Mata Ashta Lakshmi kavach धारक के लिए समृद्धि, संपन्नता और धन लाता है। एक बार जब देवी लक्ष्मी किसी व्यक्ति से संतुष्ट हो जाती है, तो उसका भाग्य चुंबक की तरह धन और यश को आकर्षित करता है। इस शक्तिशाली लक्ष्मी यंत्र की कृपा से व्यक्ति को जीवन भर दिव्य सुख, मानसिक शांति और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Astha Lakshmi Mata Kavach धातु की पन्नी से बनी एक प्लेट है जिसमें देवी महालक्ष्मी के मंत्रों को दैनिक पूजा करने के लिए उल्लेखित किया जाता है। सभी वित्तीय समस्याओं को दूर करने और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी मंत्रों का जाप किया जाता है। देवी महालक्ष्मी भगवान श्री विष्णु की धर्मपत्नी हैं। देवी लक्ष्मी आध्यात्मिक और भौतिक जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और सुख की दात्री हैं।
Lakshmi Mata Kavach को रखने और पूरे मन से उसकी पूजा करने से भगवान कुबेर एवं माँ लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और वे सभी प्रकार से धन लाभ के रूप में आप पर अपना आशीर्वाद बरसाना शुरू कर देते हैं। इस Shri Lakshmi Kavach को माँ लक्ष्मी की कृपा के लिए घर, कार्यालय, मंदिर या कैश बॉक्स में भी रखा जा सकता है। इस चमत्कारी एवं प्रभावशाली यंत्र में साक्षात् माँ लक्ष्मी निवास करती है।
1. इस कवच का प्रमुख लाभ यह है कि रहस्यवादी शक्तियों के साथ यह यंत्र भारी मात्रा में प्रगति, वृद्धि और समृद्धि की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और धन वृद्धि के नए और बेहतर अवसर और रास्ते खोलता है।
2. इसमें भौतिक संपत्ति में सुधार, धन, समृद्धि, सफलता, जीवन के सभी पहलुओं में सौभाग्य लेकर एक रंक को राजा की जीवन शैली में बदलने की क्षमता है।
3. ऐसा माना जाता है कि यह कवच आपको किसी भी दुर्भाग्य और संकट से दूर रखता है।
4. इस कवच का उपयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो धन को आकर्षित करना चाहता है।
5. यह कवच अपने अंदर अपार शक्तियां समाहित किये हुए है जिसकी सहायता से कोई भी व्यक्ति अपने परिवार और अपने प्रियजनों को एक शानदार जीवन शैली दे सकता है।
6. पारिवारिक कलह को दूर कर, आपस मे प्रेम बनाए रखने को प्रेरित करता है।
7. मेहनत के बाद भी यदि शुभ परिणाम नहीं मिल रहा है तो इस कवच की स्थापना करके मेहनत का फल पाया जा सकता है।
यह Lakshmi yantra एक स्व-सक्रिय कवच है। इसके मंत्रों की असाधारण ऊर्जा से इसे मंत्र-चैतन्य या अधिक शक्तिशाली बनाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि हर दिन या किसी शुभ और उत्सव के दिन सही पूजा-पद्धति का उपयोग करके इस कवच की पूजा करने से असीमित धन और समृद्धि मिलती है।
1. आप इस कवच की स्थापना के लिए विशेष रूप से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार का चयन कर सकते हैं क्योंकि यह दिवस देवी माँ से जुड़े हुए हैं।
2. कवच को स्थापित करने के लिए घर, कार्यालय की मेज, दुकान या कारखाने की पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशाएं सबसे उत्तम मानी गई है।
3. दिए गए मंत्र का जाप करते हुए मन ही मन माँ लक्ष्मी का ध्यान करें और कवच के ऊपर से नीचे तक नौ बार सिन्दूर या कुमकुम लगाएं और देवी माँ के सबसे प्रिय लाल पुष्प को अर्पण करें।
मंत्र- श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसिद प्रसिद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीय नमः।[1]
देवी लक्ष्मी के आठ अलग-अलग स्वरूपों को ही Ashta Laxmi की संज्ञा दी गई है। धार्मिक पुराणों में माता लक्ष्मी के आठ स्वरूपों का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि देवी लक्ष्मी की कृपा के बगैर कोई भी जीवन में सुख-समृद्धि नहीं पा सकता है। वहीँ माता लक्ष्मी के ये आठ रूप ( Astalaxmi )अपने नाम के हिसाब से व्यक्ति को लाभ पहुंचाते हैं।
माता लक्ष्मी के आठ स्वरुप जिन्हें अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है, उन अष्ट लक्ष्मी के नाम ( Ashta Lakshmi name ) इस प्रकार हैं :
1. आदि लक्ष्मी
2. धन लक्ष्मी
3. धान्य लक्ष्मी
4. गज लक्ष्मी
5. संतान लक्ष्मी
6. वीर लक्ष्मी
7. जय लक्ष्मी
8. विद्या लक्ष्मी
1. Ashtalakshmi पूजा शुरू करने के लिए अष्टलक्ष्मी यन्त्र या कवच को गुलाबी रंग के वस्त्र में एक चौकी पर रखें।
2. फिर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को चौकी पर रखें।
3. देवी को गुलाब का पुष्प, पान और आम के पत्ते, सुपारी, अक्षत, रोली, हल्दी और गुलाबी वस्त्र अर्पित करें।
4. देसी घी का दीपक और धूप जलाएं।
5. अब Ashtalakshmi मंत्र का 108 बार जाप करें।
अष्टलक्ष्मी मंत्र : ”ॐ महालक्ष्मी च विद्महे विष्णुपत्नीश्च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्”