जब भक्त की प्राण रक्षा करने पहुंचे नंदी में महादेव

जब संकट के समय व्यक्ति के पास कोई उपाय नहीं होता उस समय बागवान ही अपने भक्त का हाथ थाम कर बेडा पार लगते है ऐसा ही एक चमत्कार हुआ बीते दिनों महाराष्ट्र के नासिक शहर में रहने वाले महादेव के अनन्य भक्त प्रीतम के साथ। प्रीतम सदैव ही महादेव की भक्ति में लीन रहा करता था प्रत्येक वर्ष  महादेव के किसी भी एक  धाम की यात्रा परअपने पूरे परिवार  जाया करता था।  कुछ दिन पहले  जब प्रीतम दफ्तर में बैठ टेलीविज़न पर समाचार देख रहा था तब ,
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर अकोला, नासिक और मुंबई के इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है।  कुछ जगहों पर हालात बेहद गंभीर हैं. अकोला में 60 से ज्यादा घरों में पानी घुस गया. कई दुकानों में भी पानी भर गया. वहीं, नासिक में लगातार बारिश के बाद सड़कों पर समंदर जैसे हालात हैं।  मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है ऐसी खबर मिलते ही प्रीतम चिंतित हो उठा क्यों की प्रीतम के परिवारजन बस मार्ग से अपने रिश्तेदार के घर से लौट रहे थे।  प्रीतम ने अपनी पत्नी को फ़ोन लगा कर वह सही सलामत है या नहीं खबर ली तो पता चला वह सभी बस स्टैंड के बाहर फसे है।  पानी सड़को पर भर चुका है।  गाड़ियां सड़को पर नाव की तरह तैर रही है।  चिंतित प्रीतम दफ्तर से जल्द बाज़ी में बस स्टैंड के लिए निकल गया।  वह जिस मार्ग पर निकलता वह पानी भरा हुआ पाया।  प्रीतम असहाय होकर सभी ओर दौड़ने लगा।  फिर वह एक ऐसे मार्ग पर जा पहुंचा जहाँ पानी तो भरा हुआ था परन्तु अन्य मार्गो से कम था।  प्रीतम के आधे पैर पानी में डूबे हुए थे चलते चलते किसी बड़े से गड्डे में उसका पैर फंस गया अपार कोशिशों पर भी वह अपना  पैर गड्डे से नहीं निकल पाया तभी उसने दूसरी ओर से एक गाड़ी को अपने ओर आते हुए देखा जिसके ब्रेक सड़क पर भरे पानी के कारण लगने में असमर्थ थे।  गाडी को अपनी ओर इतनी रफ़्तार में आते देख प्रीतम बेहद दर गया ओर महादेव से रक्षा की गुहार लगाने लगा तभी कुछ ऐसी घटना गठित हुई जिसे देख सभी हैरान रह गए अचानक से एक सफ़ेद रंग का विशाल बैल आया जिसने अपने सींगो से तेजी से प्रीतम की ओर बढ़ती गाडी को रोक कर किनारे कर दिया ओर अपने सींगो से ही बिना किसी हानि पहुचाये प्रीतम का पैर भी उस गड्डे से निकल दिया सभी लोग यह नज़ारा आश्चर्य  से देखते रह गए। प्रीतम को ज्ञात हुआ की महादेव ने स्वयं नंदी बैल को बेज उसकी प्राणो की रक्षा की है।

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