Original Chandan Mala
Lal Chandan Mala Online
हमारे वैदिक कर्मकांड में इसका बहुत ही अलग महत्व बताया गया है। चन्दन अपनी मनमोहक महक और ठंडी प्रवृत्ति के लिए जाना जाता है। इसके द्वारा मंत्रों का जाप करने से अति शीघ्र ही लाभ मिलता है और देवता प्रसन्न होते है।
Product Details:
- Product Dimensions: 14.9 x 13.4 x 2 cm, 60 Grams
- Item Weight: 60 g
- Item Dimensions LxWxH: 14.9 x 13.4 x 2 Centimetres
- Net Quantity: 1 Unit
- Department: Men & Women
- Base Material: Wood
- Color: Red
- Generic Name: Mala
- In the Box: Chandan Mala
- Manufacturer: Prabhubhakti
- Country of Origin: India
Key Points:
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- 100% Original Chandan Mala, Lal Chandan Mala , Sandalwood Mala
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Chandan mala का प्रयोग मंत्रो को अभिमंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। मान्यता है कि चन्दन की माला से अगर प्रतिदिन 108 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण किया जाये तो कुंडली में उपस्थित सभी प्रकार के दोषों से लाभ प्राप्त होता है। lal chandan ki mala माँ दुर्गा को अत्यंत प्रिय है जिसके स्वरूप अगर इस माला से जाप किया जाये तो कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
Chandan ki mala में उपस्थित सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाती है। इसकी लकड़ी मे कई सारे गुणकारी तत्त्व होते है जिसकी सहायता से कई बीमारियों और मानसिक स्वास्थ्य मे लाभ प्राप्त होता है। बड़े-बड़े सिद्ध साधु संन्यासी के अनुसार किसी भी मंत्र के प्रभाव को बढ़ाने और सिद्ध करने के चन्दन ( Sandalwood ) सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
Red sandalwood mala benefits in hindi :
1. लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने हेतु इस माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करना चाहिए जिससे धन लाभ होता है।
2. मन की शीतलता प्रदान करने के लिए यह sandalwood mala बहुत ही प्रभावी है।
3. इस माला के प्रयोग से पढ़ाई मे एकाग्रता की वृद्धि होती है।
4. नौकरी में यदि दिक्कत उत्पन्न हो रही हो तो इस sandalwood mala से गायत्री मंत्र का प्रतिदिन 108 बार पाठ करना चाहिए। इस से तत्काल लाभ मिलता है।
5. कुंडली के दोषों का असर कम करने के लिए यह चमत्कारी माला बहुत प्रभावशाली है।
चन्दन की माला चाहे वो white chandan ki mala हो या rakt chandan mala, इनको धारण करने की पूजा विधि एक ही है। इस माला को धारण करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान दे।
1. किसी भी गुरुवार का दिन चयन कर ले और अच्छे से स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर ले।
2. स्नानादि से निवृत्त होने के पश्चात् माँ लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने एक लाल वस्त्र के ऊपर red moti ki mala रख दें और उसके बाद उत्तर या पूर्व की ओर मुख कर के आसान पर बैठ जाये।
3. इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ हल्दी कुमकुम से लक्ष्मी माँ की उपासना करें और sandalwood mala को धारण कर ले।
चन्दन की माला ( red moti ki mala ) को धारण करने के लिए विशेष उम्र की आवश्यकता नहीं होती है इसे बच्चे, पुरुष-महिलाएं, वृद्ध सभी धारण कर सकते हैं। चंदन धार्मिक गुणों के साथ ही औषधीय गुण भी लिए हुए है जिस कारण इसे कोई भी धारण कर सकता है।
चंदन की कई प्रकार की जातियां होती है इनमें से मलयागिरि नामक चंदन को ही असली चन्दन माना जाता है। इसे कई स्थानों पर श्रीखंड भी कहा जाता है। असली चंदन में से हमेशा ही सुगंध आती है। जब भी चंदन को किसी ठोस परत पर घिसा जाए तो कुछ समय बाद उसमें से सुंगंध आने लगती है यदि ऐसा न हो तो वह असली चंदन नहीं माना जाएगा। वहीँ लाल चंदन की पहचान करनी हो तो इसके लिए लाल चंदन की लकड़ी और सामान्य लकड़ी को पानी में डुबोएं। यदि लाल चंदन लकड़ी शीघ्र पानी में डूब जाए तो वह चंदन असली माना जाएगा।
1. लाल चन्दन की माला ( Red moti ki mala ) को सिद्ध करने के लिए सोमवार या गुरूवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। वैष्णव और शैव पंथ में चंदन का विशेष रूप से प्रयोग किये जाने की परंपरा चली आ रही है।
2. प्रातःकाल स्नान कर पूजा स्थल में चंदन की माला को गंगाजल से धोएं।
3. फिर Rakta Chandan Ki Mala पीले कपड़े में भगवान विष्णु के समक्ष रखें।
4. अब भगवान को पीला वस्त्र, पीला भोग और पीला पुष्प अर्पित करें।
5. उसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर भगवान की आराधना करें।
6. इसके उपरान्त चंदन की माला ( Red moti ki mala ) को लेकर ‘ॐ विष्णवै नम:’ का 108 बार जाप करें।