कलयुग एक ऐसा युग है जहां पर इंसान अपने फायदे के लिए कुछ भी कर लेता है फिर चाहे बात धर्म की हो या फिर उसके फायदे की। इंसान फिर भगवान को भी नहीं बख्शता।
यह कहानी भोपाल के एक गांव की है। जहां के एक मुस्लिम व्यक्ति को हनुमान जी ने रातों-रात ऐसा अद्भूत चमत्कार दिखाया। जिसके बाद वह हनुमान भक्त बन गया। आज वह हनुमान जी की भक्ति मंदिर के अंदर जाकर करता है। शायद ही आपने ऐसा देखा होगा कि, एक मुस्लिम धर्म का व्यक्ति हनुमान की भक्ति करता है व चालीसा पढ़ता है। यह दृश्य वाकई में ही देखने व सुनने में हैरान कर देने वाला है, लेकिन यह एक सच्ची घटना है। कहते हैं कि, भगवान का ना तो कोई धर्म होता है ना कोई जाति। भगवान तो सिर्फ प्रेम भाव और श्रद्धा के लिए अपने भक्तों से जुड़ते हैं। ऐसा ही कुछ राकिब खान के साथ हुआ जोकि, कट्टर मुस्लिम धर्म के प्रधान थे। यह कहानी खुद राकिब ने हमारे साथ साझा की, क्योंकि वह चाहता था कि, उसकी तरह और भी मुस्लिम भाई सभी धर्म के भगवानों का मान करें। दरअसल, यह घटना साल 2000 में घटित हुई थी। उस समय राकिब खान अपने इलाके का प्रधान था, इसलिए उसकी हर जगह अच्छी बातचीत थी, लेकिन वह हिंदु भाईओं से काफी नफरत करता था। उनके हर काम में बाधा डालता था।
उसका मानना था कि, उसके इलाके में सारे मुस्लिम लोग ही निवास करें बाकि सारे हिंदु यहां से चले जाएं, लेकिन हनुमान जी के एक सबक ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी। दरअसल, हुआ कुछ यूं कि, राकिब खान के घर के पास एक हिंदु धर्म का व्यक्ति शिवा अपने परिवार के साथ रहने आया था। काफी समय रहने के बाद शिवा को लगा कि, इस इलाके में नज़दीक में कोई मंदिर नहीं है, इसके लिए उसने वहां के हिंदु लोगों से कहा कि, हम यदि इस इलाके में मिलकर मंदिर बनवाने की बात रखेगें तो मंदिर बन जाएगा, लेकिन शिवा यह नहीं जानता था कि, इस इलाके में राकिब का दबदबा अधिक है कोई भी उसके खिलाफ कुछ नहीं करता।यह बात सुनकर वहां के लोग शिवा की बातों को नज़रअंदाज करने लगे, लेकिन शिवा शांत नहीं बैठा और उसने गांव में हनुमान जी का मंदिर बनावाने के लिए भागदौड़ करनी शुरु कर दी। मंदिर बनने भी लगा, राकिब को यह बात रास नहीं आई और वह इसका विरोध करने लगा, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी वहां पर मंदिर बनने का काम बंद नहीं हुआ।
कई महीनों की मशक्कत के बाद जब मंदिर बनकर तैयार हो गया और मूर्ति स्थापना होने का दिन आया तो राकिब ने मूर्ति को चुरा लिया और अपने घर पर ले जाकर छुपा दी। मूर्ति नहीं होने की वजह से मुहुर्त के समय मूर्ति स्थापित नहीं हुई। फिर से कुछ दिनों बाद हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की जाने का मुहुर्त निकाला।उसी रात को राकिब को वह मूर्ति सपने में दिखने लगी और हनुमान जी का विकारल रूप देखकर राकिब के सोते हुए पसीने छूटने लगे। हड़बड़ाहट के साथ राकिब उठा और अपना मुहं पोछने लगा। इतने में उसकी नज़र खिड़की से बाहर की तरफ गई तो उसने देखा कि, एक बड़ी सी परछाई मंदिर की तरफ चलती जा रही है, फिर राकिब बिना किसी को बताए घर से बाहर निकला और उसके पीछे-पीछे चलने लगा जैसे ही वह मंदिर के पास पहुंचा तो वहां पर वह परछाई हनुमान रूप में परिवर्तित हो गई। वह हनुमान जी को देखकर डर गया।
इसके बाद राकिब ने कहा कि, तुम तो हिंदुओ के भगवान हो। तब हनुमान जी ने कहा कि, हां मैं वहीं हूं, लेकिन तूने मेरे भक्तों के साथ अच्छा नहीं किया वो लोग मूर्ति स्थापना करना चाहते है तो तू क्यों नहीं करने दे रहा। फिर राकिब ने बोला मैं चाहता था मेरे इलाके में सिर्फ अल्लाह की ही गूंज हो। हर तरफ अल्लाहा का ही नाम हो, इसलिए मैं यहां पर मंदिर बनने नहीं देना चाहता। तब हनुमान जी ने उस मुस्लिम को अपने मुंह में मक्का का नज़ारा दिखाया और कहा कि, मूर्ख इंसान, अल्लाह और भगवान एक ही है। ये तुम जैसे इंसानों ने हमें बांट दिया है। यह देखकर राकिब हैरान रह गया और माफी मांगने लगा। फिर हनुमान जी ने कहा कि, जिस तरह से यह मूर्ति तूने चुराई उसे उसी तरह से वापिस वहां पर रख दे। तभी राकिब अपने घर गया और मूर्ति लेकर आया मंदिर के पास रख दी। इसके बाद राकिब हनुमान जी को मंदिर के पास ढूंढने लगा, लेकिन वहां पर उसे कोई नहीं मिला। काफी देर ढूंढने के बाद राकिब अपने घर गया और सुबह तक इसी चमत्कार के बारे में सोचने लगा। फिर राकिब ने अपने हाथों से हनुमान जी की मूर्ति को श्रद्धा भाव के साथ स्थापित किया। यह देखकर गांव का हर व्यक्ति काफी हैरान रह गया। इस घटना के बाद से ही राकिब के व्यवहार में काफी बदलाव आया और वह रोज़ाना मंदिर जाकर हनुमान जी की पूजा करने लगा व हर मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ने लगा।
इतना ही नहीं, राकिब ने बताया कि, जब से ही वह हनुमान जी की भक्ति करने लगा है तब से उसके दिन पलट गये है। अब उसके साथ सबकुछ अच्छा-अच्छा हो रहा है। अब राकिब प्रधान से विधायक बना है जिसके पीछे की वजह राकिब ने हनुमान जी को बताया। राकिब के मुताबिक, यह उसके जिंदगी का ऐसा चमत्कार है जिसके बाद वह तरक्की की राह पर चलने लगा है, इसलिए आज भी वह हनुमान जी को मानता है इतना ही नहीं राकिब का पूरा परिवार हनुमान भक्त है। शायद ही अपने ऐसे मुस्लिम परिवार के बारे में सुना होगा, जिनमें हिंदुओं के भगवानों के लिए इतनी ज्यादा आस्था है।