भारत में बहुत सारे प्राचीन मंदिर हैं। इन मंदिरों का इतिहास बहुत पुराना है, जो किसी पुराने युग से संबंधित है या फिर हजारों साल पुराना है। आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में बात करेंगे जो रामायण काल से जुड़ा हुआ है, खासकर रावण के साथ। यह मंदिर कर्नाटक के कन्नड़ जिले की भटकल तहसील में है, जो कि अरब सागर से घिरा हुआ है। समुद्र के किनारे पर स्थित होने के कारण, मुरुदेश्वर मंदिर ( Murudeshwar Temple Karnataka ) के आसपास का दृश्य बहुत ही खूबसूरत है।
मुरुदेश्वर की कहानी ( Murudeshwar Story )
मुरुडेश्वर की कहानी बहुत ही रोमांचक है। यहाँ एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। मुरुडेश्वर का नाम रामायण काल से जुड़ा हुआ है। इसकी कहानी में यह है कि रावण ने अपने उच्च आत्मा को प्राप्त करने के लिए अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था। लेकिन उन्हें यज्ञ का शेष कण विनाश होने से रोकने के लिए भगवान गणेश ने एक छलांग मारी और अश्वमेध का शिर उठा लिया। यहाँ पर गणेश के बालिग्रह के रूप में मंदिर स्थापित हुआ।
इसके अलावा, मुरुडेश्वर में एक विशाल शिव मूर्ति का भी महत्व है। यह मूर्ति भगवान शिव के द्वारपाल के रूप में मानी जाती है और यहाँ की प्रमुख आकर्षण है। इसे देखने के लिए लोग यहाँ पर आते हैं और मनोरंजन का आनंद लेते हैं।
मुरुदेश्वर पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी हवाईअड्डा मैंगलोर है, जो मुरुदेश्वर मंदिर ( Murudeshwar Mandir ) से लगभग 160 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ के अलावा, गोवा के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से लगभग 200 किमी की दूरी पर भी स्थित है। मुरुदेश्वर रेलवे स्टेशन ( Murudeshwar Railway Station ), मैंगलोर और मुंबई से रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से मैंगलोर ट्रेन की सहायता से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा, मुरुदेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग 17 किमी पर स्थित है जहाँ कोच्चि, मुंबई और मैंगलोर से बस और टैक्सी आदि माध्यमों से आसानी से पहुँचा जा सकता है। गोकर्ण के प्रमुख तीर्थ स्थल से मुरुदेश्वर की दूरी लगभग 55 किमी है। गोकर्ण भी ट्रेन और सड़क मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।
मुरुदेश्वर मंदिर वास्तुकला ( Murudeshwar Temple Architecture )
कर्नाटक में स्थित मुर्देश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर तीन ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है। यहाँ पर भगवान शंकर की 123 फीट ऊंची प्रतिमा स्थित है, जो विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा मानी जाती है। इस प्रतिमा को देखने के लिए बहुत दूर से ही आकर्षकता बनी रहती है।
मुरुदेश्वर मंदिर ( Murudeshwar Temple )में पहुँचने के लिए एक मुख्य द्वार, जिसे गोपुर कहा जाता है, भगवान शंकर की बड़ी प्रतिमा के पास जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं, जिससे श्रद्धालु उनके पास जा सकते हैं। इसके सामने ही नंदी की भी एक बड़ी प्रतिमा है। मुरूश्वर मंदिर बड़ा और आकर्षक दिखता है। इसकी ऊंचाई देखकर ऐसा लगता है कि मंदिर का शीर्ष बादलों को छू रहा है।
मुरुदेश्वर मंदिर दर्शन का समय ( Murudeshwar Temple Darshan Timings ) – Murudeshwar Darshan Timings : Murudeshwar Temple Timing
मुरुदेश्वर मंदिर ( Murudeshwar Mandir ) दर्शन बुकिंग निःशुल्क है और आप किसी भी दिन सुबह 06:00 बजे से दोपहर 12 बजे और दोपहर 03:00 बजे से 08:15 बजे के बीच दर्शन कर सकते हैं। मैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा है, जो लगभग 159 किलोमीटर दूर है।
क्या मुरुदेश्वर मंदिर ( Murudeshwar Jyotirlinga ) में ड्रेस कोड जरूरी है? पुरुषों के लिए, ड्रेस कोड शर्ट और पतलून, ऊपरी कपड़े के साथ धोती या पायजामा है। महिलाओं को साड़ी या आधी साड़ी के साथ ब्लाउज या चूड़ीदार, साथ ही पायजामा और ऊपरी कपड़ा पहनना चाहिए।
शिव मुरुदेश्वर की मूर्ति ( Murudeshwar Shiva Statue ) – Statue of Shiva Murudeshwara
मुरुदेश्वर मंदिर के बाहर बनी शिव भगवान की मूर्ति विश्व की दूसरी सबसे ऊँची शिव मूर्ति है और इसकी ऊँचाई 123 फीट है। अरब सागर में बहुत दूर से इसे देखा जा सकता है। इसे बनाने में दो साल लगे थे और शिवमोग्गा के काशीनाथ और अन्य मूर्तिकारों ने इसे बनाया था।
मुरुदेश्वर मंदिर का इतिहास ( Murudeshwar Temple History ) – History of Murudeshwar
मुरुदेश्वर मंदिर की सबसे खास बात है कि इसके परिसर में भगवान शिव की एक विशाल मूर्ति स्थापित है, जिसे दुनिया की दूसरी सबसे विशाल और ऊंची शिव प्रतिमा माना जाता है। शहर को पहले मृदेश्वर के नाम से जाना जाता था, बाद में मंदिर के निर्माण के बाद इसका नाम बदलकर मुरुदेश्वर ( Murudeshwar ) कर दिया गया।
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मुरुदेश्वर मंदिर कहाँ है ? ( Murudeshwar Mandir kaha par hain ) – Murudeshwar Temple Location
Murudeshwar Temple Place : मुरुदेश्वर तटीय कर्नाटक में उत्तरी केनरा जिले के भटकला तालुक में एक मंदिर शहर है। मुख्य मैंगलोर-कारवार राजमार्ग पर स्थित है, और यह सुरम्य पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच स्थित है।
मुरुदेश्वर मंदिर की ऊंचाई ( Murudeshwar Temple Height )
मुरुदेश्वर शिव मंदिर ( Murudeshwar Shiva Temple ) का निर्माण 2008 में पूर्ण हुआ था और इस मंदिर की ऊंचाई 249 फ़ीट है।
मुरुदेश्वर मंदिर कब बना ( Murudeshwar Mandir Kab bana )
यह एक हिन्दू तीर्थस्थल है और यहाँ विश्व का दूसरी सबसे बड़ी भगवान शिव की मूर्ति है। यहाँ का मुरुदेश्वर मन्दिर भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण 2008 में पूर्ण हुआ था |
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मुरुदेश्वर मंदिर कितने मंजिल है? ( Murudeshwar Mandir kitane Manjil hain )
मुर्देश्वर महादेव ( Murudeshwar Mahadev ) की प्रतिमा के चार हाथ हैं, जिन्हें सोने से सजाया गया है। किसी भी द्रविड़ वास्तुकला के मंदिर के समान ही इस मंदिर में भी गोपुरा का निर्माण कराया गया है, जो 20 मंजिला इमारत के बराबर है और मुरुदेश्वर मन्दिर ( Murudeshwar Temple Height ) की ऊँचाई लगभग 250 फुट है।