Author: Dhruv Sahani

पीपल के पेड़ की सबसे बड़ी विशेषता क्या है? | Pipal Ke Ped ki sabse bade visheshata kya hain Pipal Ka  Ped – पीपल की छाया बरगद से कम होती है, फिर भी इसके पत्ते अधिक सुन्दर, कोमल और चंचल होते हैं। वसंत ऋतु में इस पर धानी रंग की नयी कोंपलें आने लगती है। बाद में, वह हरी और फिर गहरी हरी हो जाती हैं। पीपल के पत्ते जानवरों को चारे के रूप में खिलाये जाते हैं, विशेष रूप से हाथियों के लिए इन्हें उत्तम चारा माना जाता है। पीपल का पेड़ पवित्र क्यों है? | Pipal Ka Ped…

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राम मंदिर में 22 जनवरी को होने जा रहा हैं प्रण प्रतिष्ठा महोत्सव प्रस्तावना राम मंदिर के प्रण प्रतिष्ठा | Pran Pratishtha महोत्सव का आयोजन 22 जनवरी को हो रहा है, जिसमें 6000 किलोग्राम राम हलवा तैयार किया जा रहा है और हनुमान कढ़ाही की पूजा होगी. इस विशेष घटना को लेकर हम इस लेख में विवेचना करेंगे ताकि आप इस महोत्सव की सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें. प्रण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन 22 जनवरी को राम मंदिर में प्रण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हो रहा है. इस महोत्सव में मुख्य रूप से भगवान राम की मूर्ति के प्रण…

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राम मंदिर प्रस्तावना Ram Mandir Inauguration – राम मंदिर, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें गर्भगृह और स्वर्ण द्वार विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में, हम इन दोनों प्रमुख स्थलों की आलोचनात्मक जानकारी प्रदान करेंगे जो राम मंदिर को अनूठा और प्रतिष्ठानपूर्ण बनाते हैं। राम मंदिर गर्भगृह : भगवान के साकार रूप की पूजा का स्थान राम मंदिर ( Ram Mandir ) का गर्भगृह एक अद्वितीय स्थान है जहां भगवान राम के प्रति भक्तों की श्रद्धा और आस्था समर्पित है। इस स्थान का महत्वपूर्ण कारण है कि यहां राम भगवान की मूर्ति स्थापित है, और यहां…

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महाशिवरात्रि | Mahashivratri महाशिवरात्रि के पावन दिन पर, भक्त उपासना और विश्वास के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए हर साल शिव भक्तों द्वारा यह पर्व उत्साह से मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि ( Maha Shiva Ratri ) फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। भक्त मानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन, भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर सभी शिवलिंगों में प्रकट होते हैं, इसलिए इस दिन शिव की…

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 पुत्रदा एकादशी : महत्व, पूजा विधि, और शुभ मुहूर्त Pausha Putrada Ekadashi – पुत्रदा एकादशी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो विशेष रूप से पुत्र संप्राप्ति की कामना करने वालों के लिए है. इस त्योहार का आयोजन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर किया जाता है. इस अद्वितीय पर्व के माध्यम से हम पुत्र की प्राप्ति की कठिनाईयों को दूर करने के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं. पुत्रदा एकादशी का महत्व पौष पुत्रदा एकादशी पूजा विधि – एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान का ध्यान करें. फिर गंगा जल, तुलसी दल,…

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शमी का पौधा कैसा होता है | Shami ka paudha kaisa hota hai Shami Ka Paudha  चिक्कुर (Chikkur) के नाम से जाना जाता है। शमी पौधे की पहचान कैसे करें  यह एक मध्यम आकार का पेड़ होता है जिसकी शाखाएं सफेद-प्यूब्सेंट तथा छाल सफेद होती है जिसपर पेपर फ्लेक्स में पपड़ी पड़ जाती है। शमी का पेड़ कितने प्रकार का होता है | Shami ka ped kitne prakaar kta hain देशी शमी वृक्ष पर कांटे होते है, जबकि हाइब्रिड शमी पौधे ( Shami Paudhe )  पर कांटे नहीं होते है। शमी वृक्ष को प्रोसोपिस ‘सिनेरेरिया (Prosopis cinerea) नाम से जाना…

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मकर संक्रांति हिंदी में | Makar sankranti in hindi  Makar Sankranti 2024 – भारत में मकर संक्रांति का त्योहार बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने के साथ दक्षिणायन से उत्तरायण होता है. इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं. आज यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. मकर संक्रांति क्यों मनाते हैं | Makar sankranti kyon manate hain एक अन्य पौराणिक कथा अनुसार मकर संक्रांति  के दिन ही गंगाजी भगीरथजी के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर…

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प्रदोष व्रत हिंदी Katha | Pradosh Vrat Hindi katha Pradosh Vrat 2024 – प्रदोष व्रत कथा  : प्रदोष को प्रदोष कहने के पीछे एक कथा जुड़ी हुई है। संक्षेप में यह कि चंद्र को क्षय रोग था, जिसके चलते उन्हें मृत्युतुल्य कष्टों हो रहा था। भगवान शिव ने उस दोष का निवारण कर उन्हें त्रयोदशी के दिन पुन:जीवन प्रदान किया था अत: इसीलिए इस दिन को प्रदोष कहा जाने लगा। प्रदोष व्रत की विधि | Pradosh Vrat ki vidhi प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat ) पूजा विधि संध्या समय शुभ मुहूर्त में पूजा आरंभ करें। गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल…

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2024 में मौनी अमावस्या कब है? | Mauni Amavasya kab hai | Mauni Amavasya 2024 mai kab hain Mauni Amavasya 2024 – इस साल माघ अमावस्या 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 10 तारीख को 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगा. उदया तिथि 9 को है इसलिए मौनी अमावस्या इस दिन ही मनाई जाएगी. मौनी अमावस्या का व्रत कैसे किया जाता है? | Mauni Amavasya ka vrat kaise kiya jaata hain प्रात: स्नान के बाद सबसे पहले सूर्य देव का अर्घ्य दें. . इसके बाद पितरों को जल से तर्पण दें. . अब आप…

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फ्लोटिंग स्क्रीन से भी कर सकेंगे भक्त राम मंदिर के दर्शन Ram Temple Ayodhya – राम मंदिर से संबंधित आए दिन नई नई जानकारियाँ देखने को मिलती हैं, जिससे मन और मंत्रमुग्ध हो जाता हैं। इसी बीच एक न्यूज चर्चा मे आ रही हैं, जिसमे बताया जा रहा हैं; अयोध्या मे 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का प्रसारण यानि ब्रोडकास्ट देश की सबसे बड़ी फलोटिग स्क्रीन पर पर भी नजर आएगा। हमारे नए, दिव्य और भव्य आकर्षण अयोध्या के साथ साथ श्री राम जन्मभूमि पर बने दिव्य और भव्य राम मंदिर का नजारा भी देखा…

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