जानिये शालिग्राम का हिन्दू धर्म में महत्व | Janiye Shaligram ka hindu dharm me mahtv
Shaligram एक प्रकार का जीवाश्म पत्थर है, जिसका प्रयोग परमेश्वर के प्रतिनिधि के रूप में भगवान का आह्वान करने के लिए किया जाता है। शालीग्राम आमतौर पर पवित्र नदी की तली या किनारों से एकत्र किया जाता है। शिव भक्त पूजा करने के लिए शिव लिंग के रूप में लगभग गोल या अंडाकार शालिग्राम का उपयोग करते हैं।
शालिग्राम वैष्णव समाज के लोगों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शैव परंपरा के लिए शिवलिंग है। शालिग्राम भगवान विष्णु का निराकार रूप माना जाता है जैसे शिवलिंग भगवान शिव का निराकार रूप है। वैसे तो शालिग्राम एक शिला (Shaligram Stone) है परन्तु हिन्दू धर्म में इसका महत्व शिला से कुछ ज्यादा है।
गंडक नदी में पाया जाने वाले शालिग्राम आमतौर पर गोलाकार और काले रंग का होता है। वहीँ बात करें कि इसका नाम शालिग्राम कैसे पड़ा तो गंडक नदी के निकट बसे एक गाँव सालग्राम के नाम के चलते यह नाम पड़ा है।
गंडक नदी में पाया जाने वाले शालिग्राम आमतौर पर गोलाकार और काले रंग का होता है। वहीँ बात करें कि इसका नाम शालिग्राम कैसे पड़ा तो गंडक नदी के निकट बसे एक गाँव सालग्राम के नाम के चलते यह नाम पड़ा है।
शालिग्राम की कीमत
शालिग्राम भगवान कौन से होते हैं? | Shaligram Bhagwan kaun se hote hai?
शालिग्राम भगवान विष्णु का ही एक रूप है जिन्हें तुलसी से श्राप मिलने के कारण वे एक शिला रूपी शालिग्राम में परिवर्तित हो गए थे।
घर में कितने शालिग्राम होने चाहिए? | Ghar me kitne Shaligram hone chahiye?
घर में एक ही शालिग्राम रखा जा सकता है। एक से अधिक शालिग्राम घर में रखना वर्जित है ऐसा करने से शालिग्राम के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
असली शालिग्राम की पहचान कैसे करें? | asli shaligram ki pahchan kaise karen | शालिग्राम पत्थर की पहचान
असली शालिग्राम की पहचान – शालिग्राम को पहचानने के लिए उसके आकार को देखा जाता है। यदि वह शालिग्राम गोलाकार है तो वह भगवान विष्णु का गोपाल रूप माना जाता है। वहीँ भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार वाला शालिग्राम मछली के आकार का प्रतीत होता है। कछुए के अवतार वाला शालिग्राम श्री हरि के कच्छप अवतार जैसा प्रतीत होता है।
शालिग्राम को कहाँ रखना चाहिए? | Shaligram ko kaha rakhna chahiye?
shaligram ji को तुलसी के निकट रखने के साथ ही घर में किसी भी पवित्र स्थान और घर के मंदिर में रखा जा सकता है।
शालिग्राम रखने से क्या होता है? | Shaligram rakhne se kya hota hai?
शालिग्राम बहुत ही सात्विक माना जाता है। घर में शालिग्राम रखने से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और व्यक्ति को सुख समृद्धि प्राप्त होती है।
शालिग्राम जी कौन सी नदी में मिलते हैं? | Shaligram ji kaun si nadi me milte hai?
शालिग्राम मिलने की एक मात्र जगह गंडक नदी है यहीं से शालिग्राम निर्मित होते है जिन्हें हिन्दू समाज पूजता है। पद्मपुराण के मुताबिक गण्डकी यानी नारायणी नदी के पास एक प्रदेश है जहाँ से Shaligram Stone मिलते हैं। बताते चलें कि शालिग्राम को वैज्ञानिक भाषा में अमोनाइट जीवाश्म भी कहा जाता है।
गंडक नदी कौन से राज्य में स्थित है? | Gandak Nadi kaun se rajya me sthit hai?
गंडक नदी मुख्य तौर पर बिहार राज्य में बहती है जबकि इसका उद्गम स्थल हिमालय से है और यह वहां से होते हुए यूपी और फिर बिहार में बहती है।
गंडक नदी का उदगम स्थल कहाँ से है? | Gandak Nadi ka udgam sthal kaha se hai?
गंडक नदी हिमालय पर्वत शृंखला के धौलागिरि पर्वत के मुक्तिधाम से निकलती है। यह नदी तिब्बत व नेपाल से होते हुए उत्तर प्रदेश और फिर बिहार के सोनपुर के समीप गंगा नदी में जाकर मिल जाती है।
क्या स्त्री शालिग्राम की पूजा कर सकती है? | Kya stri Shaligram ki puja kar sakti hai?
कई मान्यताओं के अनुसार केवल पुरुष ही शालिग्राम की पूजा कर सकते हैं परन्तु कई जगह इस बात का भी वर्णन मिलता है कि स्त्रियां भी शालिग्राम की पूजा कर सकती हैं।
शालिग्राम की कीमत? | Shaligram ki keemat kya hai?
शालिग्राम की कीमत उसके आकार पर निर्भर करती है। हमारे पास जो शालिग्राम उपलब्ध है उसकी कीमत 349 है जबकि तुलसी माला के साथ जो शालिग्राम उपलब्ध है उसकी कीमत 549 है। यदि आप खरीदने के इच्छुक है तो इसे prabhubhakti.in पर जाकर Original Gandaki River Vishnu Shaligram Online buy कर सकते हैं।
असली शालिग्राम कहां मिलते हैं
शालिग्राम आमतौर पर पवित्र नदी की तली या किनारों से एकत्र किया जाता है। वैष्णव (हिंदू) पवित्र नदी गंडकी में पाया जानेवाला एक गोलाकार, आमतौर पर काले रंग के एमोनोइड (Ammonoid) जीवाश्म को विष्णु के प्रतिनिधि के रूप में पूजते हैं। शालिग्राम भगवान विष्णु का प्रसिद्ध नाम है।