अगर आपको पैसे की जरूरत है। अपनी बेटी की शादी के लिए रुपया चाहिए या फिर व्यवसाय चलाने के लिए धन चाहिए तो परेशान न हों, यहां आइए और रुपए ले जाइए। जी हां, राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक गांव झांसड़ी में एक ऐसा ही मंदिर है।
जी हाँ मंदिर जहाँ जिसे भी जितनी जरूरत है वह उतने पैसे वह से लेजा सकता है , और लेजाया गया पैसा कुछ ही दिनों मैं तिगुना चौगुना हो जाता है , बाद मैं आप वह लिया हुआ पैसा वापस बजरंग बलि को लौटा सकते है।
सुनने व मानने में नामुमकिन लगता है न परन्तु सत्यता यही है। आज से कुछ वर्षो पुरानी बात है ,गांव झांसड़ी में एक सुरेश नाम का व्यक्ति रहा करता था जो की एक लम्बे समय से बजरंगबली की पूजा पाठ किया करता था , वह अनाज का थोक विक्रेता था , उसे किसी भी प्रकार की परेशानी हुआ करती तो वह बजरंगबली के सामने अपनी झोली फैलता और उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाया करती थी।
एक बार सुरेश की बेटी की तबियत बहुत बिगड़ गयी डॉक्टर ने बताया की बेटी के इलाज़ के लिए उसे अस्पताल में काफी पैसे भरने होंगे , परन्तु सुरेश पर इतना धन नहीं था की वह अपनी बेटी का इलाज करा सके , उसका धन्दा भी कुछ माह से बंद ही चल रहा था , जब उसे कोई मार्ग नहीं मिला तो वह परेशान होकर गांव के मंदिर में जा पंहुचा और बजरंगब बलि से सहायता की गुहार करने लगा।
जिस समय वह अपनी आँख बंद किये बजरंगबली से प्रार्थना कर रहा था , उसी समय उसे एक विशेष अनुभूति हुई जिसमे बजरंगबली ने सुरेश को उसकी मूर्ति में बानी हुई जे से आवश्यकता अनुसार पैसे निकलने को कहा , सुरेश को कुछ समज नहीं आया की यह क्या हुआ।
परन्तु उसने वैसा ही किया जो उसे बजरंगबली ने करने को कहा था , उसने जेब से पैसे निकल लिए और अपनी बेटी का इलाज़ करवा लिया अगले ही दिन ऐसा चमत्कार हुआ की उसका बंद पड़ा हुआ धन्दा चल पड़ा उसे दिन दोगुना रात चौगुना मुनाफा होने लगा , सुरेश ने भी पूरी ईमानदार से हनुमान जी की जेब से निकले हुए पैसे कुछ ही दिन में वापस उन्ही की जेब में डालकर लौटा दिए।
यह बात पूरे गांव में फ़ैल गयी सभी या सुन कर दंग रह गए , अब जिसे भी जैसी जरूरत होती वह वह से उतने पैसे निकल लेता और कार्य पूरा होते ही पैसे बजरंगबली को लौटा दिया करता।
एक दिन यह बात एक चोर को पता चली की हनुमान जी की जेब से कितने भी पैसे निकले जा सकते है तो एक रात मंदिर में किसी को न पाकर को उसने बजरंगबलि की जेब में हाथ डाल पैसे निकलने का प्रयास किया परन्तु फिर जो हुआ उसे देख सभी के होश उड़ गए , चोर ने जैसे ही जेब में हाथ डाला उसका हाथ जेब में ही फंस गया , अथक प्रयसों के बावजूद चोर अपना हाथ जेब से नहीं निकल पाया , देखते देखते वह बहुत भीड़ लग गयी और सब मिलकर भी उसका हाथ न निकल पाया।
तब पुजारी ने बताया ये हाथ ऐसे नहीं निकलेगा तुम्हे हनुमान जी से सच्चे मन से माफ़ी मांगनी पड़ेगी उसके बाद ही तुम अपना हाथ निकल पाओगे , चोर ने उसके बाद जब हनुमान जी से सच्चे मन से माफ़ी मांगी उसके बाद उसका हाथ जेब से निकल पाया।
परन्तु इस किस्से के बाद हनुमान जी की जेब से पैसे निकलने का चमत्कार होना बंद हो गया उसके बाद आज तक फिर से ऐसा कोई भी किस्सा सामने नहीं आया , पर वहाँ जो हुआ उसने सभी को हिला कर रख दिया किसी को अपने आँखों देखे पर भी यकीन नहीं हो रहा था।