सनातन परंपरा में पूजे जाने वाले सभी देवी-देवताओं में भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। जिनकी साधना-आराधना के लिए श्रावण मास अति उत्तम माना गया है। कोरोना काल में इस बार सावन के महीने की शुरुआत 25 जुलाई 2021 से प्रारंभ हो रहा है और 22 अगस्त 2021 तक चलेगा।
भगवान शिव बहुत ही भोले और औढरदानी हैं। बहुत ही सरल विधि से की जाने वाली पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं। भोले भंडारी की पूजा जो जिस भाव से करता है, उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है। ऐसे में हर शिव भक्त इस पावन मास में बाबा की भक्ति में डूबकर उनकी कृपा को पा लेना चाहता है। श्रावण मास में नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर कहा जाता है । वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है. नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है। कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है , किसी भी राशि के जातक नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कर उनकी पूजा व आराधना कर सकते है।
यदि आप भी इस सावन भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो भोले बाबा का अपनी राशि के अनुसार पूजन करना न भूलें।
मेष राशि के जातकों को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र पर सफेद चंदन से श्रीराम लिखकर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पूर्व शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना ना भूलें।
वृष राशि के जातकों को भगवान शिव की कृपा पाने के लिए विशेष रूप से दूध-दही और शक्कर का प्रयोग करना चाहिए। सबसे पहले शिवलिंग पर दही से अभिषेक करें, फिर जल चढ़ाएं। इसके बाद शक्कर से अभिषेक करें और फिर जल चढ़ाएं। इसके पश्चात् दूध से अभिषेक करें और फिर जल चढ़ाकर सफेद चंदन से तिलक लगाएं और श्रद्धा भाव से शिव मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि के जातकों को भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना चाहिए। इस उपाय को करने से न शिव की कृपा प्राप्त होगी और आर्थिक समस्याएं दूर होंगी।
कर्क राशि के जातक इस श्रावण मास में शिवलिंग पर दूध, दही, गंगाजल एवं मिश्री से अभिषेक करना चाहिए। सुख-समृद्धि और संपन्नता पाने के लिए कर्क राशि के जातकों को यह उपाय जरूर करना चाहिए।