चैत्र अमावस्या | Chaitra Amavasya
अमावस्या वह अवस्था होती है जब चंद्रमा का कोई प्रकाश नहीं होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 30 चंद्र चरण होते हैं, जिन्हें “तिथि” कहा जाता है। अमावस्या उस समय होती है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की दूरी होती है। प्रतिपदा या अमावस्या तिथि संयोग के बाद सूर्य और चंद्रमा के बीच 12 डिग्री की कोणीय दूरी होती है। पूर्णिमा और अमावस्या के बीच की अवधि को कृष्ण पक्ष कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष के दौरान पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के रूप में जाना जाता है।
चैत्र अमावस्या ( Chaitra Amavasya 2024 ) को हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। यह अमावस्या मार्च-अप्रैल के महीने में आती है। इस दिन पर धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां की जाती हैं, जैसे स्नान, दान। चैत्र अमावस्या को पितृ तर्पण जैसे अनुष्ठानों के लिए भी जाना जाता है।
व्यक्ति इस दिन कौवे, गाय, कुत्ते और गरीब लोगों को भोजन कराते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार अमावस्या को पूर्वज अपने वंशजों के यहां जाते हैं और उनसे भोजन ग्रहण करते हैं। चैत्र अमावस्या व्रत हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय उपवासों में से एक है। अमावस्या व्रत या उपवास सुबह शुरू होता है और प्रतिपदा को चंद्रमा के दर्शन होने तक चलता है।
चैत्र अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म ( Chaitra Amavasya Vrat aur Dhaarmik karm )
चैत्र अमावस्या के दिन व्रत रखकर कई धार्मिक कार्य किए जाते हैं। यहाँ कुछ उनकी स्थानीय उपयोगिता में संक्षेपित सूची है:
– इस दिन नदी, जलाशय, या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें।
– पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
– इस दिन यथाशक्ति अन्न, गौ, स्वर्ण, और वस्त्र आदि का दान करें।
– पितरों के श्राद्ध के बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन कराएं।
– अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक और शनि देव को नीले पुष्प, काले तिल, और सरसों का तेल चढ़ाएं।
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चैत्र अमावस्या का महत्व ( Chaitra Amavasya ka Mahatv )
चैत्र अमावस्या के दिन अनेक धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इस दिन का व्रत रखने से माना जाता है कि पितृगणों को मोक्ष और उनकी सद्गति के लिए उपयुक्त होता है। चैत्र अमावस्या व्रत को करने से न केवल पितरों को मोक्ष और शांति मिलती है, बल्कि व्रतधारी को भी अमोघ फल प्राप्त होता है।
चैत्र अमावस्या मुहूर्त ( Chaitra Amavasya Muhoort )
चैत्र अमावस्या व्रत ( Chaitra Amavasya 2024 Vrat )