यह कहानी एक ऐसे जंगल की है जहां की एकांत जगह पर शिवजी का वास है। जी हां, मध्यप्रदेश में एक काफी घना जंगल है। जिसके बारे में आजतक कोई नहीं जान पाया। कुछ जानकारों का कहना है कि, यह जंगल शाम के बाद गायब हो जाता है, यदि कोई इस जंगल में कोई भूलकर भी जाता है तो वापिस नहीं आता। यह जितना सुनने में भयानक लग रहा है उतना ही यह जंगल रहस्यमय है। यह जगंल कहां से शुरु है और कहां पर खत्म है, यह किसी को भी नहीं पाता और रात के समय यहां कुछ क्यों नहीं दिखता। इसका जवाब भी किसी के पास नहीं है।
बताते हैं कि, यहां वैज्ञानिकों की 8 टीम आ चुकीं हैं, लेकिन सभी अंदर जाने के बाद आजतक बाहर नहीं आई। यह एक सच्ची घटना है इस जंगल का रहस्य काफी सालों से उलझा हुआ है, कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो इसके बारे में पूरी कहानी जानता हो। इसका राज़ जानने वाला सिर्फ एक महादेव का भक्त है जोकि, कभी-कभी लोगों को रोड़ पर घूमते हुए नज़र आता है। बताया जाता है कि, वह शख्स दिखने में गरीब और मानसिक पीड़ित लगता है, लेकिन वह लोगों को इस जंगल के बारे में सच्चाई बताता है। साल 1972 में एक परिवार इसी रास्ते से महादेव के किसी मंदिर में दर्शन के लिए जा रहा था। अचानक उनकी कार के आगे वही शख्स आ गया और बोला कि, बाहर निकल तुझे महादेव नहीं बुलाया और कहा कि, तू मेरी एक सच्ची कहानी सुन। उसमें से घर का मुखिया बाहर निकला और कहा कि, हमें जाने दो आगे महादेव के दर्शन के लिए हमें जाना है। यह सुनकर वह शख्स बोला कि, अभी महादेव ने तुम्हें नहीं बुलाया। तुम सब मिलकर इस जंगल की सच्चाई सुनो। उनके परिवार को लगा कि यह व्यक्ति मानसिक रूप से ठीक नहीं है उन्होंने गाड़ी की रफ्तार को तेज़ किया और आगे चले गए। थोड़ी-सी दूर पर जाकर बड़े ब्रेकर पर उन सबकी मौत हो गई। उसके बाद यह शख्स जंगल की ओर कहां चला गया पता नहीं। ऐसा होते हुए एक गांव वासी ने देखा और डरकर अपनी साइकिल तेज़ी से भागकर चला गया। धीरे-धीरे यह बात पूरे गांव में फैल गई। जिसके बाद उस शख्स का राज़ खुला। जबसे ही वह शख्स लोगों को आते-जाते परेशान करने लगा, लेकिन रात के समय वह किसी को नज़र नहीं आता। गांव वासियों का मानना है कि, इस शख्स की आकस्मिन मौत इस जंगल में हुई होगी जिसकी वजह से इसकी रूह हर किसी को दिखती है और जंगल कि जानकारी देती है। कोई साधारण इंसान गायब नहीं हो सकता और ना ही जंगल में जा-आ सकता है, तो यह कोई मनुष्य नहीं रूह हो सकती है।
काफी सालों से इस गांव को लेकर बातें हो रही है, लेकिन आजतक सरकार भी इस जंगल के बारे में पता नहीं लगा पाई, इसलिए इस जंगल का ना तो कोई नाम रखा गया है और ना ही इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी हासिल है। वहां के एक बुजुर्ग ने बताया कि, एक बार मेरा बेटा साहिल रावत इसी रास्ते से गुजर रहा था तो वह व्यक्ति उसको मिला। साहिल अपनी साईकिल से शहर की तरफ नौकरी करने जाता था। एक दिन साहिल अपनी नौकरी पर जा रहा था, अचानक वह व्यक्ति बीच सड़क पर आकर साईकिल रूकवाने लगा। साहिल ने साईकिल रोकी। जिसके बाद उस अनजान शख्स ने जंगल की सच्चाई बतानी शुरू की। उसने कहा कि, यह जंगल सिर्फ महादेव का है यहां पर उनका वास है यदि कोई उनके इस जंगल में आता है तो वह उसको बिल्कुल नहीं बक्सते। एक बार मैंने यह गलती कर दी थी। मैं भगवानों के प्रति बिल्कुल भी आस्था नहीं रखता था। एक दिन मुझे शिकार करना था। जिसके लिए में इस जंगल में चला गया। मैंने देखा यहां हर तरीके के जानवर हैं जिन्हें शायद हम जानते भी नहीं है। मुझे एक बहुत खूबसूत खरगोश दिखा जिसका पीछा में काफी देर तक करता रहा। पीछा करते-करते में जंगल के बीच में कब पहुंच गया। मुझे पता नहीं चला। उस समय मेरे पास शिकार करने के लिए तीर कामना था। जिससे मैं काफी सालों से शिकार करता आ रहा था। अचानक मुझे एक बड़ा बकरा नज़र आया जिसका शिकार करने के लिए मैं आगे बढ़ा। वह बकरा काफी देर से एक ही स्थान पर खड़ा था। जैसे ही मैंने तीर कामना चलाया तो वह उस बकरे के आर-पार होकर वहां पर विराजमान शिवलिंग पर जाकर लगा। जिसके बाद मेरी आंखों की रोशनी चली गई और मैं भटकता हुआ इस रास्ते पर आया। मेरी आंखों से खून की नदियां बहने लगी मदद की पुकार की, लेकिन किसी ने भी मेरी मदद नहीं की।
यह कहानी सुनने के बाद साहिल को लगा शायद महादेव का दंंड है जो यह शख्स मिला, फिर इसके बाद उस शख्स ने बोला कि, तुम जानते हो मैं कौन हूं, साहिल ने कहा, नहीं, फिर उस शख्स ने बताया कि, मैं अब इस दुनिया का नहीं हूं, मेरी रूह महादेव की भक्ति करती है और उनकी शक्ति को बताना मेरा काम है जो मैं काफी सालों से कर रहा हूं। यह सुनकर साहिल घबरा गया और वापिस अपने घर की ओर चला गया। घर पहुंचकर उसने अपने परिवार को पूरी कहानी सुनाई। घरवालों ने कहा कि, ठीक है तुम भगवान के आगे हाथ जोड़ों तुम्हें कुछ नहीं होगा, लेकिन अगले ही दिन साहिल कहां, कब, किसके साथ गया। यह किसी को नहीं पता। घरवालों ने पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई तब भी साहिल का कोई पता नहीं चला। साहिल का यूं बिन बताए गायब होना आजतक राज़ ही बना हुआ है। गांव वालों का मानना है कि, साहिल भी महादेव की नगरी में पहुंच गया है। इसलिए अब इस कहानी को कोई भी किसी के साथ साझा नहीं करता, लेकिन उस शख्स का सिलसिला आज भी इस सड़क पर चल रहा है। जिसकी वजह से यहां पर लोगों की आवाजाही कम है।