सावन का महीना दस्तक दे चुका है और सावन माह या श्रावण मास हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र माह माना गया है। इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस माह के दौरान वर्षा ऋतु भी सहयोग करते हुए चारो ओर हरियाली की ऐसी चादर बिखेर देती है मानो प्रकृति का श्रृंगार हो गया हो और प्रकृति पूरी तरह से हरी-भरी हो जाती है।
श्रावन के इस खास माह में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं, बस यही वजह है कि इस पूरे माह को आस्था और उल्लास के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष सावन का महीना 25 जुलाई से प्रारंभ होकर 22 अगस्त तक रहने वाला है, जो हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पांचवा महीना होता है।
श्रावण माह में नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है , नर्मदेश्वर शिवलिंग की उत्पत्ति नर्मदा नदी से हुई थी मन जाता है की नर्मदा का हर कण कण में शिव का वास है , किसी भी राशि का जातक नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूज व आराधना कर सकता है। नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है। कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है , आप भी अपने राशि अनुसार नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा मात्र से महादेव को प्रसन्न कर सकते है।
भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए धनु राशि के जातकों को कच्चे दूध के साथ केसर, गुड़, हल्दी मिलाकर अभिषेक करना चाहिए। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए पूजा में पीले फूल का प्रयोग करें।
मकर राशि के जातकों को शिवकृपा पाने के लिए घी, शहद, दही और बादाम के तेल से शिवलिंग का पूजन करना चाहिए। इसके पश्चात् नारियल का जल अर्पित करें और नीले रंग के फूल चढ़ाएं।
कुंभ राशि के जातकों को सावन के महीने में घी, शहद, शक्कर और बादाम के तेल से अभिषेक करना चाहिए। इसके पश्चात् नारियल का जल अर्पित करें और नीले रंग के फूल चढ़ाएं। इसके पश्चात् सरसों के तेल से तिलक करें और फिर रोली से तिलक लगाएं।
मीन रशि के जातकों को श्रावण मास में भगवान शिव का कच्चे दूध, केसर एवं गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक के बाद शिवलिंग का हल्दी एवं केसर से तिलक करें।रह से हरी-भरी हो जाती है।