाएगा । और तबसे हनुमान जी सदेव इस गदा को अपने पास रखते है ।
हनुमान जी की गदा का नाम | Hanuman Ji Ka Gada ka naam
हनुमान जी की गदा का नाम क्या है धार्मिक ग्रंथों के अनुसार राम भक्त हनुमान की गदा का नाम कौमोदकी गदा है. ये गदा उन्हें कुबेर देव से प्राप्त हुई थी. ऋषि अगस्त बताते हैं कि हनुमान जी के पंचमुखी अवतार के पास खड़ग, खट्वआंग, पर्वत, अंकुश, त्रिशूल, पाश, मुष्टि, स्तम्भ, गदा और वृक्ष शामिल हैं.
हनुमान जी का गदा कितने किलो का था | Hanuman Ji Ka Gada Kitne Kilo Ka Tha
गदा का वजन 21 टनगत वर्ष हनुमान जयंती पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हनुमानजी की 45 फीट लंबी गदा की स्थापना की गई थी। गदा का निर्माण भी ग्वालियर में ही हुआ है। गदा का वजन 21 टन है।
हनुमान जी का गढ़ा फोटो | Hanuman Ji Ka Gada Photo