मनुष्य का दूसरा जन्म होता है जब वह किसी से प्रेम करता है , मनुष्य अपने जीवन को नए सिरे से जीना से शुरू करता है।
उसके जीवन की नकारत्मक ऊर्जा का विनाश होता है , मनुष्य के जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानी उचित साथी मिलने से ख़त्म होने लगती है वह उनका सामना और दृढ होकर करने लगता है।
आज कल की तनाव भरी जीवनशैली में नई पीढ़ी की सोच बदल रही है , रिश्तों में दरार आने लगी है घर परिवार ताश के पत्तो की तरह बिखर जाते है और इस प्रेम और सम्बन्ध का भिन्न राशियों के जातक पर भिन्न भिन्न प्रभाव पड़ता ही तो आइये जानते है की कैसे वैदिक ज्योतिष में सरल उपाय है, जिसे अपनाकर आप अपने लिए पहले से ही अनुकूल रिश्ते और संबंध स्थापित कर सकते है। वह हम जानेंगे कर्क और मकर राशियों के माध्यम से, आइए शुरू करते हैं।
कर्क व मकर राशि के जातको के बीच अनुकूलता
कर्क और मकर का प्रेम संबंध आमतौर पर एक बहुत अच्छा संयोजन हो सकता है। मकर और कर्क दोनों गहरी आपसी समझ साझा करते हैं। इन विशेष संकेतों में बहुत कुछ एक समान है, वे दोनों घरेलू हैं और अपने साथी के साथ घर पर शांत और रूमानी पल बिताना पसंद करते हैं।
कर्क और मकर दोनों हमेशा स्थिरता की तलाश करते हैं और दोनों एक-दूसरे के लिए निष्ठावान बने रहते हैं।
कर्क राशि के जातक अपने साथी के रूप में मकर को रिश्ते के सभी क्षेत्रों में शामिल करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करते हैं।
कर्क – मकर संबंधों के फायदे
कर्क और मकर राशियां जल और पृथ्वी तत्व की राशियां हैं। क्या सब कुछ सहन करने वाली पृथ्वी जल को अपने अनुसार स्वतंत्र रूप से बहने देगी, या उसके लिए बाधा डालेगी? देखते हैं दोनों के बीच क्या अनुकूलता हो सकती है
कर्क जातक रिश्ते में स्थिरता और सकारात्मकता चाहते हैं। उन्हें सदैव असुरक्षित बने रहने का डर बना रहता है। मकर कई बार उनकी यह इच्छा पूरी कर पाने की योग्यता रखते हैं।
मकर को हमेशा अपने साथी को साथ लेकर घूमना पसंद है। कर्क जातक को यह बात बेहद अच्छी लगती है।
कर्क – मकर संबंधों के नुकसान
कर्क और मकर में कई गुण एक समान है, लेकिन कुछ गुण एक दूसरे के विपरीत भी हैं। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि मकर राशि के साथ कर्क का मैच अच्छा है या नहीं! दोनों के बीच अच्छी रूमानी समन्वय हो सकता है लेकिन कई बार दोनों के बीच अत्यधिक स्नेह की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
कर्क और मकर दोनों ही रिश्ते के शुरुआती चरण में चीजों को धीमा करना पसंद करते हैं और एक-दूसरे के साथ बहुत सावधानी से आगे बढ़ते हैं।
कभी-कभी एक-दूसरों को लेकर इतने संदेह बरी नज़रो से देखने लग जाते हैं कि उनके रिश्ते में ठहराव और ऊब की स्थिति बनने लगती है।
कर्क – मकर की विवाह अनुकूलता
कर्क और मकर जीवनभर साथ निभाना पसंद करते हैं। मकर अपने साथी की खुशी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं, इसके बदले कर्क रिश्तों को लेकर लॉयल बने रहते हैं। दोनों का जीवन आदर्श जीवन हो सकता है। देखते हैं दोनों के बीच की विवाह अनुकूलता किस प्रकार की है।
मकर और कर्क दोनों गलतफहमी होने पर साथ में बैठकर उसे सुलझाना पसंद करते हैं।
वे दोनों भावुक, कामुक, प्रेमी स्वभाव, घरेलू और एक दूसरे में गहराई तक डूबने वाले प्राणी होते हैं।
कर्क बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देते हैं, जबकि मकर बच्चों की सभी जरूरतों का ख्याल करते हैं।
निष्कर्ष के तौर पर कहें तो कर्क और मकर की जोड़ी जीवन के कई क्षेत्रों में अनुकूल परिणाम देती नजर आती है। इसके अलावा कुछ प्रतिकूल स्थितियों और वाद विवाद की भी संभावना है परन्तु अध्मियक्ता के मार्ग से सम्बन्ध में आने वाली अड़चने दूर की जा सकती है , अगर कर्क राशि के जातक शनि कवच धारण करे और मकर राशि के जातक महाशक्ति इंद्र कवच धारण करे तो प्रेम सम्बन्ध में आने वाली समस्याओं का नाश होगा।
साथ ही विवाहित और प्रेम सम्बन्ध में जुड़े हुए प्रेमी युगल दोनों ही अपने घरों में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कर उनकी पूजा व आराधना करने से प्रेम सम्बन्ध में आयी दूरियों और गृह कलेशो से छुटकारा अवश्य ही मिलेगा , नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा ही करके ही माँ पार्वती ने महादेव को पति के रूप में प्राप्त किया था। नर्मदेश्वर शिवलिंग को बिना किसी प्राण प्रतिस्टा के घर में स्थापित किया जा सकता है।
आप और किस किस राशि के प्रेम सम्बन्ध के बारे में जानना चाहते है कमेंट बॉक्स में हमे जरूर बताये।