भगवान श्री कृष्ण/ Bhagwan Shri Krishna … आखिर उनके बारे मे कौन नहीं जनता होगा.. धर्म की खातिर न जाने कितने महान कार्य कर गए। मन मे जब जब उठे बेवजह के सवाल तो याद आए भगवान श्री कृष्ण के अनत नाम।
श्री कृष्ण जी की सुंदरता ऐसी है की देखने भर से, मनुष्य स्वर्ग की ओर प्रस्थान करले। कृष्ण बिन राधा कहा और राधा बिन श्री कृष्ण कहा, यह तो हम सभी सुनते आ रहे हैं। लेकिन हम भक्त भी अपने श्री कृष्ण से अति प्रेम करते हैं। और भगवान श्री कृष्ण भी भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। हम आखिर मे कितनी भी बातें करे वो सब कम पड़ जाएगी। इसलिए इन बातों से हट कर। मैं आज आप सभी को भगवान श्री कृष्ण / Lord Shree Krishna की 2 ऐसी कहानी बताएंगे , जिससे सुनने के बाद मन के भाव आँखों से नजर आ जाएंगे।
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भगवान कृष्ण जी की एक सच्ची कहानी | Bhagwan Shri Krishna ki Ek Sachi Kahani
यह कहानी हैं आज से कई साल पहले की, जब भारत देश मे राजाओ का शाशन काल हुआ करता हैं। भारत देश मे एक ऐसी जगह थी, राजस्थान। राजस्थान के जयपुर जिले मे, उस समय गोविंद देवी जी मंदिर नामक एक मंदिर था। जहा पर भगवान श्री कृष्ण का एक चमत्कार देखने को मिलता था। इस मंदिर का पुजारी रात को मंदिर का पंखा बंद करने से पहले भगवान श्री कृष्ण के लिए 4 लड्डू रखा करते थे। जिससे भगवान कृष्ण को अगर भूख लगे तो वह उन लड्डुओ को खा ले, और वह लड्डू हमेशा सुबह खाए हुए मिलते थे।
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लेकिन एक रात की बात हैं, जब पुजारी रात को भगवान श्री कृष्ण के लिए लड्डू रखना भूल गया और बिना लड्डू रखे पग बंद करके अपने घर की ओर चले गए । रात मे जब कृष्ण जी को भूक लगी तो उन्होंने एक बड़ी बड़ी आँखे और घुँघराले बाल वाले छोटे से बालक का रूप लिया। और एक हलवाई वाले की दुकान पर जा पहुचे। उन्होंने हलवाई वाले से कहा, बाबा मुझे भूक लगी हैं, मुझे खाने के लिए लड्डू देदो। इस पर हलवाई वाले ने कृष्ण रूपी बालक से कहा की, क्या तुम पैसे लाए हो क्यूंकी मैं तो लड्डू बिना पैसे के देता ही नहीं हूँ। ऐसे मे कृष्ण रूपी बालक ने कहा की, बाबा मेरे पास पैसे तो नहीं हैं, लेकिन यह सोने का कडा हैं। जो मैं आपको दे सकता हूँ। हलवाई वाले के मन मे लालच का भाव पैदा होने लगा। उसने उस बच्चे से वह कडा ले लिया और उसके बदले मे, उस कृष्णा रूपी बालक को 4 लड्डू दे दिए।
अगले दिन जब पुजारी वापिस मंदिर गया और उसने देखा की वह रात को कृष्ण जी को लड्डू देना भूल गया। पुजारी वही बैठ कर श्री कृष्ण जी से माफी मांगने लगा। तो उस पुजारी ने देखा की श्री कृष्ण जी के एक हाथ मे कडा गायब दिखा। इस बात की खबर उस पुजारी ने राजा तक पहुचाई। तब राजा ने चोर को ढूँढने के लिए अपने सिपाई भेजे। तब हलवाई वाले को मालूम पड़ा की यह खड़ा तो वही कडा हैं, जो पिछली रात एक बालक उसे दे गया था।
इस बात से वह काफी डर गया और महाराज के पास पहुचा और महाराज को सारी बात बताते हुए कहा की “महाराज मैंने यह खड़ा मंदिर से नहीं चुराया हैं, पिछली देर रात एक बालक मेरी दुकान पर आया, जिसने लड्डू के बदले मुझे यह कडा दिया था। तब महाराज और पुजारी दोनों ही समझ गए की वह बालक और कोई नहीं स्वयं भगवान श्री कृष्ण थे।
अब चलते हैं श्री कृष्ण जी की अगली कहानी की ओर।
एक बार एक नगर मे, एक राजा ने भगवान श्री कृष्ण का बहुत सुंदर मंदिर बनवाया, लेकिन वह राजा उस मंदिर मे पूजा नहीं करा करता था। इसलिए राजा ने मंदिर के लिए पुजारी को रखा। वह पुजारी को प्रतिदिन एक फूलों की माला भेजा करता था। और जब वह मंदिर मे आता तो भगवान श्री कृष्ण/ Bhagwan Shri Krishna की चड़ी हुई माला राजा को पहना देता।
लेकिन एक दिन पुजारी को किसी ने झूटी खबर दी की आज मंदिर मे राजा नहीं आ रहे हैं। इस वजह से वह माला स्वयं पुजारी ने पहन ली। तभी पुजारी को मालूम पड़ा की राजा मंदिर मे आ रहे हैं। पुजारी ने झट से माला को श्री कृष्ण को पहना दी।
राजा के आते ही पुजारी ने वह माला, श्री कृष्ण के पास से राजा को पहना दी। राजा ने माला मे लगे सफेद बाल को देखा। राजा को मालूम पड़ गया की यह माला पुजारी ने पहनी थी ।। पुजारी ने घबराते हुए राजा को कहा की, यह बाल तो स्वयं भगवान कृष्ण जी की मूर्ति के हैं। यह सुनकर राजा ने कहा की मैं कल खुद आकर जांच करूंगा और अगर तुम झुट बोल रहे होंगे तो मैं तुम्हें फासी के फंदे पर चड़ा दूंगा।
राजा के जाने के बाद पुजारी रोता हुआ, श्री कृष्ण जी के शरण मे पहुचा और रोते हुए कहने लगा की, मैंने पाप किया हैं कृपया मुझे क्षमा करे और मेरे जान की रक्षा करे प्रभु। जब सुबह राजा मंदिर पहुचा तो देखा की भगवान श्री कृष्ण जी के तो बाल है, और वे सारे सफेद हैं। राजा को पुजारी पर शक हुआ तो उसने श्री कृष्ण जी की मूर्ति से एक बाल को तोड़ कर देखा। जैसे ही श्री कृष्ण जी का बाल टूटा तो उसमे से खून की एक धारा बहने लगी।
राजा यह सब देख कर बहुत डर गया और वही भगवान श्री कृष्ण की शरण मे लेट कर माफी मांगने लगा। और रो रो कर भगवान श्री कृष्ण से एक ही बात कहने लगा, मुझे माफ कर दीजिए प्रभु मैंने आपके चमत्कार और आपके भक्त पर शक किया।