हेलो दोस्तों आपका हमारा यूट्यूब चैनल में स्वागत है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, देवों के देव महादेव के एक ऐसे रहस्य के बारे में जिसको सुनकर आप दंतों तले उंगली दबा लेगें। जी हां, यह तो सब जानते हैं कि, महादेव को नाग कितने प्रिय है। वह अपने गले में नाग देवता को आभूषण की तरह सजाए रखते हैं, लेकिन विकराल रूप धारण करने पर वह नाग देवता से ही अपनी नाराज़गी जाहिर करते हैं। ऐसा क्यों हुआ और किस वजह से हुआ इन सभी बातों को जवाब आपको हमारी इस रहस्यमय वीडियो में मिलेगा।
यह कहानी राजस्थान के एक छोटे से गांव की है।जहां पर एक सुखराम नाम का पुजारी रहता था। जोकि,महादेव का परम भक्त था। सुखराम ने ही हमें सारी कहानी के बारे में बताया कि, एक बार उनके गांव में सांपों की बारिश होने लगी, उसके पीछे एक मुस्लिम धर्म के मौलान की ऐसी करतूत थी जिसको देखकर हर किसी की रूह कांप गई। जी हां, राजस्थान के इस गांव में मंदिर के सामने ही पीर बाबा की मजार है। यहां पर भक्त अपने-अपने धर्म के मुताबिक इक्ट्ठा होते हैं व भगवानों की पूजा अर्चना करते हैं। ऐसे में एक बार सावन महीने में एक घटना घटी जिसको देखने के बाद सभी को आंखों से आंसू आ गये और लोग अपनी जान की भीख मांगने भगवान के दर पर गये। दरअसल, सुखराम ने बताया कि, हमारे गांव में सावन महीने में महादेव का मेला लगता है, जिसमें कई साधू संत आते हैं और महादेव को मानने के लिए यज्ञ करते हैं, लेकिन एक कट्टर मौलाना की गंदी करतूत की वजह से उसने महादेव को क्रोधित कर दिया जिसके बाद नाग आसमान से बरसने लगे।
सुखराम ने आगे बताया कि, जब वह साधू यज्ञ करने के बाद शिवलिंग पर दूध का अभिषेक कर रहे थे, तब मौलाना ने एक नाग को पकड़कर उसकी हत्या कर दी और मंदिर के अंदर फेंक दिया। उसने यह सब छुपकर किया, लेकिन एक हिंदु भाई ने उसको यह सब करते देख लिया और वहीं उसको पकड़ लिया और लोगों को बुलाकर उसको खूब मारा, लेकिन यह बात किसी को नहीं पता था कि, वह नाग-नागिन के साथ रहता था, इसलिए वह नागिन भी वहां पर आ गई और गुस्से में उस मौलाना को कांटकर उसकी जान ले ली। इसके बाद महादेव को क्रोध आया और अंधाधुंध नागों की बारिश आसमान से होने लगी। इतने नाग आसमान से कैसे गिर रहे थे, यह सवाल सबके मन में चल रहा था, लेकिन आर्श्चय की बात यह थी कि, आसमान से नाग इतनी संख्या में गिर रहे थे एक नागों का पहाड़ बन गया था। फिर सुखराम पुजारी ने साधू-संतो से विनीत की आप यदि महादेव से प्रार्थना करोगे तो शायद यह प्रकोप थम जाएगा। इस पर साधू-संत ने कहा कि, अब इसको सिर्फ मां पार्वती ही रोक सकती है। हम सबको मिलकर उनसे विनीत करनी होगी ताकि यह कहर थम जाए।
इसके बाद जब सभी लोगों ने मंदिर के अंदर जाकर मां पार्वती से नागों की बारिश रूकवाने की अरदास लगाई तो थोड़ी ही देर में वहां पर कई सपेरे आए और नागों को पकड़कर अपने साथ ले जाने लगे। लोगों ने उन सपेरों से बात करनी चाहि, लेकिन वह किसी से भी बात नहीं कर रहे थे। उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो, वह सिर्फ यहां पर नागों को लेने आए हैं और नाग वर्षा को रोकने के लिए आये हो। हैरानी की बात तो ये थी कि, उन सपेरों के आते ही नागों की बारिश पूरी तरह से रूक गई थी। यह सब होने के बाद वहां पर मची हलचल भी खत्म हो गई। यह सब देखकर मुस्लिम धर्म के लोग डर गए और कहने लगे वाकई आपके तीनों लोकों के देव महादेव सच में जितने दयालु हैं उतने ही विकराल भी हैं, यदि आज हमारी जान बची है तो सिर्फ मां पार्वती की वजह से ही ऐसा हुआ है। हमने यह चमत्कार कभी भी नहीं देखा था। आज यह देखकर विश्वास हो गया कि, हिंदु धर्म के महादेव काफी शक्तिशाली भगवान हैं। इस चमत्कार के बाद से ही उस गांव के सभी मुस्लिम लोग महादेव के आगे सिर झुकाते हैं व उनको दिल से मानते हैं।