यह एक सच्ची घटना है जोकि, वैष्णों देवी के एक भक्त के साथ घटित हुई है। यह 1990 की बात है एक सोनार था। जिसका नाम विश्वनाथ है जिसने पैसों और व्यापार का सुख तो देखा, लेकिन बच्चे का सुख कई साल तक उसे प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन एक आशा के साथ उसकी पत्नी नीलम अपनी जिंदगी व्यतीत कर रही थी। वह वैष्णों देवी की बहुत बड़ी भक्त थी। वह जब 8 साल की थी तब से लेकर अब तक वह वैष्णों देवी के व्रत रखती थी व रोज़ उनकी उपासना करती थी। 10 सालों तक औलाद के सुख वंछित नीलम फूट-फूटकर माता के मंदिर के आगे रोने लगी और कहने लगी हे मां मैंने ऐसा कौन सा पाप किया है जो मुझे आजतक औलाद के सुख की प्राप्ति नहीं हुई। वह जिस मंदिर में जाती थी उस मंदिर में एक बूढ़ी औरत हमेशा रहती थी वह हमेशा उसे औलाद होने का आशीर्वाद देती। एक दिन नीलम के सब्र का बाण टूटा और वह मंदिर में ही सभी के आगे फूट-फूटकर रोने लगी। फिर उस बूढ़ी मां ने कहा कि, बेटी तू जब वैष्णों माता को इतना मानती है तो उनके दरबार पर जाकर क्यों नहीं अपने बच्चे के लिए विनती करती। यह सुनकर नीलम अपने घर आकर अपने पति से वैष्णों मंदिर जाने की जिद्द करने लगी। विश्वनाथ ने नीलम को परेशान होते देख तुरंत वैष्णों देवी के मंदिर जाने का प्लान बना लिया और अगले ही महीने नवरात्र में वहां जाने की टिकट कर ली। अगले महीने जब नवरात्रे में नीलम अपने पति के साथ वैष्णों देवी के मंदिर गई। जैसे ही वह वैष्णों देवी की चढ़ाई करने लगी तो वहां उसे लड़की मिली जो अपने माता-पिता से बिछड़ गई। नीलम ने कहा हम भी चढ़ाई करके ऊपर तक जाएंगे अगर तुम आना चाहती हो तो आ जाओ। तब वह लड़की उनके साथ चढाई करने लगी। वह ऊपर तक उनके साथ गई लेकिन जब मंदिर पास आया तो वह लड़की कही भी नहीं दिखी उसके बाद नीलम ने अपने पति के साथ दर्शन किये और नम आंखों से माता से अपनी औलाद की विनती की। इसके बाद जब नीलम और उसके पति नीचे की तरफ जाने लगे तब वह लड़की फिर उन्हें मिली और नीलम को प्रसाद दिया। प्रसाद खाने के बाद वह बातें करते हुए नीचे की ओर जाने लगे तब उस लड़की ने नीलम को एक फूल दिया और कहा हर समय यह फूल तुम्हें अपने पास रखना होगा। तुम्हारी इच्छाएं पूरी होगी। नीलम ने वह फूल लिया और कहा कि तुम इतने विश्वास से कैसे कह सकती हो कि, इस फूल से मेरी मुराद पूरी होगी। उस लड़की ने कहा कि, तुम अभी कुछ ऐसी मनोकामना मागो जो अभी पूरी हो सकती है। उसने बोला कि, मेरे पति का कही पैसा फंसा हुआ है वह आदमी इनको धमकी दे रहा है कि, यदि तूने पैसा मांगा तो मैं तुझे जान से मार दूंगा। हमने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। उस लड़की ने कहा चिंता मत करो आप दोनों आंखे बंद करो और उस इंसान का नाम लेकर अपने पैसे वापिस मांगने की मनोकामना मांगो। वैसा ही नीलम और उसके पति ने किया। इतने में वह लड़की वहां से पता नहीं कहां चली गई यह किसी को नहीं पता। फिर थोड़ी देर तक चलते-चलते विश्वनाथ के फोन पर एक पैसों का मैसेज आया और उसके बाद थोड़ी देर में ही उसका फोन आया जिसने विश्वनाथ से पैसे ले रखे थे कि, उसको बहुत बड़ा मुनाफा हुआ है जिसमें से वह उसका कर्ज उतार रहा है। यह देखकर नीलम और उसके पति को लगा कि, वाकई वह लड़की सच बोल रही थी। इन सबको लेकर नीलम और उसका पति काफी उत्साहित हो रहे थे। घर पहुंचने के बाद अगले दिन जब नीलम पूजा कर रही थी तब उस फूल को हाथ में रखकर उसने औलाद प्राप्त करने की मनोकामना मांगी। वह ऐसा रोज़ाना करने लगी। कुछ महीने बाद नीलम को मां बनने का सुख प्राप्त हुआ और उसने एक कन्या को जन्म दिया। जिसका नाम उसने वैष्णवी रखा। आज भी नीलम किसी भी मनोकामना को सच्चे मन से उस फूल को लेकर मांगती है तो उसके हर काम पूर्ण होते है। कहते है देवी शक्ति परम शक्ति। जिसको आजतक कोई नहीं पहचान पाया है। यह चमत्कार भी ऐसा ही था जिसका राज़ आजतक कोई नहीं खोल पाया।