कलयुग में गणेश जी का कौन सा अवतार होगा ?
Ganesh ji ka Dhumraketu Avatar – कलयुग जिसे महर्षि व्यास ने सब से सर्वश्रेष्ठ बताया हैं, लेकिन आखिर क्यूँ? जो फल सतयुग मे 10 साल जाप और तपस्या करने से मिलता हैं, यही फल त्रेतायुग मे 1 वर्ष मे और द्वापरयुग मे 1 महिना मे मिलता हैं। बात करे कलयुग की तो जाप, तपस्या और यज्ञ का केवल एक दिन और एक रात मे हरी कीर्तन करने से मिल जाता हैं।
कलयुग ही एक ऐसा युग हैं, जिसमे भगवान की प्राप्ति बहुत आसानी से हो जाती हैं, इस से हम सभी को यह मालूम पड़ता हैं की भगवान की आस्था और भक्ति कितनी जरूरी हैं।
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भगवान कल्कि ही नहीं गणेश भी लेंगे अवतार
नमस्कार दोस्तों, स्वागत हैं आप सभी का हमारे एक नए लेखन मे; जैसा हम सभी जानते हैं, कलयुग मे भगवान विष्णु अपना 10वा कल्कि अवतार लेंगे और राक्षस कली का वध करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं की इस कलयुग मे एक और ऐसे भगवान हैं, जो एक नया अवतार लेंगे। जी हाँ, आज की इस लेखन मे हम आप सभी को ऐसे ही एक भगवान की एक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो कलयुग मे एक पुर्नअवतार लेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं आज की बेहद खास लेखन को।
कलयुग जिसका अंत इतना भयानक होगा, जिसकी कल्पना करने भर से रूह काँप जाती हैं। उसी बीच भगवान विष्णु के कल्कि अवतार आएंगे और राक्षस कली का वध करेंगे। लेकिन इसी बीच भगवान गणेश भी एक अवतार लेंगे। यह कोई महज काल्पनिक कहानी या भविष्यवाणी नहीं हैं। इसका वर्णन हमे गणेश पुराण और मुदगल पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथ मे देखने को मिलता हैं, ग्रंथों मे साफ साफ बताया गया हैं, की भगवान गणेश धूम्रकेतु अवतार लेंगे, जिन्हे धूम्रकेतु या धूम्रवर्ण के नाम से जाने जाएगा।
Kalyug mai hoga Ganesh Ji ka Dhumraketu Avatar | भगवान गणेश हैं कलियुग के धूम्रकेतु, सवारी है घोड़ा
अब बात करते हैं, भगवान गणेश के धूम्रकेतु अवतार के स्वरूप के बारे मे, धूम्रकेतु अवतार धूम्रकेतु रंग यानी “गहरे रंग वाले” होंगे, इन्ही रंग के कारण उन्हे धूम्रकेतु या धूम्रवर्ण नाम दिया गया हैं। इस विशेष अवतार मे गणेश जी अपने दोनों भुजाओ मे अस्त्र लिए नीले घोड़े पर विराजमान होंगे। इनका शरीर वज्र जैसे जटिल होगा।
पुराण मे भगवान गणेश के धूम्रकेतु अवतार के जन्म की वैसे कोई तारिक या किसी ज्योतिषी घटना के होने का जिक्र नहीं किया गया हैं। लेकिन हमे पुराण मे यह साफ साफ बताया हैं, जब धर्म का चिरहरण होगा और राक्षसों का शासन चलेगा तब पाप अपने चरम सीमा पर होगा। मनुष्य तब पैसे के लालच मे पागल हो जाएगा। मान समान और भक्ति पुर्न रूप से समाप्त हो जाएगी। और साथ ही साथ सब से बड़ी घटना जिसमे ब्राह्मण जब अपने अच्छे कर्म छोड़ दोगे और लालच की ओर भागेंगे, ऐसे मे जब भगवानों की भक्ति की करने को कोई नहीं बचेगा तब होगी तेजाब की बारिश, और तब प्रकट होंगे भगवान गणेश अपने धूम्रकेतु अवतार मे।
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Kalyug mai kyu hoga Ganesh Ji ka Dhumraketu Avatar ? | कलयुग में गणेश जी का क्या नाम है?
यह थी भगवा गणेश धूम्रकेतु अवतार के जन्म की जानकारी; अब हम जानते हैं आखिर भगवान गणेश को धूम्रकेतु अवतार क्यूँ लेना पड़ेगा।
जिस प्रकार भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा करने हेतु, हर युग मे अवतार लिए हैं और इस कलयुग मे भी वह कल्कि अवतार के रूप मे जन्म लेकर, पाप और अधर्म को खत्म कर पुन: सतयुग की स्थापना करेंगे। उसी प्रकार भगवान गणेश भी पाप और अधर्म को खत्म करने हेतु धूम्रकेतु अवतार लेंगे। जिनमे उनका पहला उधेशय अभिमानासुर नामक असुर का वध करना होगा।
ग्रंथों के मुताबिक अभिमानासुर कलयुग मे राक्षसों का सरदार होगा। जिसके कारण कलयुग मे राक्षस मनुष्य का चिर हरण कर सकेंगे। अभिमानासुर का स्वरूप काफी विकराल होगा, इसको देखने भर से मन मे नफरत पैदा होने लगेंगी और अभिमानासुर का मचाया हुआ आतंक हर तरफ होगा। अभिमानासुर असुर के पास एक ऐसी शक्ति भी होगी जो मनुष्य के डर से और बलवान होगा। ऐसे भयानक राक्षस का वध करने आएंगे भगवान गणेश के धूम्रकेतु अवतार।
यह सब जानने के बाद, मन मे यह सवाल आता हैं क्या भगवान गणेश का धूम्रकेतु अवतार भगवान कल्कि से मिलेगा और अगर मिलेगा तो उनकी किस प्रकार सहायता करेंगे। तो चलिए इस विषय पर भी गौर करते हैं।
देखिए यह तो हम सभी जानते हैं, भगवान कल्कि के साथ सप्त चिरंजीवी आएंगे और कलयुग के युद्ध मे अपना पूरा योगदान देंगे। लेकिन भगवान गणेश का धूम्रकेतु अवतार की बात की जाए तो, कुछ मान्यताओ के हिस्साब से भगवान गणेश का यह धूम्रकेतु अवतार अभिमानासुर को मारने के बाद, अपने शरीर का त्याग कर वापिस चले जाएंगे।
लेकिन एक मान्यता यह भी हैं की धूम्रकेतु अवतार अभिमानासुर का वध करने के बाद, सभी वेदों का ज्ञान भगवान कल्कि तक पहुचाएंगे, और सभी सप्त चिरंजीवीओ के पास जाएंगे और युद्ध के लिए आमंत्रित करेंगे। और युद्ध मे भी भगवान कल्कि की अंत तक मदद करेंगे और सतयुग की शुरुवात मे लोगों तक वेदों ज्ञान पुनस्थापित करेंगे।
यह थी भगवान गणेश के धूम्रकेतु अवतार की सम्पूर्ण जानकारी, आशा करते हैं आप सभी को यह लेखन बेहद पसाद आया होगा, मिलते है आप सभी को एक नए लेखन मे।धन्यवाद!
Ganesh Ji pichle janam me kaun the ? | गणेश जी पूर्व जन्म में कौन थे?
ऐसा भी कहा जाता है कि वे महिष्मति वरेण्य वरेण्य के पुत्र थे। कुरुप होने के कारण उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया था। यह भी कहा जाता है कि कहते हैं कि द्वापर युग में वे ऋषि पराशर के यहां गजमुख नाम से जन्मे थे।
Ganesh Ji ka pehla avatar konsa hai ? | गणेश जी का पहला अवतार कौन सा है?
पहला स्वरूप वक्रतुंड का है. इस स्वरूप में श्री गणेश जी ने मत्सरासुर का अहंकार भंग किया था. 4. दूसरा स्वरूप एकदंत का है.
Kalyug Mai Bhagwan Ji kaun hai ? | कलयुग में भगवान जी कौन है?
धर्म ग्रंथों के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे। कल्कि अवतार कलियुग व सतयुग के संधिकाल में होगा। पुराणकथाओं के अनुसार कलियुग में पाप की सीमा पार होने पर विश्व में दुष्टों के संहार के लिये कल्कि अवतार प्रकट होगा।
Kalyug mai kiska raaj hoga ? | कलयुग में किसका राज होगा?
कलयुग का राजा कौन था? द्वापर युग समाप्त हो रहा था और कलियुग प्रवेश कर रहा था उस समय राजा परीक्षित थे,इसलिए कलियुग के पहले राजा परीक्षित को कहा जा सकता है।
Kalyug mai sabse bada devta kaun hai ? | कलयुग में सबसे बड़ा देवता कौन है?
ऐसी मान्यता है कि कलयुग में देवी देवता वास नहीं करते हैं. लेकिन Hanuman ji एक ऐसे देवता हैं जिन्हें कलयुग के देवता के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है जो भक्त हनुमान जी की आराधना (Worship) करता है, उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है. हनुमान जी अपने भक्तों का हर संकट हर लेते हैं.
Ganesh ji ke kitne avtar hai ? | गणेश के कितने अवतार हैं?
1. एकदंत अवतार
2. धूम्रवर्ण अवतार
3. लंबोदर अवतार
4. महोदर अवतार
5. वक्रतुंड अवतार
6. विकट अवतार
7. गजानन अवतार
8. विघ्नराज अवतार