कुबेर कुंजी में कुबेर देवता की अद्भुत शक्तियों का समावेश होता है। कुबेर कुंजी धन-संपत्ति और ऐश्वर्य में वृद्धि की सूचक मानी जाती है। जिस प्रकार से माता लक्ष्मी को धन की स्वामीनी कहा गया है। उसी प्रकार से भगवान कुबेर को धन का रक्षक कहा गया है। यदि आपको ऐसा लगे कि आपके घर में कोई अवरोध है जो हर धन से संबंधित कार्य को पूर्ण होने से रोक रहा है, धन में लगातार कमी आ रही है, बरकत नहीं हो रही, व्यापार में बड़ा घाटा हो रहा है, कर्ज बढ़ता जा रहा है या फिर कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पा रही है तो इसके लिए कुबेर कुंजी अत्यंत लाभकारी साबित हो सकती है।
कुबेर कुंजी एक प्रकार से भगवान कुबेर का यंत्र ही है। जिसे घर, दुकान, तिजोरी, लॉकर में रखने से भगवान कुबेर की असीम अनुकंपा बनी रहती है। साथ ही उस स्थान से दुख, संकट, कष्ट, दरिद्रता हमेशा के लिए दूर चली जाती है। जिस घर में भगवान कुबेर कुंजी को स्थापित किया जाता है उस घर में सुख, शांति, ऐश्वर्य सदा बना रहता है। साथ ही धन की भरपूर प्राप्ति होती है
1. कुबेर कुंजी को जिस स्थान पर रखा जाता है वहां पर भगवान कुबेर की असीम अनुकंपा के साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा भी सैदव बनी रही रहती है।
2. कुबेर कुंजी को स्थापित करने से घर में दुख, संकट, कष्ट, दरिद्रता आसपास नहीं भटकती और कुंडली में मौजूद राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव भी कम हो जाता है।
3. इस कुंजी को दुकान, ऑफिस या किसी फैक्ट्री में रखने से व्यापार में बढ़ोतरी होती है, आय में वृद्धि होती है और प्रमोशन मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
4. भगवान कुबेर की कुंजी यंत्र से घर में सुख, शांति और ऐश्वर्य हमेशा बना रहता है। कहते हैं कि जिस घर में कुबेर देवता का वास होता है वहां धन की देवी माता लक्ष्मी की कृपा भी अवश्य बनी रहती है।
1. कुबेर कुंजी को सिद्ध करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त का चयन करें।
2. प्रातःकाल स्नानादि से निवृत हो जाएँ।
3. इसके बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर कुबेर देवता की प्रतिमा और कुबेर कुंजी को रखें।
4. ध्यान रहे कि आपका मुख पूर्व दिशा में और पीठ पश्चिम दिशा में हो।
5. घी का दीपक और धूप जलाएं।
6. अब कुबेर मंत्र का जाप हाथ में पुष्प लेकर करना आरंभ करें। जाप संख्या 108 से कम नहीं होनी चाहिए इससे ज्यादा कितनी भी हो सकती है।
कुबेर मंत्र ( Kuber Mantra ) : ”ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥”
कुबेर देवता जिन्हें धन का स्वामी माना जाता है यक्षों के स्वामी, उत्तर दिशा के दिक्पाल और सृष्टि की रक्षा करने वाले लोकपाल हैं। कुबेर देव के बारे कहते हैं कि वे भगवान शिव के परम भक्त हुआ करते थे। बता दें कि कुबेर नौ निधियों के देवता कहे जाते हैं।
कुबेर के पिता का नाम विश्रवा है जो पुलस्त्य और इडविला के पुत्र थे।
कुबेर की मां का नाम देवांगना था जो ऋषि भरद्वाज की पुत्री थीं।
कुबेर यन्त्र का प्रयोग आर्थिक संपन्नता के लिए किया जाता है, जब भी घर में किसी तरह का आर्थिक संकट आता है, व्यक्ति अत्यधिक कर्ज में डूबा होता है, दरिद्रता आने लगती है, व्यापार में घाटा या फिर आय में वृद्धि होने लगे तो कुबेर यन्त्र घर में स्थापित किया जाता है। इससे व्यक्ति को शीघ्र ही अपनी समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
यदि आप कुबेर यन्त्र रूपी कुंजी का अत्यधिक प्रभाव देखना चाहते हैं तो कुबेर यन्त्र को उत्तर दिशा में स्थापित करें। कुबेर देवता उत्तर दिशा के स्वामी माने जाते हैं और इस दिशा में ही वे अपना प्रभाव दिखाते हैं।
कुबेर कुंजी को घर, ऑफिस, कार्यालय, फैक्ट्री, तिजोरी, दूकान, रसोईघर में अन्न वाले स्थान पर रखा जा सकता है।
Product Description:
- Size: 11 cm
- Color: Golden
- Weight: 15 gm
- Material: Brass (Premium Quality)
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