हेलो दोस्तों आपका हमारे यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवानों की दुनिया से जुड़ी एक अलग और अनोखी कहानी। जिसको सुनते ही आपके होश उड़ जाएंगें।
दोस्तों, आज हम इस वीडियो में बात करने वाले हैं अघोरी बाबा की। जिसके साथ महादेव परछाई की तरह चलती है। यह सुनने में काफी भयावह है, लेकिन सच है। वैसे तो ये बात सभी जानते हैं कि, अघोरी की साधना से कालों के काल महाकाल अति प्रसन्न होते हैं और उनके वश में होकर सारे कार्य को सम्पन्न भी कर देते हैं। इसी से जुड़ी एक सच्ची कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए है। जिसमें एक आम इंसान किस तरह अघोरी की दुनिया में पहुंचा। यह कहानी महाराष्ट्र के एक गांव की है जहां पर सूरज नाम का एक आम लड़का रहता था। वह पढ़ाई करने के लिए मुंबई शिफ्ट हुआ और बी.टेक करने के बाद उसकी एक बड़ी कंपनी में अच्छी-खासी सैलरी पर नौकरी लग गई। फिर कुछ साल बाद उसने अपने साथ काम करने वाली अपनी गर्लफ्रेंड विभा के साथ शादी कर ली। जिंदगी काफी साल से अच्छी चल रही थी, लेकिन कुछ समय बाद वह बच्चे की खुशी के लिए वह तरसने लगे।
इसी इच्छा को पूरा करने के लिए किसी ने उन्हें उत्तराखंड में प्रसिद्ध महादेव के मंदिर के एक बाबा के बारे में उनको बताया। जिनकी कृपा से लोगों को संतान सुख मिलता है। यही इच्छा रखते हुए सूरज का पूरा परिवार उत्तराखंड जाने को तैयार हो गया और सोमवार वाले दिन सभी मिलकर उस मंदिर की ओर चले गये। जैसे ही उनकी गाड़ी उत्तराखंड से कुछ मील पहले रूकी तो वहां तो अघोरी का झुंड जा रहा था। जिसे देखकर विभा हाथ जोड़ने लगी। विभा को ऐसा करते देख सूरज हंसने लगा और मज़ाक उड़ाने लगे। जिसके बाद उनमें से एक अघोरी बाबा को गुस्सा आया और उसने सूरज को कहा कि, बालक आज तो तू हंस रहा है ऐसा ना हो कि, तू भी एक दिन इस झुंड़ में शामिल हो जाए और फिर लोग तुझपर हंसगे। इस बात को सुनकर सूरज को गुस्सा आया और उन्हें वहां से भागने लगा। कुछ देर आराम करने के बाद फिर सूरज और उसका परिवार पहाड़ों पर पहुंच गया जहां के रोड़ काफी संकरीले थे, जिसकी वजह से गाड़ी अनियंत्रित हो गई और खाई में गिर गई, लेकिन सूरज एक पेड़ के सहारे पहाड़ से नीचे गिरने से बच गया। तभी वहां से वही अघोरियों का झुंड गुजर रहा था और सूरज को ऐसी हालत में देखकर उन्होंने उसकी मदद की और उसे बचा लिया, लेकिन सूरज का पूरा परिवार एक झटके में खत्म हो गया।
यह सदमा सूरज बर्दाश्त नहीं कर पाया और बेबस हो गया। फिर वे अघोरी का झुंड सूरज को अपने साथ श्मशान में ले गया। जहां पर वह रहते थे। सूरज को कोई सुधबुध नहीं थी कि उसके साथ क्या हो रहा है और वह कहां पहुंच गया। अगले दिन जब सूरज की आंख खुली तो वह श्मशान घाट में अघोरियों के बीच में लेटा हुआ था। काफी देर तक अघोरी सूरज को घूरने लगे तब सूरज ने कहा कि, मैं अब यहां से जाना चाहता हूं आप मुझे अनुमति तो। तब उनमें से एक अघोरी ने कहा कि, ठीक है तू यहां से जा, लेकिन महादेव तुझे वापिस यहीं लाएंगे। सूरज को यह बात सुनकर हैरानी तो हुई, लेकिन यकीन नहीं हुआ। फिर वह उस श्मशान घाट से जाने लगा। चलते-चलते रास्ते में उसे वहीं अघोरी अपने चारों तरफ दिखने लगे और उसपर हंसने लगे।
ऐसा उसके साथ काफी दिनों तक लगातार होने लगा। फिर वह परेशान होकर एक दिन उस श्मशान घाट में पहुंच गया और अघोरियों से कहने लगा कि, मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है अब मेरा जीना या मरना एक बराबर है,इसलिए मैं अब अघोरी वाली जिंदगी जीना चाहता हूं क्या आप मुझे यह सब सिखाएंगें। तब अघोरियों ने कहा कि, यह हमारी नहीं महाकाल की मर्जी है जिसने तुझे यहां बुलाया है। आज से तू हमारी तरह एक अघोरी बाबा के नाम से जाना जाएगा। तब सूरज ने सारी अघोरी साधना को सीखा व महाकाल के अति समीप पहुंच गया। महाकाल सूरज अघोरी की साधना से इतना खुश हुए कि, वह आज उसके साथ परछाई बनकर चलते हैं। इतना ही नहीं, उस पर महाकाल की अधिक कृपा है वह लोगों के भले के लिए काम करता है व उनकी समस्याओं का समाधान अपनी अघोरी शक्तियों द्वारा करता है।
आस-पास के लोगों ने बताया कि, सूरज अघोरी की अपनी परछाई नहीं दिखाई देती बल्कि महादेव की परछाई उसके साथ हमेशा रहती है। जिसको हर किसी ने देखा है व महसूस किया है। सच में यह कहानी बेहद अनोखी है किस तरह एक आम इंसान से अघोरी बनने का ये सफर सूरज के लिए कितना मुश्किलों भरा रहा होगा, यह वहीं जानता होगा, लेकिन महाकाल की कृपा से आज सूरज खुशहाल जिंदगी जी रहा है व लोगों का भला कर रहा है। आज लोग सूरज अघोरी को भगवान की तरह पूजने लगे हैं, क्योंकि वह उनकी हर मनोकामना व उनकी समस्याओं का समाधान करता है।
यदि आपको हमारी यह अघोरी की सच्ची कहानी पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में जय महाकाल जरूर लिखें।