शुक्र दोष क्या है?
शुक्र दोष जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह के कमजोर होने की स्थिति में लगता है। जब जातक की कुंडली में शुक्र अशुभ फल देना शुरू कर दे तो समझ लो वह शुक्र दोष से पीड़ित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र दोष से पीड़ित जातकों को कई प्रकार की स्वास्थ्य और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइये जानते हैं वे कौन से शुक्र दोष के लक्षण हैं जिनसे जातक यह पहचान पाए कि उनकी कुन्डली में शुक्र नीच श्रेणी में है और अशुभ फल दे रहा है।
शुक्र के कमजोर होने से क्या होता है?
आइये जानते शुक्र दोष के लक्षण :
1. वीर्य दोष, प्रमेह दोष, मधुमेह, मूत्र और नेत्र दोष होना।
2. यक्ति में आकर्षण कम होना।
3. आर्थिक स्थिति बद से बदतर होते चले जाना
4. पुरुषों के विवाह में अड़चन आने लगती है।
5. आँखों की रोशनी कम होने लगती हैं।
6. कमर और पिंडली में दर्द होने लगता है।
7. चरित्र पर प्रभाव पड़ने लगता है।
शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए क्या करें?
1. शीघ्र परिणाम के लिए शुक्र यन्त्र लॉकेट धारण करें।
2. शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन व्रत करें।
3. शुक्रवार के दिन चींटी को आटा खिलाएं, इससे लाभ मिलेगा।
4. शुक्रवार के दिन श्वेत वस्त्र धारण करें।
5. पुखराज, जरकन या हीरा रत्न धारण करें।
6. किसी कन्या को श्वेत वस्तुएं जैसे – वस्त्र, चन्दन, चावल, दही और शक्कर आदि दान करें।
शुक्र कैसे खराब होता है?
1. जब जातक की कुंडली में शनि नीच ग्रह में शामिल हो जाए तो शुक्र खराब हो जा है और अशुभ फल देना आरम्भ कर देता है।
2. घर की दक्षिण पूर्व दिशा यदि दूषित होगी तो शुक्र खराब हो जाता है।
3. शुक्र के साथ राहु के होने से पुरुष के जीवन में धन और स्त्री दोनों ही दूर हो जाती हैं।
4. घर में काले और कत्थई रंग की वस्तुएं अधिक होने से शुक्र नीच स्थिति में आ जाता है।
5. पराई स्त्री से संबंध बनाने से भी शुक्र नीच हो जाता है।
शुक्र ग्रह अच्छा होता है तो क्या होता है?
1. गृहस्थ जीवन सुखी रहने लगता है।
2. व्यक्ति सुन्दर, आकर्षक और हष्ट-पुष्ट हो जाता है।
3. आर्थिक संकट समाप्त होने लगते है और धन आने के नए द्वार खुलने लगते है।
4. शुक्र अच्छा हो तो व्यक्ति विलासिता का जीवन भोगता है।
5. व्यक्ति साहित्य, काव्य और कला में रूचि लेने लगता है।
शुक्र ग्रह की पूजा कैसे करनी चाहिए?
1. शुक्र ग्रह की पूजा करने के लिए ब्रह्ममुहूर्त में उठें, स्नान करें और सफ़ेद कपडे पहनें।
2. उसके बाद घर के मंदिर में देवी-देवताओं को प्रणाम कर आसन लगाकर बैठ जाएँ।
3. अब शुक्र ग्रह का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें।
4. फिर नीचे दिए गए शुक्र मंत्र का जाप कम से कम एक माला तो अवश्य ही करें।
शुक्र मन्त्र : ”ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।”
शुक्र ग्रह का बीज मंत्र कौन सा है?
शुक्र ग्रह का बीज मंत्र : ”ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः।”
क्या खाने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है?
शुक्र को कुंडली में मजबूत करने के लिए श्वेत खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। जैसे – चीनी, घी, दूध, दही और चावल का सेवन अधिक करें।
शुक्र नीच का हो तो क्या करें?
श्वेत चीजों दूध, दही, चीनी, सफ़ेद वस्त्र का किसी जरूरतमंद व्यक्ति और कन्या को दान करें।
शुक्र ग्रह की देवी कौन है?
शुक्र ग्रह की देवी धन, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की देवी लक्ष्मी हैं। शुक्रवार का दिन इन्हें ही समर्पित माना जाता है इस दिन व्रत का पालन करने से शुक्र शुभ फल देने लगता है।
शुक्र मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
शुक्र मंत्र का जाप करने के लिए प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त का समय सबसे शुभ माना जाता है। इस समय शुक्र मंत्र का जाप करने से अत्यधिक शीघ्र शुभ फल की प्राप्ति होती है।
शुक्र के नक्षत्र कौन कौन से हैं?
शुक्र तीन नक्षत्रों का स्वामी माने जाते हैं, वे नक्षत्र हैं : भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा।
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