तुलसी Mata को श्राप क्यों दिया था? | Tulsi Mata ko shraap kyu diyaa tha
वृंदा के श्राप से रुष्ट होकर विष्णु जी ने बताया कि वो उसका राक्षस जालंधर से बचाव कर रहे थे और उन्होंने वृंदा को श्राप दिया कि वो लकड़ी बन जाए. इधर वृंदा का प्रतिव्रता धर्म नष्ट होने के बाद भगवान शिव ने राक्षस राज जालंधर की हत्या कर दी. विष्णु जी के श्राप के कारण वृंदा कालांतर में तुलसी बनी.
तुलसी पूजन कब हैं 2024 | Tulsi pujan kab hain 2024
प्रत्येक साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा-व्रत करने का विधान है। साल 2024 की पहली एकादशी 07 जनवरी को सफला एकादशी है। तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है।
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तुलसी कृष्ण को प्रिय क्यों है? | Tulsi Krishna ko priye kyu hain
गहरे हरे या बैंगनी पत्तों और बैंगनी तने वाली तुलसी को श्यामा-तुलसी (“गहरा तुलसी”) या कृष्ण-तुलसी (“गहरा तुलसी”) कहा जाता है; कृष्ण भी विष्णु के एक प्रमुख अवतार हैं। यह किस्म कृष्ण के लिए विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है, क्योंकि इसका बैंगनी रंग कृष्ण के गहरे रंग के समान है ।
विष्णु ने तुलसी से शादी क्यों की? | Vishnu ne tulsi se shaadi kyu ki
तदनंतर, जहां वृंदा ने आत्मदाह किया, वहां एक पौधा उग आया, जो तुलसी कहलाया। इस संबंध में भगवान विष्णु ने कहा कि तुलसी के साथ ही मेरी पूजा पाषाण यानी शालिग्राम के रूप में की जाएगी। इसी कारण से देवउठनी के दिन शालिग्राम का विवाह तुलसी से होता है।
तुलसी माता को कैसे खुश करें? | Tulsi Mata ko kaise khush kare
- प्रथम सेवा : तुलसी की जड़ों में रविवार और एकादशी को छोड़कर प्रतिदिन उचित मात्रा में जल अर्पण करना चाहिए। …
- द्वितीय सेवा : समय समय पर तुलसी की मंजरियों को तोड़कर तुलसी से अलग करते रहें अन्यथा तुलसी बीमार होकर सूख जाएगी। …
- तीसरी सेवा : वह महिलाएं तुलसी माता (Tulsi mata) से दूर रहें जिन्हें पीरियड चल रहे हैं।
तुलसी अपने पिछले जन्म में कौन थी? | Tulsi apne pichhale janam me kaun the
Tulsi अपने पूर्व जन्म में राक्षस जलंधर की पतिव्रता पत्नी वृंदा थीं। वह असाधारण रूप से सुंदर थी, अपने धर्म का पालन करती थी और हमेशा अपने पति के लिए आदर्श पत्नी थी। जल में जन्म लेने के कारण जलंधर का नाम जलंधर रखा गया।
तुलसी के कितने पति थे? | Tulsi ke kitne pati the
वृंदा बचपन से ही भगवान विष्णु जी की परम भक्त थी। बड़े ही प्रेम से भगवान की पूजा किया करती थी। जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया,जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था।
राधा कृष्ण में तुलसी कौन है? | Radha Krishna me tulsi kaun hain
श्रीमती तुलसी देवी श्रीकृष्ण की सबसे महान भक्तों में से एक हैं। हिंदू धर्मग्रंथों में एक कहानी है: तुलसी का पौधा वृंदा नाम की एक महिला थी। उसका विवाह जलंधर से हुआ था, जो अपनी धर्मपरायणता और विष्णु के प्रति समर्पण के कारण अजेय हो गया था।
तुलसी का दूसरा नाम क्या है? | Tulsi ka dusra naam kya hain
तुलसी के आठ नाम – वृंदा, वृंदावनी, विश्वपूजिता, विश्वपावनी, पुष्पसारा, नन्दिनी, तुलसी और कृष्ण जीवनी। इस मंत्र का जाप करें या नहीं हो सके, तो तुलसी के इन आठ नामों को स्मरण करने से ही अक्षय फल मिलते हैं।
तुलसी कौन से भगवान को नहीं चढ़ती है? | Tulsi kaun se bhagwan se nahi chadhaatee hain
मान्यता के अनुसार गणेशजी की पूजा में उन्हें कई प्रकार के मोदकों का भोग लगाया जाता है इसके साथ ही उन्हें रोली, अक्षत, दूर्वा, पुष्प, इत्र, सिंदूर आदि अर्पित किया जाता है। लेकिन कभी भी भगवान गणेश को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है।
तुलसी हमें क्या देती है? | Tulsi hame kya dete hain
तुलसी विटामिन सी और जिंक से भरपूर होती है। इस तरह यह एक नैचुरल इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है और संक्रमण को दूर रखता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो हमें कई तरह के संक्रमणों से बचाते हैं।
तुलसी के कितने गुण होते हैं? | Tulsi ke kitne gun hote hain
आयुर्वेद के मुताबिक, तुलसी की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-फंगल जैसे गुण पाए जाते हैं. इससे शरीर की कई समस्याएं खत्म हो जाती है. तुलसी की पत्तियां पेट के लिए तो अमृत की तरह ही है। पेट की कई समस्याएं जैसे- पेट में जलन, अपच, एसिडिटी को यह चुटकियों में दूर कर सकती है.
तुलसी के पत्ते कब नहीं लेने चाहिए? | Tulsi ke patte kab nhi lene chaiye
तुलसी के पत्ते सुबह दिन निकलने से पहले या शाम को अंधेरा होने के बाद न तोड़ें, न ही एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर कभी भी तुलसी के पत्ते (Tulsi ke patte) न तोड़ें। भले ही तुलसी के पत्ते पिछले दिन या सुबह काटे जाने के कारण सूख गए हों, फिर भी उनका उपयोग देव पूजा में किया जा सकता है।
तुलसी माता का भोग क्या है? | Tulsi Mata ka bhog kya hain
आप तुलसी विवाह को गन्ने से बनी खीर का भोग लगा सकते हैं. गन्ने को तुलसी विवाह में बेहद शुभ माना जाता है.
क्या हम सुबह तुलसी पर दीया जला सकते हैं? | Kya hum subha tulsi par diya jala sakte hain
सुबह तुलसी पूजन के बाद उसमें जल जरूर अर्पित करें। तुलसी के पौधे (Tulsi ke paudhe) के नीचे नियमित रूप से दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है ।
गुरुवार को तुलसी में क्या चढ़ाएं? | Guruvar ko tulsi me kya chadhaiye
यदि आप किसी आर्थिक तंगी या विपत्ति में फंस गए हैं तो बृहस्पतिवार के दिन तुलसी के पौधे में कच्चा दूध पानी मिलाकर चढ़ाएं. इससे आपको तुरंत ही आर्थिक लाभ दिखना शुरु हो जाएगा. कहते हैं कि तुलसी के पौधे के पास घी का दिया जलाने से देवी-देवता सहाय हो जाते हैं.
क्या हम हनुमान को तुलसी के पत्ते चढ़ा सकते हैं? | Kya hum hanuman ko tulsi ke patte chadha sakte hain
हनुमान जी को तुलसी चढ़ाने का सही तरीका ये है कि हम … पहले भगवान राम को तुलसी अर्पित करें और फिर उसका भोग लगाएं । हनुमान को प्रसादम . हनुमान जी को तुलसी अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।
तुलसी का असली पति कौन है? | Tulsi ka asle pati kaun hain
इस दिन महिलाएं घाट पर नहाने के बाद विधि विधान से तुलसी की शादी शालीग्राम से करती हैं। – पुराणों में लिखा है की माता तुलसी के पति जालंधर बहुत ही अत्याचारी थे। – संसार के लोग इसके अत्याचार से बहुत त्रस्त थे।