श्री कृष्ण ने भगवत गीता में कहा था , की कण कण में भगवान् है।
मनुष्य , पशु , पक्षी , पेड़ , पौधे , हवा ,पानी हर किसी में भगवान् है , बस देखने वाले का भाव दृढ व आस्था प्रबल होनी चाइए।
आज हम ऐसे ही प्रबल आस्था की सच्ची घटना आपको बताने जा रहे है परन्तु उससे पहले यदि आप हमारे चैनल पर नए है तो चैनल को सब्सक्राइब अवश्य कर दे और साथ ही नीचे दिए गए घंटी के बटन को दबाना ना भूले।
कई वर्षो पुरानी बात है ,उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सिकरी जिले में श्याम नाम का एक व्यक्ति रहा करता था , जोकि कालीन बनाने वाले एक कारखाने में कालीन बनाने का काम किया करता था। वह काफी लम्बे समय से बजरंगबली की भक्ति में लगा रहता था।
श्याम के परिवार में उसकी पत्नी व उसका एक 12 साल का पुत्र था जिसका नाम था राहुल। श्याम अपने पुत्र को उसके बचपन से ही अच्छी शिक्षा प्रदान किया करता उसके साथ वह उसे बजरंगबली के पराक्रम के किस्से , व कथाएं भी सुनाता रहता।
राहुल को भी बजरंगबली के किस्से कहानियां बड़ा ही उत्साहित किया करती थी। श्याम के जीवन में जब भी किसी प्रकार की समस्या आती तो वह सिर्फ बजरंगबली की ही शरण में जाता।
सब कुछ सुखमय व्यतीत हो रहा था। तब एक दिन श्याम को कारखाने जाने में विलम्ब हो गया , तो वह घर से बिना भोजन लिए चला गया।
इसी कारन से श्याम की पत्नी ने उसके लिए अपने पुत्र राहुल के हाथों खाने का डिब्बा भेजा।
राहुल खेलते खेलते हुए खाने का डिब्बा लेकर अपने पिता को देने जा रहा था , वह कभी बीच मार्ग में तेज दौड़ने लगता तो कभी कंकड़ों को लात मारता हुआ आगे बढ़ रहा था।
दूसरी ओर से श्याम भी कारखाने से घर के लिए जल्दी निकल आया था , बीच मार्ग में पहुँच कर श्याम ने अपने पुत्र को उसकी ओर आते हुए देखा , परन्तु फिर जो वहाँ हुआ उसे देख सभोई की आँख फटी की फटी रह गयी।
राहुल ने अपने पिता को तो नहीं देखा परन्तु सड़क के बीचो बीच बिजली के खम्बे से एक टूटी हुई तार बहुत नीचे लटक रही थी , राहुल तेजी से तार की ओर दौड़ा ओर खेल खेल में तार को पकड़ लिया। राहुल को तार पकड़ते ही बहुत तेज बिजली का करंट लगा राहुल तार से चिपका ही रह गया।
यह देख श्याम अपने पुत्र को बचाने के लिए उसके पास दौड़ा और तार को छुड़ाने के लिए कोई लकड़ी ढूढ़ने लगा , जल्द ही वहाँ बहुत भीड़ एकत्र हो गई , किसी को राहुल को तार से दूर करने का जब कोई मार्ग नहीं दिखा।
तब श्याम ने रोते हुए बजरंग बलि से अपने पुत्र की प्राण रक्षा की गुहार लगायी। तभी अचानक भीड़ के बीच से एक कुत्ता भागता हुआ आया और उस कुत्ते ने एक लम्बी छलांग मारकर अपने मुँह से तार को खींच लिया और सड़क के दुसरे किनारे पर गिर गया , राहुल के हाथ से तार हट गया राहुल का हाथ तो करंट के कारण जल गया परन्तु उसकी जान बच गयी , और न जाने कैसे इतने तेज़ करंट से वह कुत्ता बच गया।
यह देख वहाँ मौजूद लोग यह देख हैरान रह गए , श्याम को समज आ गया की बजरंगबली ने कुत्ते को भेज उसके पुत्र की प्राण रक्षा की।
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