यह बात है 2021 की गर्मियों के समय की पुनीत व उसके कुछ दोस्त ऋषिकेश घूमने व महादेव के दर्शन करने गए थे , पुनीत पिछले कई सालो से महादेव की पूजा पाठ करता था उसी ने महादेव के दर्शन करने जाने की योजना बनाई थी। सारे दोस्त ऋषिकेश पहुंचे बड़े ही सच्चे भाव से शिव जी के दर्शन किए , उसके बाद पुनीत ने गरीब लोगो को खाना भी खिलाया और कुछ लोगो को कपडे भी दिए।
पुनीत सदैव ही गरीबों की मदद किया करता था। महादेव के दर्शन करने और गरीबों की सहायता करने के बाद वह सभी लोग घूमने के लिए निकल गये। जब दिन ढलने ही वाला था उस समय सभी रिवर राफ्टिंग के लिए गए , वह सभी ४ लोग थे चारों एक ही नाव में बैठ गए धीरे धीरे आगे बढ़ने लगी , अँधेरे ही थोड़ा अधिक हो गया था। सुब लोग खूब मजे कर रहे थे परन्तु किसी ने सोचा न था की कोई हादसा भी हो सकता है , नाव आगे बढ़ते हुए गहरे पानी में चली गई और अँधेरा अधिकः होने के कारन यह बात पुनीत व उनके दोस्तों को पता न चली।
पानी का बहाव तेज हो कर बढ़ने लगा था। उन्हें नाव सँभालने उन्हें परेशनी होने लगी थी। उन्होंने नाव को पीछे मोड़ने का भी बहुत प्रयास किआ पर वह सभी नाकाम रहे , सुब बहुत डर रहे थे क्यों की पानी की लहरें नाव के अंदर आने लगी थी , तभी नाव टेढ़ी हो गई और पुनीत पानी में गिर गया , तुरंत ही पुनीत ने तैरने का प्रयास किआ पर बहाव तेज होने के कारण वह तैरने में असमर्थ था , उसके दोस्तों ने भी उसको पकडे की बहुत कोशिश की पर सफल न हो पाए। पुनीत ने घबराते हुए महादेव से मदद की गुहार लगाई , तब कुछ ऐसा हुआ जिसे देख सभी के होश उड़ गए।
अचानक से पुनीत का हाथ नदी के बीच एक बड़े से पत्थर से टकरा गया पुनीत ने तुरंत ही उस पत्थर को पकड़ लिया , जिसके कारन वह बहने से रुक गया और तुरंत ही उसके साथियों की नाव भी उसी पत्थर से टकरा कर वही रुक गई पुनीत भी नाव पर चढ़ गया , पुनीत के नाव पर चढ़ते ही नदी के पानी का बहा भी पलट कर उस तरफ हो गया जिस ओर से वह सभी आये थे। पुनीत व उसके सारे दोस्त आस्चर्य में थे की नदी का बहाव अचानक बदल कैसे गया।
धीरे धीरे सभी किनारे पर आ गए , फिर उन लोगो ने नदी के किनारे चलना शुरू किआ यह देखते के लिए की वो बड़ा सा पत्थर में ऐसा क्या था की उस से पानी का बहाव ही पलट गया। जब वह सुब उस पत्थर के पास पहुंचे तो देखा की वह तो एक बड़ा सा शिवलिंग है जो धीरे धीरे नदी के अंदर जा रहा है। तब पुनीत ने अपने दोस्तों से कहा देखो महादेव यहां खुद शिवलिंग रूप में आये ओर हम सबकी रक्षा की सब की आँखों में आंसू थे सभी ने हर हर महादेव का जयकारा लगाया , और वह वहां से चले गए
इस प्रकार महादेव ने अपने सच्चे और निस्वार्थ भक्तों की जान बचाई