यह कहानी सोनीपत के एक गांव की है जहां पर सौरव नाम का लड़का रहता था। वह हनुमान का बहुत बड़ा भक्त था। वह हर मंगलवार को बंदरों को केला खिलता था। वह गरीब लोगों को भोजन करवाता था। यह देखकर हनुमानजी की असीम कृपा उसपर होने लगी। सौरव की अच्छी जगह नौकरी लगी वहां पर वह अच्छा-खासा कमाना लगे। एक दिन रात में 11 बजे ज़ोरों की बारिश होने लगी और वह घर के लिए निकल गया। उसे लगा कि, शायद बारिश थोड़ी दूरी पर जाकर रूक जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सौरव अपनी बाईक से हाईवे से निकल रहा था। बारिश के समय उसको कुछ भी अच्छे तरीके से नहीं दिख रहा था। फिर भी वह आगे बढ़ने लगा पीछे से अचानक एक ट्रक तेज़ी से आ रहा था। उस ट्रक और सौरव की बाईक की टक्कर होने ही वाली थी। अचानक से उस ट्रक के आगे एक विशाल शरीर के साथ हनुमान जी आकर खड़े हो गए यह बात खुद उस ट्रक ड्राइवर ने बताई। उसने बताया कि, यदि ट्रक में कभी भी ब्रेक लगाने होते है तो हम बहुत धीरे-धीरे करके ब्रेक लगाते तब जाकर ट्रक कंट्रोल में आया, लेकिन हैरानी की बात यह थी कि, भगवान हनुमान जी को देखकर मैंने ब्रेक नहीं लगाया था। फिर भी वह ट्रक कंट्रोल कैसा हुआ यह मैं अभी तक नहीं समझ पा रहा हूं। इसके बाद मैंने देखा कि, हनुमान जी एक बाईक वाले के पीछे बैठे हुए हैं यह देखकर मैं घबरा गया और मैंने बाईक वाले के साथ-साथ अपने ट्रक को चलाया और उसको रोकने की कोशिश की। मैंने उस बाईक वाले शख्स को इशारा किया कि, तुम अपनी बाईक को रोको। तब उसने अपनी बाईक को रोका। जैसे ही मैं उस लड़के को यह बात बताने के लिए बाईक के पास गया तो वहां पर हनुमानजी नहीं थे। यह देखकर मैं थोड़ा सा घबरा गया और उस लड़के को बताने लगा कि, तुम्हारी जान आज हनुमान जी ने बचाई है यदि वो बीच में नहीं आते तो तुम्हारी बाईक और मेरे ट्रक का बहुत ही बुरा एक्सीडेंट हो सकता था। जिसमें आज शायद हम दोनों ही नहीं बचते। जब मैं तेज़ रफ्तार से आ रहा था तब अचानक से अपने विशाल शरीर के साथ हनुमानजी प्रकट हुए और खुद-बा-खुद ट्रक के ब्रेक लग गए। यह सुनकर सौरव को खुशी भी हुई और हैरानी। सबसे पहले उसने हनुमान जी का शुक्रिया किया और ट्रक वाले से बोला कि, हनुमान जी मेरी रग रग में बसते हैं। मैं उन्हें दिल से चाहता हूं। मैं रोज़ाना उनकी भक्ति करता हूं। शायद इसलिए उन्होंने आज मेरी जान बचाने के लिए यह सब किया। यह सुनकर ट्रक ड्राइवर ने बोला कि, मैंने कभी भी भगवान को ना तो महसूस किया और ना ही देखा है, लेकिन शायद आपकी सच्ची भक्ति की वजह से मुझे उनको साक्षात रूप में देखने का अवसर मिला। ट्रक ड्राइवर सौरव का धन्यवाद करने लगा। फिर सौरव ने बताया कि, जब मैं हाईवे पर था तब मुझे महसूस हुआ था कि, अचानक मेरी बाईक भारी हुई, लेकिन उसे मैंने अपना भ्रम माना, लेकिन आज एक बात तो सच हुई है कि, भक्ति में ही शक्ति है। जिसका उदाहरण आज मैंने देख लिया। अब से मैं भी हनुमानजी को दिल से मानऊंगा और उनकी पूजा अर्चना करूंगा। ताकि, वह आपकी तरह मेरे साथ भी रहे।
अपने भक्त की जान बचाने के लिए हनुमान जी हुए बीच सड़क पर प्रकट, उनका असली रूप देखकर लोगों के छूटे पसीने
By Prabhu BhaktiUpdated: