हनुमान जी संसार के सबसे लोकप्रिय भगवान में से एक है और हज़ारो सालो से हनुमान जी अपने भक्तो के कष्ट हरते आ रहे है. अक्सर श्री राम और श्री कृष्ण के जन्मस्थानो के बारे में चर्चाएं होती है और यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते रहते है पर हनुमान जी के जन्मस्थल के बारे में बहुत लोग नहीं जानते. अलग अलग राज्यों में ये दावे किये जाते है की हनुमान जी का जन्म उनके इलाके में हुआ है. आज हम जानेंगे ऐसे 6 स्थलों के बारे में जिन्हे माना जाता है, हनुमान भगवान जन्म स्थान
हनुमान भगवान के जन्म से जुड़ा पहला स्थल कर्नाटक में स्थित है. कर्नाटक का दावा है कि हनुमान जी का जन्म उत्तर कर्नाटक में हम्पी के पास किष्किंधा में अंजेयांद्री पहाड़ पर हुआ था। कहा जाता है की रामचरित मानस और रामायण के दूसरे ग्रंथों में हनुमान को अंजनि पुत्र और किष्किंधा निवासी बताया गया है।
हनुमान भगवान जन्म स्थान
ऐसा ही एक दावा आंध्र प्रदेश ने भी किया है जिनका कहना है कि हनुमान भगवान का जन्म स्थान अंजनाद्रि पवर्त है जो तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित है. दोनों ही जगहे दावा करती है कि हनुमान जी का जन्मस्थली यही है और इन दोनों राज्यों ने अपने अपने स्तर पर इन जगहों पर बड़े बड़े मंदिरो की स्थापना करने की तैयारी शुरू कर दी है।
तटीय कर्नाटक का गोकर्ण भी हनुमान जी की जन्म स्थली का एक और दावेदार बनकर उभरा है। दावा है कि बजरंगबली का असल जन्म स्थान गोकर्ण स्थित कुडेल का समुद्र तट है। वाल्मीकि रामायण में हनुमान जी ने माता सीता से खुद कहा है कि उनका जन्म गोकर्ण में हुआ था। रामायण के आधार पर हम कह सकते हैं गोकर्ण भगवान हनुमान की जन्मभूमि है और किष्किंधा का अंजेयांद्री उनकी कर्मभूमि थी। वाल्मीकि रामायण में गोकर्ण को उनके जन्म स्थान के रूप में स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
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उत्तर भारत में हरियाणा राज्य में स्थित कैथल भी हनुमान भगवान का जन्म स्थल माना जाता है , आज का कैथल पहले के समय में कपिस्थल के नाम से काफ़ी मशहूर था. कपिस्थल के राजा भगवान हनुमान के पिता केसरी रहे हैं. यही मुख्य वजह है कि कैथल को भगवान हनुमान जी की जन्मस्थली कहा जाता है. इसकी एक और पहचान पार्क रोड के नजदीक प्राचीन हनुमान मंदिर भी है, जो अंजनी मां के टीले के नाम से बहुत अधिक मशहूर है जो की हनुमान जी की माता अंजनी माता को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर का इतिहास सतयुग से जुड़ा हुआ है. पहले के समय में यहाँ एक विशाल टीला हुआ करता था. ऐसी ही अनेक मान्यताओं में से एक मान्यता यह भी जुड़ी हुई है कि यहां माता अंजनी का निवास था और हनुमान जी का जन्म भी इसी स्थान पर हुआ था. इस वजह से इसे आज तक अंजनी का टीला कहा जाता है।
हनुमान भगवान जन्म स्थान
पांचवी जगह जिसे हनुमान भगवान से जोड़कर देखा जाता है वो महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है. नासिक में स्थित अंजनेरी मंदिर का खास महत्व है। माना जाता है कि हनुमान भगवान का जन्म स्थान भगवान हनुमान का जन्म यहीं हुआ था। अंजनेरी में हनुमान जी की माता अंजनी की बेहद खूबसूरत प्रतिमा है और माना जाता है कि हनुमान जी यहीं पर अपना बचपन में निवास करते थे।
हनुमान भगवान से जुडी आखिरी जगह झारखंड के गुमला जिले से 22 किलोमीटर उत्तर आंजन गांव है। अंजनीपुत्र वीर हनुमान के जन्म का इसी आंजन ग्राम से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि माता अंजनी ने हनुमान जी को यहीं जन्म दिया । उन्हीं के नाम पर गांव का नाम आंजन पड़ा।
हनुमान जी की इन सभी जगहों को उनकी जन्मस्थली से जोड़कर देखा जाता है पर लोगों के बीच किसी एक स्थल को लेकर सहमति नहीं है।