Mata Kushmanda: माता कुष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्माण्डा का पूजन होता है kushmanda meaning पर गौर करें तो ‘कु’ का तात्पर्य सूक्ष्म तथा ऊष्मा का अर्थ गर्माहट या ऊर्जा से और अंडा शब्द को पृथ्वी का सूचक बताया गया है। ये व्यक्ति के अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं। माता के आठ हाथ होने के कारण Ashtabhuja Devi के नाम से भी पुकारा जाता है। देवी के 7 हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है और उनके आठवें हाथ में सिद्धि और निधियों को देने वाली जपमाला है जिससे वे सभी को सिद्धि व निधि प्रदान करती है। माता कूष्माण्डा की सवारी सिंह है और वे सूर्य के भीतर निवास करती है साथ ही आपको यह भी बताते चलें कि यहां निवास कर सकने की शक्ति भी केवल इन्हीं में निहित है। [1]
Devi Kushmanda Ki Katha: कुष्मांडा की पौराणिक कथा
kushmanda story के अनुसार जब हर जगह अंधकार था, समय का कोई अस्तित्व नहीं था उस वक़्त देवी ने संसार से अँधेरा मिटाने के लिए हल्की सी मुस्कान के माध्यम से एक अंडा आकार में सृष्टि का सृजन किया और पूरे संसार में प्रकाश की लौ जलाई। सृजन की इसी प्रक्रिया के कारण माता का नाम कूष्माण्डा पड़ा।
Mata Kushmanda Ki Puja Vidhi: माता कूष्माण्डा की पूजा विधि
1.4th day of navratri मां कूष्माण्डा को मालपुए का भोग लगाना चाहिए।
2. अर्पित किये गए प्रसाद को ब्राह्मण को दान करना चाहिए इससे व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है।
3. कूष्माण्डा को संस्कृत भाषा में कुम्हड़ कहते है इसलिए देवी को कुम्हड़ की बलि दी जाती है बलि देने से हर संकट से छुटकारा मिलता है।
4. इसके बाद कूष्मांडा का ध्यान कर उनको धूप, लाल फूल, कुम्हड़, सूखे मेवे अर्पित करें।
Devi Kushmanda Mantra: देवी कूष्माण्डा मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ [2]
Kushmanda Mata praarhtna mantra: माँ कुष्मांडा प्रार्थना मंत्र
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
Mata Kushmanda Beej Mantra: माता कुष्मांडा बीज मंत्र
ऐं ह्री देव्यै नम:।
देवी के नाम में ही छिपा है बड़ा राज़
सृष्टि का सृजन करने वाली कूष्माण्डा देवी ने केवल अपने हास्य से ही सृष्टि का सृजन किया था जो इस बात की प्रेरणा हमें देता है कि जीवन में यदि परिस्थतियां अन्धकार के समान हम पर हावी है तो ये दिन भी ढल जाएंगे और प्रकाश की लौ जरूर जीवन में उजाला कर देगी। नवरात्रि के चौथे दिवस पर देवी का सच्चे मन से ध्यान करने से व्यक्ति को हर परिस्थिति में लड़ने के लिए हिम्मत मिलेगी।
1 Comment
Very interesting article keep it up !!
https://hanumanchalisamantra.in/