हमने किस्सों कहानी और धार्मिक पुस्तकों में ही शेषनाग के बारे में सुना है, लेकिन कुछ साल पहले ही एक मुस्लिम मौलाना ने बताया कि, उन्होंने एक चमत्कारी शेषनाग देखा है। निजामुद्दीन के आसिफ खान चांदनी चौक की मार्केट में बिजनेस मैन है। अच्छी-खासी प्रॉपटी और बिजनेस का सुख उनके पास था, लेकिन एक बार चांदनी चौक में उनके साथ ऐसी घटना घटी जिसके बाद उनकी दुनिया बिल्कुल बदल सी गई। दरअसल, आसिफ खान एक कट्टर मुस्लिम थे। जिन्हें हिंदु समाज के व्यक्ति पसंद नहीं थे और वह उनकी निंदा करते थे, लेकिन एक बार मजबूरी में उन्हें अपनी दुकान पर हिंदु सेल्समैन को रखना पड़ा। जिसको वह बिल्कुल पसंद नहीं करते थे और उसे हमेशा बाहर की डिलीवरी का काम दिया करते थे। एक बार वह हिंदु लड़का दुकान में भगवानों के भजन लगाकर काम करने लगा। इतने में आसिफ वहां पहुंच गया। यह देखकर आसिफ काफी गुस्सा हुआ और उसे गालियां देने लगा। इसके बाद वह लड़का माफी मांगने लगा तो आसिफ ने हिंदुओं के भगवान के प्रति अपशब्द बोलने शुरु कर दिए। यह सुनकर लड़के का गुस्सा अधिक बढ़ गया और उसने बोला कि, तू देखियो अब तेरे साथ हिंदुओं के भगवान क्या करेंगे। तूने उनको गाली दी है तू आप कही का भी नहीं रहेगा। यह सुनाते हुए वह लड़का वहां से चला गया। कुछ दिनों बाद आसिफ किसी काम से एक नदी के पास से गुजर रहा था। वहां पर उसे महसूस हुआ कि, कोई उसके पीछे-पीछे चल रहा है, लेकिन जब भी वह पीछे मुड़कर देख रहा था तो उसे कुछ भी ऐसा नज़र नहीं आ रहा था। ऐसा उसको 4-5 बार महसूस हुआ तब वह नदी के पास गया जहां उसे एक शेषनाग की परछाई अपने ऊपर दिखी जैसे ही वह पीछे मुड़ा तो देखा वहां कोई नहीं। फिर उसने नदी में झांककर देखा तो वह शेषनाग नदी में बैठा हुआ था। यह देखकर वह विचलित हुआ और अपने घर की ओर भागने लगा। तब रास्ते में उसे वही हिंदु लड़का मिला। वह बिना कुछ कहे वहां से चला गया। उसी रात वह अपने घर में सो रहा था। तब भी उसे लग रहा था कि, शेषनाग उसके ऊपर बैठे है वह हड़बड़ाहट में उठा और लाईट जलाकर अपनी पत्नी उठाया और सारी बातें उसे बताई फिर पत्नी ने कहा क्या पता वह लड़का सच बोल रहा हो, क्योंकि हिंदु समाज में शेषनाग को भगवान का रूप माना जाता है। इससे पहले तुम्हारा कोई बड़ा नुकसान हो तुम यह बात उस लड़के से करो। यह सुनकर आसिफ पूरी रात नहीं सोया और सुबह उस लड़के को किसी बहाने घर से बुलाया और उसको सारी कहानी बताई। फिर उस लड़के ने कहा कि, मैं कृष्ण का परम भक्त हूं। उनकी कृपा मुझपर हमेशा बनी हुई है, तुमने मेरे साथ गलत करके उनका भी अपमान किया है। अब तुम्हें कोई नहीं बचा सकता। यह सुनने के बाद आसिफ ने हाथ जोड़कर उस लडके से कहा मुझे इस परेशानी से बाहर निकाल दो मैं कभी भी किसी भी भगवान के लिए अपशब्द नहीं बोलूगां। अब मैं काफी डरने लगा हूं। यह सुनकर वह लड़का उस मौलाना को लेकर कृष्ण भगवान के एक मंदिर के पुजारी के पास ले गया और उसको सारी कहानी बताई। पुजारी ने फिर बताया कि, अब एक ही उपाय है तुम्हें कृष्ण को मानना होगा, क्योंकि तुमने उनका और उनके भक्त का अपमान किया है। फिर वह मौलाना बोलने लगा कि, मैं सब करूंगा बस मुझे उस शेषनाग से बचा लो। अब मौलाना चोरी छिपे कृष्ण भगवान की पूजा करने आता है और अब वह कृष्ण की भक्ति में इतना लीन रहता है कि, वह हमेशा उनका जप मन ही मन करता है। कुछ समय में ही वह शेषनाग उस मौलाना को दिखना बंद हो गया, लेकिन कृष्ण भगवान की भक्ति आज भी वह निस्वार्थ भावना से करता है। उस मौलाना का मानना है कि, वह हर दिन कृष्ण भगवान की पूजा करता है। यह बात आजतक किसी को नहीं पता वह मंदिर में भी चोरी छिपे जाता है और कृष्ण भगवान का हर समय शुक्रिया अदा करता है।
इससे एक बात तो साफ हो गई होगी कि, भगवान ना जाति और ना धर्म देखते हैं बस मनुष्य का भाव ही उनके लिए महत्वपूर्ण है।
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