दुर्गा माता जिसपर प्रसन्न हो जाती हैं वह उस इंसान के हर दुख को हर लेती है यह तो आजतक हम सुनते ही आ रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इस बात को साबित भी किया गया। इस सच्ची घटना है जिसका तालुल्क हमीरपुर के एक गांव एक लड़की से है। जी हां, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, कम उम्र से उस लड़की को मां दुर्गा दिखने लगी थी और उसकी हर दुख मुसीबत में वह उसके साथ खड़ी रहती है। ऐसा उस लड़की के साथ कब से होने लगा। यह हम आपको इस कहानी में बताएंगें। दरअसल, जब मीना 5 साल की तो उसके पिताजी की मृत्यु हो गई थी। घरवालों के दवाब में आकर मीना की मां को दूसरी शादी करनी पड़ी। कुछ साल तो उनकी शादी अच्छे से चली, लेकिन जब मीना की मां को दूसरी शादी से बच्चा हुआ तो उन पति-पत्नी के बीच विवाद रहने लगा। उसके पति को लगने लगा कि, मीना कि मां सिर्फ मीना को चाहती है उसके लड़के के सौतेला व्यवहार करती है। इन बातों पर उनका विवाद होने लगा। बात हद से ज्यादा बढ़ने लगी अब तो मीना की मां का दूसरा पति मीना पर हाथ उठाने लगा और बोलने लगा कि, इस लड़की को इस घर से बाहर निकाल दे, लेकिन उसकी मां मीना के लिए काफी लड़ाई-झगड़े को चुपचाप सहने लगी। जब मीना को लगा कि अब बात बढ़ती जा रही है तो उसने 12 साल की उम्र में फैसला लिया कि अब वह इन दोनों के साथ नहीं रहेगी, क्योंकि घर में झगड़ा उसकी वजह से होता है। एक दिन मीना स्कूल गई और वहां से वापिस नहीं आई। यह सुनकर मीना की मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया, लेकिन उसके दूसरे पिताजी को कोई फर्क नहीं पड़ा और वह मन ही मन खुश होने लगा। मीना की मां कम पढ़ी लिखी थी और उसे इस गांव के रास्ते नहीं पता थे, लेकिन वह पूछताछ करती रहती थी। मीना उस दिन अपने स्कूल से एक दुर्गा माता के मंदिर में जाकर रोने लगी और अरदास लगाने लगी मां मेरे साथ दो यहां कोई मेरा नहीं है मैं अपने स्वार्थ के लिए अपनी मां की जिंदगी बर्बाद नहीं होने दूंगी। तभी उस मंदिर के अंदर एक अनजान औरत पूरा श्रृंगार करके आई और मीना को चुप करवाया और कहा कि, क्यों तुम इतना परेशान हो रही हो मैं हूं ना सब ठीक कर दूंगी। मीना ने उस औरत को सारी बातें बताई। इसके बाद वह औरत मीना को लेकर उसके घर गई जहां उसके पिताजी ने मीना को उल्टा-सीधा बोलकर उसको भागा दिया। मीना की मां को भी मीना के साथ उसके पिताजी ने भागा दिया। यह देखकर मीना और दुखी हुई और बोली सबकुछ मेरी वजह से हो रहा है आज मेरी मां मेरी वजह से परेशान है। फिर उस औरत ने कहा कि, तुम मेरे घर चलो मैं तुम्हें रहने का सहारा दे सकती हूं। मीना और उसकी मां उस औरत के साथ मंदिर के पास एक झोपड़ी में रहने लगी। अब काफी समय हो गया मीना का पति उसे लेने नहीं आया। यह सब देखकर मीना की मां काफी परेशान हो गई। फिर उस औरत ने मीना की मां को बोला तुम दुखी मत हो वो आएगा जरूर आएगा उसकी परीक्षा का समय शुरु हो गया है। कुछ दिनों बाद मीना का पति बर्बादी के रास्ते लग गया। उसकी ज़मीन-जायदाद और बिजनेस सब डूब गया और हालत ऐसे हो गए कि, वह सड़कों पर रहने का मोहताज़ हो गया। इसके बाद उसने मीना की मां को ढूंढने की कोशिश की तो किसी ने बताया वह मंदिर के पास एक झोपड़ी में रहती है। तब वह गया और उनके साथ रहने की गुजरिश करने लगा। फिर वह औरत बोली यदि तुम इनके साथ अच्छे से रहना चाहते हो तो तुम यहां रह सकते हो यह झोपड़ी मेरी नहीं है। यह सब कहकर वह औरत वहां से जाकर मंदिर की ओर जाने लगी। मीना भी पीछे-पीछे जाने लगी उसने देखा जो औरत इतने महीने से उनके साथ रह रही थी वह साधारण औरत नहीं बल्कि मां दुर्गा जी है। क्योंकि वह औरत मंदिर में रखी मूर्ति के अंदर समा गई। इस बात पर यकीन कर पाना हमारे और आपके लिए मुश्किल होगा, लेकिन यह सच्ची घटना है। आज भी वह लड़की उस झोपड़ी की जगह मकान बनावाकर अपने पिताजी के साथ रह रही है। और मां दुर्गा की कृपा से आज उनके घर में किसी भी तरह की कमी नहीं है।