Mahabharat se Kabbadi ki Shuruaat kaise hui ?
Mahabharat se Kabbadi ki Shuruaat – कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसे हर भारतीय अपने बचपन से खेलता आ रहा है, ये सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी खेला जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस खेल को श्री कृष्ण स्वयं खेल चुके है, और इसका ज़िक्र महाभारत में भी किया गया है।ये खेल महाभारत के समय से चलता आ रहा है। लेकिन कुछ देशों का कहना है की इस खेल की शुरुआत भारत से नहीं बल्कि किसी और मुल्क से हुई है। तो चलिए आज आपको बताते है की कितनी सच्चाई है इस बात में और कबड्डी का क्या कनेक्शन है महाभारत और श्री कृष्णा से।
कबड्डी का क्या कनेक्शन है महाभारत और श्री कृष्णा से।
ऐसा कहा जाता है कि यह खेल यादव लोगों के बीच लोकप्रिय था। तुकाराम के एक अभंग में कहा गया है कि भगवान कृष्ण ने अपनी युवावस्था में यह खेल खेला था। जब श्री कृष्णा कंस का वध करने गए थे, उस समय कंस ने श्री कृष्णा को एक चुनौती दी थी और उन्हें एक दैत्य संग युद्ध करने को कहा था और श्री कृष्णा ने कबड्डी के खेल के दौरान उस दैत्य को पटक पटक कर मार दिया था।
महाभारत के एक प्रसंग के अनुसार, अर्जुन ने भी श्री कृष्णा से कबड्डी का खेल खेलने की शिक्षा ली थी। अर्जुन ने शत्रु के जाल में घुस कर, बिना किसी खरोच के शत्रु के किलेबंदी को ध्वस्त करने में महारथ हासिल कर ली थी और ये ही सीख उन्होंने सुभद्रा को देनी चाही थी जब अभिमन्यु उनके कोख में थे। लेकिन जब अर्जुन सुभद्रा को इसकी शिक्षा दे रहे थे उस समय सुभद्रा ने इसका अधूरा ही ज्ञान लिया।कबड्डी को महभारत के चक्रयव्यूह से जोड़ा जाता है जिस समय अभिमन्यु चक्रव्यूह में फसे हुए थे।
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महाभारत काल में कबड्डी को क्या जाना जाता था ?
जैसे उस चक्रव्यूह के सात दरवाज़े थे, उस तरह कबड्डी में भी सात खिलाड़ी होते है। जिन्हें एक एक करके छूकर,सामने वाले खिलाडी से बच कर वापस आना होता है। ठीक ऐसा ही अभिमन्यु के चक्रव्यूह में भी था। और आखिर में जब अभिमन्यु सफलता पूर्वक चक्रव्यूह को भेदते हुए अंदर चले गए, तब उनका इंतज़ार दुर्योधन के साथ 6 महारथी कर रहे थे। जिसके बाद से कबड्डी में भी 7 खिलाड़ी रखने का नियम तय किया गया।अभिमन्यु ने चक्रव्यूह भेद तो दिया था लेकिन उन्हें चक्रव्यूह से बाहर निकलने का ज्ञान नहीं था। जिसकी वजह से उनका वध हो गया।तब से गुरुकुल में भी छात्रों को कबड्डी सिखाने का नियम शुरू हो गया, और यह खेल घर घर फेमस हो गया।
कबड्डी की शुरुआत कब और कहां से हुई ?
वैसे तो कबड्डी 4000 सालों से भी पुराना खेल है, और यह सालों से भारत में खेला जा रहा है लेकिन कुछ इतिहासकारों का कहना है की यह खेल तमिलनाडु राज्य में खेला जाता था और इसका नाम आईपीडी था, जिसका मतलब तामील भाषा में हाथ पकड़े रखना होता है। लेकिन,1915 से लेकर 1920 के बीच इस खेल की शुरुआत का खिताब महाराष्ट्र को दिया जाने लगा।
सिर्फ भारत देश में ही नहीं, विश्व के कुछ देश इस खेल की उत्पत्ति का श्रेय लेना चाहते है। जैसे की ईरान देश का कहना है की यह खेल उनकी देश की उत्पत्ति है, उनके अनुसार करीबन 2000 साल से यह खेल ईरान में खेला जाता है।
क्या आप जानते हैं की कबड्डी किसका राष्ट्रीय खेल है ?
कबड्डी भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश का राष्ट्रीय खेल है। इसे 1972 में बांग्लादेश के राष्ट्रीय खेल के रूप में अपनाया गया था। बांग्लादेश में कबड्डी को हडुडु के नाम से जाना जाता है।आज कबड्डी के खेल के काफी नियम भी बन चुके है और इस खेल को एशियाई गेम्स में खेला जाता है, और इसका वर्ल्ड कप भी आयोजित किया जाता है। भले ही कोई कुछ भी कहे, कही भी यह खेल उत्पन्न हुआ हो, लेकिन आज कब्बडी पुरे विश्व में एक प्रसिद्द खेल बन चूका है। और लोग इस खेल को अपना प्रोफेशन भी बना रहे है।