हैलो दोस्तों आपका हमारा यूट्यूब चैनल में स्वागत है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, नागों का एक अनोखा रहस्य जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। जी हां, शायद ही आपको नागों के बारे में इतना बड़ा सच पता होगा। इसी के साथ वीडियो में बात करने वाले हैं नागों से बनी नागमाणि की। इस चमत्कारी नागमाणि की रक्षक कौन है इसके बारे में जानकर आपके पैरों तले ज़मीन खिसक जाएगी। कई साधु-संत और सपेरे इस नागमाणि की तलाश में काफी सालों से भटक रहे है, लेकिन यह नागमाणि किसी के हाथ नहीं आती। आजतक ये नागमाणि किस नाग के साथ विलुप्त है उसका भी राज़ इस वीडियो के जरिए हम आपतक पहुंचाएंगें।आप आखिरी तक हमारी इस दिलचस्प वीडियो को देखें।
कहते हैं कि, जिस भी इंसान के पास नागमाणि होता है, उसकी किस्मत रातों-रात बदल जाती है, इसलिए सालों से नागमाणि की तलाश चल रही है। आज हम आपको एक चमत्कारी नागमाणि से रूबरू कराएंगें। जोकि, दुलर्भ माणि है। इस माणि में इतनी चमक होती है कि, आप इसको नंगी आंखों से नहीं देख पाओगे। यह एक अद्भूत माणि है। जिसकी लालसा हर इंसान को रहती है। यदि ये नागमाणि किसी व्यक्ति को अनजाने में मिल जाती है तो उसकी किस्मत बदल जाती है। फिर उसकी जिंदगी में सबकुछ उसकी इच्छा के मुताबिक होने लगता है, जोकि साधारण लोगों के साथ नहीं होता। साथ ही उन लोगों का संघर्ष समय भी खत्म होने लगता है और सबकुछ बिना कुछ किए मिल जाता है। इतना ही नहीं, जब तक यह नागमाणि किसी इंसान के पास रहती है तब तक उसकी जिंदगी में चमत्कार होते रहते हैं। बताते हैं कि, नागमाणि में देवताओं जैसा अंश आ जाता है। जिसके कारण उसे आसानी से प्राप्त करना अंसभव है और ये चमत्कार होना देवताओं की उसपर कृपा की वजह से होता है।
यह कहानी हमारे साथ राजस्थान से राणा प्रताप सिंह ने साझा की है। वह राजस्थान में काफी प्रसिद्ध और अमीर शहजादे हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई बुलंदियां हासिल की है, जिसके पीछे का कारण उन्होंने एक अदृश्य नागकन्या को बताया है। आपको बता दें कि, राणा प्रताप नागकन्या से मिले हुए हैं। जिसके बाद से उनकी जिंदगी में कई ऐसे चमत्कार हुए है जिसको वह शब्दों में जाहिर नहीं कर पाते। जी हां, उनको जीवन में वह सब प्राप्त हुआ जो उनको चाहिए था। लोगों की बात करें तो अमीर से अमीर इंसान की भी इच्छाएं भगवान के आगे अधूरी रह जाती है, लेकिन राणा एक ऐसे अकेले इंसान है जिनकी सभी इच्छा इस नागकन्या की वजह से पूरी हो गई। राणा की सफलता के पीछे क्या-क्या राज़ छुपे हैं वो हम आपको आज बताएंगें। दरअसल, राणा 5 साल पहले पेशे से एक दुकान में कपड़े दिखाने का काम करते थे। उस दौरान वह जितने कमाते थे उतने में सिर्फ उनका घर खर्च चलता था, ना कोई सेविंग और ना ही कोई भविष्य योजना वह इतने पैसों में नहीं कर पाते थे। वैसे राणा किशोर अवस्था से ही शिवजी की मन से पूजा करने लगे थे। उनकी पूजा किसी साधना से कम नहीं होती थी। वह 4-5 घंटे शिवजी के मंत्रों का जाप करते हुए बिता देते थे। जब भी राणा को समय मिलता वह शिवजी के मंत्रों का जाप कहीं पर भी कर लेता था, लेकिन अपनी आर्थिक स्थितियों से परेशान राणा कभी किसी को इस बात का एहसास नहीं होने देते थे कि, वह अंदर से कितना दुखी है। वह पूजा के समय ही भगवान से अपने दुखों को दूर करने की विनती करते थे।
समय बीतता गया और सावन नज़दीक आया, सालों से राणा सावन का उपवास शिवजी के लिए रखते आए हैं, इस बार भी उसने भगवान शिव के लिए उपवास रखा। पहले दिन के उपवास में राणा की पत्नी आर्थिक स्थिति को लेकर काफी परेशान थी। उसको गुस्सा था कि, इतना सबकुछ करने के बावजूद भी भगवान उनका साथ नहीं दे रहे। तभी सावन के पहले सोमवार पर राणा ने जैसे ही शिवजी की पूजा-अर्चना करनी शुरु की, वैसे ही राणा की पत्नी का गुस्सा फूटा और उसने शिवजी की मूर्ति उठाकर घर से बाहर रख दी। यह देखकर राणा को गुस्सा आया और उसने कहा कि, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया भोले बाबा की मूर्ति को बाहर क्यों रखा। फिर राणा की पत्नी बोली इन्होंने आजतक हमें दिया ही क्या है। ना हमारे पास घर है ना हमारे पास पैसा और ना ही हमारे पास सुकुन भरी जिंदगी है आखिर हमने ऐसे हमने क्या पाप किया जिसका दंड हम इस तरह भुगत रहे है। काफी देर तक पति पत्नी का झगड़ा चलता रहा। कुछ देर बाद जब दोनों का गुस्सा ठंडा हुआ तब राणा बाहर से महादेव की मूर्ति को उठाकर लाता है और फिर से मंदिर में रख देता है और पूजा-पाठ करके अपनी नौकरी के लिए निकल जाता है। राणा उस समय साईकिल से नौकरी करने जाता था। जैसे ही वह घर से कुछ ही दूरी पर एक सूनसान सड़क पर पहुंचा तो वहां पर एक साधू बीन बाजता हुआ जा रहा था उसकी बीन की आवाज़ दिल छूने वाली थी। मुझे नहीं पता कब मैं उसके पीछे-पीछे चलने लगा। मैंने अपनी साईकिल सड़क पर छोड़ी और उस साधू के पीछे चलने लगा। जंगल में काफी अंदर पहुंचने के बाद वह साधू एक खूबसूरत महिला में बदल गया और उसके पास एक चमकदार माणि था जो मुझे अपनी तरफ आर्कषित करने लगा। अचानक जंगल में बारिश होने लगी और वह महिला एक नागिन में परिवर्तित हो गई। यह सब देखकर मेरी आगे जाने की हिम्मत नहीं हुुई और मैं वापिस सड़क की तरफ जाने के लिए जैसे ही मुड़ा वह नागिन दूर एक पत्थर पर आधी नागिन और आधी महिला का रूप लिए बैठी थी। इशारे से उसने मुझे अपने पास बुलाया, लेकिन डर की वजह से मैं वहां जाना नहीं चाहता था। मैं सड़क की तरफ बढ़ने लगा तो कुछ लोग पता नहीं कहा से आए और मुझे उस नागकन्या के पीछे खड़ा कर दिया। वह अपना मुंह मुझे नहीं दिखा रही थी। इसके पीछे क्या कारण था मैं नहीं जानता।
अचानक वह अनजान लोग भी कहां गायब हो गए मैं नहीं जानता। यह सब मेरी आंखों के सामने हो रहा था। जिसे देखकर मैं काफी डर गया था और शिवजी का नाम जप रहा था। फिर वह नागकन्या बोली की तुम महादेव के सबसे करीबी भक्त हो। मैं जानती हूं कि, तुम एक ईमानदार सच्चे इंसान हो, लेकिन तुमने आज एक गलती कर दी है मुझे सारे रूपों में देखकर, लेकिन महादेव भक्त होने की वजह से मैं तुम्हें छोड़ रही हूं। क्या तुम मेरे पास रखे इस नागमाणि की ताकत को जानते हो। तुम नहीं जानते होंगे, लेकिन यहां से जाने के बाद तुम सबकुछ खुद ब खुद समझ जाओगे। जाओ मेरा तुमसे वादा है कि तुम कभी भी जिंदगी में दुखी नहीं रहोगे। क्या तुम यह नागमाणि मुझसे लेना चाहोगे। तो राणा ने कहा हां मैं यह नागमाणि अपने पास रखने को तैयार हूं, लेकिन नागकन्या तो सिर्फ उसकी परीक्षा ले रही थी। इसके बाद राणा ने कहा कि, मुझे नहीं पता था आप नागकन्या हो, नहीं तो मैं खुद आपके पीछे नहीं आता। मैं किस तरह यहां तक पहुंच गया मुझे खुद नहीं पता। यह सुनकर नागकन्या हंसने लगी और बोला कि, यहां तुम आए नहीं हो बुलाए गए हो। महादेव की इच्छा थी कि, तुम्हारे सारे दुखों का निवारण आज ही हो जाए। जाओ मैं तुम्हें ये शक्ति देती हूं कि, जब तक तुम इस धरती पर जीवित रहोगे तब तक तुम्हारी हर एक इच्छा बिना किसी समस्या के पूरी होगी। आज से तुम्हारे दिन बदल जाएंगें। यह सुनकर राणा काफी खुश हुआ, लेकिन नागकन्या ने बोला कि, तुम यह राज़ कभी किसी को नहीं बताओगे कि तुमने मुझे स्वयं देखा है।
यदि तुमने इसके बारे में किसी को बताया तो उस दिन से ही तुम्हारी बर्बादी शुरू हो जाएगी। इसका अंजाम तुम्हें बुरा भुगतना होगा। यह सुनकर राणा दंग रह गया और सोच में पड़ गया कि, आखिर यह सब कैसे होगा। यह सब बातें बोलने के बाद वह नागकन्या उस माणि को लेकर कहां गायब हो गई मैं यह नहीं देख पाया। ऐसे में खुद को जंगल में अकेला पाकर मैं तुरंत जंगल से बाहर आया और घर की तरफ चला गया। जैसे ही मैं घर पहुंचा तो मैंने सारी बातें अपनी पत्नी ने बताई। फिर मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि, एक विदेशी महिला आई थी। उसने मुझे जेवरात और ये पैसे दिए है, मैंने पूछा कि, क्यों दे रहे हो तो बोली तु्म अपने पति से पूछना। इसके बाद राणा सारी बात समझ गया कि, उसने अपनी पत्नी से कहा कि, वह कोई और नहीं नागकन्या थी। वही यहां पर आकर ये सब देकर गई है।राणा ने अपनी पत्नी से कहा कि, अब हमारी जिंदगी बदलने वाली है। इसके बाद राणा कि पत्नी ने अपने पति और शिवजी भगवान से माफी मांगी और नई जिंदगी की शुरुआत की। उस नागकन्या ने अपने वादे के अनुसार राणा की पूरी जिंदगी बदल दी और आज वह राहिसों जैसी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, लेकिन यह कहानी नागकन्या ने राणा को किसी को बताने से मना किया था, लेकिन शिवजी को मानने वाले भक्तों के लिए राणा ने यह सच्चाई साझा की अब देखना होगा कि राणा की जिंदगी में अब क्या होगा।