भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में लंबे समय से राममंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है। लंबे समय से राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) का इंतजार कर रहे भक्तों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। क्योंकि मंदिर अगले साल तक बन कर तैयार हो जाएगा। इसकी जानकारी खुद श्री राम ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष ने दी है। इसके लिए अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम 15 जनवरी से 24 जनवरी 2024 के बीच आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से निमंत्रण पत्र भेज दिया गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के अलावा लगभग 10000 गणमान्य लोग और भी शामिल होंगे
कई बड़े राजनीतिक और धर्माचार्यों भी होंगे शामिल
वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कई बड़े राजनीतिज्ञ और धर्माचार्यों की भी शिरकत होगी। जिसके उन्हे निमंत्रण भेज दिया गया है जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी व्यवस्थाओं और कार्यक्रमों(Ayodhya Ram Mandir) के लिए लगातार अनुष्ठान और पूजा पाठ चल रहा है। महाराष्ट्र के वैदिक विद्वानों की मौजूदगी में अनुष्ठान कराया जा रहा है। वैदिक विद्वानों की दो अलग-अलग टोलियां 15 दिन के शिफ्ट में अनुष्ठान और पूजा पाठ कर रही हैं।
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दर्शन के लिए राम मंदिर में बदला गया मार्ग
वहीं प्राण प्रतिष्ठा से पहले 30 जुलाई दोपहर बाद से श्री राम जन्मभूमि मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) में दर्शन का मार्ग बदल दिया गया है। राम पथ से होकर जाने वाले इस जन्मभूमि पथ पर दर्शन करने आने वाले भक्तों को सभी प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुंचने का रास्ता आसान हो जाएगा। इसी के सभी मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया हो सकेगी।
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ये है रामलला के दर्शन करने के लिए नया रास्ता
अब रामलला के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को राम पथ पर बिरला धर्मशाला के सामने से सुग्रीव किला होकर दर्शन के लिए जाना होगा। जिसकी लंबाई श्री राम मंदिर तक लगभग 800 मीटर और चौड़ाई 80 फीट है। हालांकि मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) परिसर के पास तक पहुंचने के लिए उन्हें लगभग 600 मीटर की ही दूरी तय करनी पड़ेगी। इस नए मार्ग से दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए पहले की अपेक्षा कम दूरी है और दर्शन भी सुगमता से होगा।
राम मंदिर का इतिहास
राम जन्मभूमि वह स्थान है जहां पर भगवान विष्णु ने अपने 7वें अवतार भगवान राम के रूप में जन्म लिया था। यह जगह अयोध्या शहर, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है। राम जन्मभूमि पर भगवान राम को( Ayodhya Ram Mandir)समर्पित मंदिर है। यह एक विवादित स्थान है जो हिन्दू और मुसलमान के बीच है। हिन्दूओं की पवित्र ग्रंथ रामायण में कहा गया है कि राम का जन्मस्थान अयोध्या शहर में सरयू नदी के तट पर हुआ था। हिंदू का एक वर्ग दावा करता है कि श्रीराम के जन्मस्थान की सही जगह वहीं है जहां बाबरी मस्जिद बनी हुई है। राम मंदिर को पहली बार 15वीं शताब्दी में भारत आये प्रथम मुगल शासक बाबर के कमांडर मीर बाकी ने मंदिर को ध्वस्त कर इस स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण किया था। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान 1528 से 1853 तक मुसलमानों के लिए एक धार्मिक स्थान था। लेकिन काफी लंबे समय के वाद-विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं को अयोध्या में राम मंदिर बनवाने का आदेश। यह हिदुंओं की मुसलमानों पर एक बड़ी जीत है। वहीं राम मंदिर का काम भी लगभग पूरा होने वाला है।अगले साल तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।