Ram Mandir Ki Pran Prathishtha kab aur kis samay hai?
Ram Mandir Ki Pran Prathishtha – धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान राम का जन्म मृगशीर्ष नक्षत्र, अमृत सिद्धि योग, और सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। ये सभी शुभ योग 22 जनवरी 2024 को एक बार फिर से बन रहे हैं। इसीलिए अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति विराजमान करने के लिए 22 जनवरी का दिन चुना गया है।
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धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, इस दिन भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर समुद्र मंथन में सहायता की थी। भगवान श्री राम विष्णु जी के ही अवतार हैं। इसलिए राम मंदिर के उद्धाटन के लिए इस दिन को बेहद शुभ माना जा रहा है। प्रतिष्ठा सामाजिक स्तरीकरण का उपकरण है जो सामाजिक समूह में किसी इकाई को खास स्थान और महत्व प्रदान किए जाने की स्थिति व्यक्त करता है। इसके दो मूल आधार माने गए हैं- कर्म और कुल।
Ram Mandir ki Pran Prathishtha kaise hogi?
यह प्रक्रिया मूर्ति के पीछे से की जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान की आंखें खुलते ही अगर कोई उनकी ओर देखता है, तो उसे नुकसान हो सकता है क्योंकि उनकी चमक बहुत तेज होती है। अंजन लगाने के बाद मूर्ति की आंखें खुल जाती हैं। इस तरह प्राण प्रतिष्ठा पूरी होती है।
प्रतिमा को गंगाजल या नदियों के जल से स्नान कराया जाता है। इसके बाद मूर्ति को पोंछकर और देवी-देवता के प्रिय रंग के नवीन वस्त्र धारण कराए जाते हैं। प्रतिमा को स्थान पर स्थापित कर चंदन का लेप लगाया जाता है। मूर्ति का पूरा श्रृंगार किया जाता है और फिर मंत्रों का पाठ कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को होगी. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई गणमान्य लोग शामिल होंगे।
Ram Mandir Pran Prathishtha ki vidhi | प्राण प्रतिष्ठा की विधि
ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा का अर्थ है ‘प्राण शक्ति की स्थापना’ या ‘देवता को जीवंत स्थापित करना। ‘ भव्य राम मंदिर में भी रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। शास्त्रों और धर्माचार्यों के अनुसार, जब किसी प्रतिमा में एक बार प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है, तो वह प्रतिमा एक देवता में बदल जाती है।
- मूर्ति को पोंछकर और देवी-देवता के प्रिय रंग के नए वस्त्र पहनाए जाते हैं।
- प्रतिमा को सही जगह पर स्थापित करें और चंदन का लेप लगाएं।
- मूर्ति का पूरा श्रृंगार करें।
- फिर मंत्रों का पाठ कर प्राण प्रतिष्ठा करें।
- इसके बाद पंचोपचार कर विधि-विधान से भगवान की पूजा करें।
Ayodhya Ram Mandir me Ram ji ki murti kaise rakhi jayegi?
अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति 18 जनवरी, 2024 को गर्भगृह में रखी जाएगी। मूर्ति संगमरमर की बनी है। मूर्ति में रामलला को पांच साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है और वह कमल के फूल पर विराजमान हैं। मूर्ति नख से शिख तक 51 इंच ऊंची है। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फ़ीट होगी।
राम मंदिर की कीमत क्या है? | Ayodhya Ram Mandir banane me kitna kharch aaya hai?
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर अब तक 900 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुरुआत में मंदिर बनाने में 1,800 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया था। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, यह रकम बढ़ भी सकती है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कौन कर रहा है?
भारत सरकार द्वारा स्थापित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट , राम मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए जिम्मेदार अधिकृत निकाय है। अपने दान की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित घोटालों से बचाने के लिए, कुछ सरल चरणों का पालन करना आवश्यक है।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Toubro) कर रही है। इस मंदिर के निर्माण में टाटा ग्रुप ने भी अहम भूमिका निभाई है। लार्सन एंड टुब्रो को मंदिर बनाने की ज़िम्मेदारी मिली थी, जबकि टाटा कंस्ट्रक्शन कंपनी को लार्सन एंड टुब्रो के काम की समीक्षा करने का काम सौंपा गया था।