हेलो दोस्तों आपका हमारा यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं राम भक्त हनुमान जी के बारे में एक ऐसी सच्ची घटना जिसको जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे।
दरअसल, यह कहानी उत्तरप्रदेश के पाटनपुर गांव की है जहां पर एक 8 साल का बच्चा खुद को हनुमान जी का रूप बता रहा है। हालांकि इस बात पर यकीन कर पाना आपके लिए मुश्किल होगा, लेकिन आप उससे मिलने के बाद ही इस सच्ची कहानी पर विश्वास कर पाएंगें। वह बच्चा कब और कहां से आया है ये जानकारी किसी को नहीं है। फिलहाल, अभी तक सिर्फ इतना ही पता चला है कि, वह बालक अपने भक्तों का उद्धार करने के लिए उस गांव में आया है, साथ ही वह बच्चा देखने में साधारण नहीं लगता। उस बच्चे का मुंह बंदर जैसा है और पीछे से पूंछ निकली हुई है और वह अपने साथ एक गदा रखता है। जिसको उठा पाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं है।
बताया जाता है कि, एक दिन सभी गांव वासियों ने मिलकर उस गदे का वजन तोला था जोकि 100 किंवटल निकला। यह देखकर गांव वासियों का गला सूख गया, और वह डर गए कि, आखिर यह असाधारण दिखने वाला बालक महज 8 साल की उम्र में कैसे इतना भारी गदा उठाकर गांव की गलियों में घूम लेता है। जब इस बारे में उस बालक से पूछा गया तो उसका जवाब आया कि, यह गदा मुझे अत्याधिक प्रिय है। फिर उस बालक से गांव वालों ने पूछा कि, तुम इस गदे को लेकर यहां वहां कैसे घूम लेते हो इसका वजन तो 100 क्विंटल है। वह बालक बोला मुझे यह भारी नहीं लगता, जितना इसमें वजन है उससे तिगुना मुझमें है। तब फिर एक गांव वासी ने बालक को उठाने की कोशिश की, लेकिन वह उसे हिल भी नहीं पाया। यह देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति दंग रह गया और सबके मन में एक सवाल पैदा हुआ कि, आखिर कैसे एक बच्चे में इतना वजन हो सकता है जोकि, एक 35 साल का इंसान उसे उठा नहीं पा रहा। वाकई इन सब बातों पर यकीन कर पाना काफी मुश्किल होगा, लेकिन आज भी वह बालक गांव के पास एक जंगल में हनुमान मंदिर के पास अपनी एक कुटिया बनाकर रह रहा है। जहां पर वह अक्सर अपने भक्तों से मिलता है और उनकी समस्याओं को दूर करता है।
इतना ही नहीं, उस बालक के भक्तों ने बताया है कि, वह सच में बजरंगबली का रूप है, क्योंकि कई लोगों ने उसको पेड़ के नीचे ध्यान लगाते समय हवा में उड़ते देखा है। जिसकी सच्चाई आजतक कोई नहीं जान पाया। इसी के साथ हनुमान जयंती वाले दिन वह पूरी तरह से संतरी रंग के सिंदुर से रंग जाता है और गांव के लोग काफी भारी मात्रा में प्रसाद का भोग बनाकर लाते हैं वह सब खा जाता है इतना प्रसाद कोई भी आम बच्चा नहीं खा सकता। इन्हीं कुछ बातों पर गौर करते हुए गांव वासियों ने यह मान लिया है कि, वह बालक हनुमान जी का रूप है जोकि, उनका उद्दार करने धरती पर उतरा है। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि, हनुमान जी की कृपा गांव के एक बुजुर्गे पर हुई जोकि, उनका परम भक्त बन गया।
जिसके बाद उस बुजुर्गे ने बताया कि, एक बार वह अपनी जिंदगी के सबसे बुरे वक्त से गुजर रहा था। जिसका रास्ता ढूंढना के लिए वह उस बालक के पास गया था, लेकिन उस समय वह बालक वहां नहीं था। जिसके बाद उसने सोचा कि, अब चाहे कुछ भी हो वह इसका हल लेकर ही यहां से जाएगा। फिर वह हनुमान जी की कुटिया के बाहर बैठ गया और 2 दिन तक वहां उनका इंतजार करने लगा। फिर 2 दिन बाद जब वह बालक उनके पास आया तो उनकी समस्या का निवारण करते हुए उस बालक ने विशाल और विराट रूप ले लिया। जिसके बाद वह बुजुर्गे हैरान हो गया और उसका विश्वास पक्का हो गया कि, ये कलयुग का छोटा हनुमान है। इस बात की जानकारी बुजुर्गे ने पूरे गांव वासियों को दी, जिसके बाद उस बालक के पास सभी का तांता लगने लगा, लेकिन आजतक उस बालक का यह रूप कोई और नहीं देख पाया है। इसके अलावा उस बालक की उम्र तो बढ़ती है, लेकिन उसकी लंबाई जब से ही उतनी है। इसके पीछे क्या रहस्य है ये तो हम नहीं जानते, लेकिन गांव के लोगों ने उस बालक को हनुमान जी का रूप मान लिया है और उसकी पूजा अब भगवान की तरह करने लगे है।
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