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    Home » Maha Shiva Ratri : साल 2024 में कब है महा शिवरात्रि? जानें तारीख और इस दिन का महत्व
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    Maha Shiva Ratri : साल 2024 में कब है महा शिवरात्रि? जानें तारीख और इस दिन का महत्व

    Dhruv SahaniBy Dhruv SahaniFebruary 27, 2024Updated:February 27, 2024
    Maha Shiva Ratri
    Maha Shiva Ratri
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    महाशिवरात्रि | Mahashivratri

    महाशिवरात्रि के पावन दिन पर, भक्त उपासना और विश्वास के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए हर साल शिव भक्तों द्वारा यह पर्व उत्साह से मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि ( Maha Shiva Ratri ) फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।

    भक्त मानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन, भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर सभी शिवलिंगों में प्रकट होते हैं, इसलिए इस दिन शिव की पूजा करने से कई गुणा अधिक फल मिलता है। चलिए जानते हैं कि 2024 में महाशिवरात्रि की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

    महाशिवरात्रि 2024 तिथि ( Mahashivratri 2024 Date )

    हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन आती है।इस वर्ष, यह 8 मार्च की शाम 9:57 बजे शुरू होगा और अगले दिन 9 मार्च को शाम 6:17 बजे समाप्त होगा। भगवान शिव की पूजा पारंपरिक रूप से प्रदोष काल के दौरान की जाती है, इसलिए सूर्योदय के समय को देखने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए इस साल महाशिवरात्रि व्रत ( Mahashivratri Vrat ) 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा.

    महाशिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त ( Mahashivratri 2024 Pooja Muhoort )

    8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शाम के समय 06:25 बजकर से 09:28 बजकर तक शिवजी की पूजा का समय है। इसके अतिरिक्त, चार प्रहर के मुहूर्त इस प्रकार हैं।

    महाशिवरात्रि की पूजा विधि ( Mahashivratri Pooja Vidhi )

    •  प्रातः काल उठकर स्नान आदि करें।
    •  भगवान शिव शंकर के सामने व्रत का संकल्प लें।
    • फलाहार या फिर निर्जला व्रत रखें।
    • शुभ मुहूर्त में पूजा का आरंभ करें।
    • पंचामृत से भगवान शिव को स्नान कराएं।
    •  केसर के 8 लोटे जल से अभिषेक करें।
    • पूरी रात्रि के लिए दीपक जलाएं।
    • चंदन का तिलक लगाएं।
    •  बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं।
    • केसर युक्त खीर का भोग लगाकर सभी को प्रसाद बांटें।

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    Shiv Ratri
    Shiv Ratri

    महाशिवरात्रि व्रत के नियम क्या है? | Maha Shivratri Vrat ke niyaam kya hain

    महाशिवरात्रि व्रत के नियम | Maha Shiva Ratri vrat ke niyam

    1- महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि के प्रारंभ होने के साथ ही व्रत का संकल्प लें और व्रत निर्जला होगा या फलहार के साथ मन में तय कर लें और वही पालन करें.

    2- ध्यान रहे की इस व्रत में केवल एक ही समय का फलहार करना चाहिए. दूसरे समय फलाहार नहीं किया जानक चाहिए.

    शिवरात्रि का इतिहास | Shivratri Ka Itihaas

    महाशिवरात्रि का पूर्व इतिहास वेद, पुराणों, और भारतीय साहित्य में मिलता है। इसे भगवान शिव के समर्पित किया जाता है, जिन्होंने इस दिन अपनी अर्धनारीश्वर स्वरूप का दर्शन किया था। इस त्योहार का अर्थ है शिव की आराधना करके भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति करना।

    महाशिवरात्रि के उत्सव का आयोजन | Maha Shiva Ratri ke utsaav ka aayojan

    महाशिवरात्रि के दिन विभिन्न भागों में भगवान शिव की पूजा का आयोजन होता है। लोग मंदिरों में इच्छाएं मांगते हैं और जल, दूध, धूप, बेलपत्र, फल, और मिठाई चढ़ाते हैं। रात्रि में, भक्त जागरूक रहते हैं और शिव की कीर्तन एवं आराधना करते हैं।

     महाशिवरात्रि के चरित्रग्रंथ | Maha Shiva Ratri ke charitragranth

    महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के चरित्रग्रंथों का पाठ किया जाता है, जैसे कि “शिव पुराण” और “रामायण”। ये ग्रंथ मानव जीवन के मौल्यों और धार्मिकता के सिद्धांतों को समझाते हैं, जो आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

    महाशिवरात्रि के उपहार |Maha Shiva Ratri ke upahaar

    इस उत्सव के दिन भक्त एक अन्य भाग्यशाली बात हैं जो महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए पूजा सामग्री को प्राप्त करते हैं। यह उपहार उनकी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक होते हैं।

    महा शिवरात्रि क्यों मनाया जाता है? | Maha Shivratri kyu manaya jaata hain

    Maha Shiva Ratri – फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने वैराग्य छोड़कर देवी पार्वती संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इसी वजह से हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।

    2024 में महाशिवरात्रि व्रत कब है? – महाशिवरात्रि कब है 2024 | 2024 Mein Maha Shivratri Vrat kab hain

    शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए उदया तिथि देखना जरूर नहीं होता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा।

    महाशिवरात्रि का इतिहास क्या है? | Maha Shivratri ka itehaas kya hain

    भगवान शिव सती को बचाने के लिए यज्ञस्थल पर गए, लेकिन तब तक सब खत्म हो चुका था। कैलाशपति ने क्रोधित होकर सती का शरीर उठा लिया और तांडव करने लगे। जिस दिन शिव ने तांडव किया था, वह फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी (चौदहवीं) तिथि थी। महापुराण के अनुसार वही खास तिथि महाशिवरात्रि (Maha Shiva Ratri) हुई।

    शिवरात्रि का व्रत कैसे खोला जाता है? | Shivratri Ka Vrat kaise khola jaata hain

    जो लोग निशिता काल मुहूर्त और रात्रि के चार प्रहर में शिव आराधना करते हैं उन्हें अगले दिन सूर्योदय के बाद ही व्रत पारण करना चाहिए. वहीं कुछ लोग मान्यता अनुसार शिवरात्रि के दिन ही शाम की पूजा के बाद भोजन कर लेते हैं. कहते हैं शिवरात्रि का व्रत ( Shivratri ka vrat ) पूजा में चढ़ाए गए फलों से ही करना चाहिए.

    शिवरात्रि के दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए? | Maha Shivratri ke din kya karna chaiye aur kya nahi karna chaiye

    किसी भी तरह के भोग-विलास से दूर रहें. पूरे ध्यान और भक्ति के साथ केवल भगवान की पूजा करने के लिए समय समर्पित करें. इस दिन झूठ और झगड़ों से बचें और गलती से भी मांसाहारी भोजन न खाएं. शराब और किसी भी तरह के नशे की चीजों से दूर रहें.

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    Shiva Ratri 2024
    Shiva Ratri 2024

    शिवरात्रि की रात का क्या महत्व है? | Shivratri ki raat ky kya mahatv hain

    इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ शिव की आराधना करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर माता पार्वती से विवाह किया था. महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व होता है.

    शिव के सिर पर गंगा क्यों है? | Shiv ke sir par Ganga kyu hain

    किंवदंती है कि गंगा को एक दिव्य नदी माना जाता है जो इस ग्रह पर उतरी थी, और इसकी तीव्रता से दुनिया को नुकसान होता, इसलिए शिव ने इसे अपने सिर पर ले लिया और इसे अपने बालों के माध्यम से धीरे-धीरे हिमालय की ढलानों पर प्रवाहित कर दिया। यह लोगों के लिए इसका क्या अर्थ है, इसकी पवित्रता की एक द्वंद्वात्मक अभिव्यक्ति है।

    महाशिवरात्रि पर कौन सा रंग पहनना है? | Maha Shivratri par konsa rang pehnana hain

    अधिकांश भक्त विभिन्न रंगों के कपड़े पहनते हैं जैसे हरा, पीला, लाल, नारंगी, सफेद, गुलाबी और भी बहुत कुछ! हालाँकि, भक्त अक्सर गहरे रंगों, विशेषकर काले, से परहेज करते हैं।
    Maha Shiva Ratri Images
    Maha Shiva Ratri Images

    महाशिवरात्रि के दिन हमें कितने बजे सोना चाहिए? | Maha Shivratri ke din hame kitne baje sona chaiye

    यदि आप 2:30 – 3 बजे के बीच सोना चुनते हैं, तो जागने पर त्योहार की गतिविधियों में भाग लेना जारी रखने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर, महाशिवरात्रि  ( Maha shivratri )की अगली सुबह 6 बजे तक जागना सबसे अच्छा होता है।

    सावन की शिवरात्रि में क्या खाना चाहिए? | Savan ki Shivratri mein kya khana chaiye

    जैसा कि महाशिवरात्रि के उपवास के दौरान अनाज खाने की सख्त मनाही होती है. हालांकि आप कुट्टू के आटे का सेवन कर सकते हैं. आप कुट्टू के आटे से बनी पूड़ी या पकौड़ी के साथ व्रत वाली आलू की सब्जी खा सकते हैं. कुट्टू के आटे के अलावा, आप अरारोट का आटा, साबूदाने का आटा और सिंघाड़े के आटे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

    शिवरात्रि का व्रत कितने घंटे का है? | Maha Shiva Ratri Ka Vrat kitne ghante ka hain

    आमतौर पर, महाशिवरात्रि  का व्रत ( Maha Shivratri ka vrat ) त्योहार की सुबह शुरू होता है और दिन और रात भर चलता है। भक्त अपना उपवास 24 घंटे बाद, अगले दिन सुबह खोलते हैं। 2023 के लिए उपवास 18 फरवरी की सुबह शुरू होगा और 19 फरवरी की सुबह समाप्त होगा ।
    Maha Shivratri
    Maha Shivratri

    शिवरात्रि मनाने का मुख्य कारण क्या है? | Shivratri manane ka mukhay karan kya hain

    फाल्गुन चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव ने वैराग्य छोड़कर देवी पार्वती संग विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। इसी वजह से हर वर्ष फाल्गुन चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की खुशी में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है।

    शिवरात्रि सबसे काली रात क्यों है? | Shivratri sabse kali raat kyu hain

    हम कहते हैं कि संपूर्ण सृष्टि शिव की गोद में हो रही है और शिव को “अंधकारमय” कहते हैं। विडंबना यह है कि आधुनिक वैज्ञानिक उस चीज़ का उल्लेख कर रहे हैं जो इस अस्तित्व में सब कुछ एक साथ रखती है, उसे डार्क एनर्जी कहा जाता है।

    शिवरात्रि पर रात में क्या करना चाहिए? | Shivratri par raat mein kya karna chaiye

    शिव  पूजा  रात्रि के समय करनी चाहिए। शिवरात्रि पूजा (shivratri puja )रात में एक बार या चार बार की जा सकती है। चार बार शिव पूजा करने के लिए पूरी रात की अवधि को चार प्रहर में विभाजित किया जा सकता है। जो भक्त एकल पूजा करना चाहते हैं उन्हें मध्यरात्रि के दौरान पूजा करनी चाहिए।
    Shivaratri
    Shivaratri

    शिवरात्रि की पूजा घर पर कैसे करें? | Shivratri ki puja-pooja ghar par kaise kare

    ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें. शिवरात्रि के दिन आप पूरे दिन का व्रत भी रख सकते है. इस दिन व्रत निराहार ही रखें, पूरेदिन में आप केवल दूध, फल या जूस का सेवन कर सकते हैं. शाम के समय वापस स्नानादि करने के बाद घर के मंदिर में भोलेनाथ और शिवलिंग की पूजा करें.

    शिवरात्रि पर क्या पीना चाहिए? |  Shivratri par kya pina chaiye

    नारियल पानी: व्रत में खुद को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल पानी बहुत अच्छा रहता है। फ्रूट जूस: किसी भी फ्रूट जूस को आप व्रत में पी सकते हैं। बस ध्यान रहे व्रत में सफेद नमक नहीं खाना चाहिए। व्रत खोलने के बाद: शिवरात्रि ( Shivratri )का व्रत शाम को पूजा के बाद खोला जाता है।

    शिवरात्रि को क्या नहीं खाना चाहिए? | Shivratri ko kya nahi khana chaiye

    शिवरात्रि के व्रत ( Shivratri ke vrat ) में क्या न खाएं ?
    • शिवरात्रि के व्रत में आपको अधिक तला-भुना खाने से परहेज करना चाहिए। …
    • व्रत में प्याज-लहसुन से बनी चीजों का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है। …
    • व्रत में अगर आप खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो ताजे फलों का सेवन करें। …
    • व्रत के दौरान पेट की गर्मी को शांत करने के लिए ठंडाई पिएं।
    Happy Maha Shivaratri
    Happy Maha Shivaratri

    शिवरात्रि का Fast कब खोला जाता है? | Shivratri ka fast kab kola jaata hain

    हिंदू धर्म के दूसरे त्यौहारों पर जहाँ पूजा के बाद भगवान को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण किया जाता है, वहीं शिवरात्रि का व्रत पूरे दिन चलता है और सुबह  सूर्योदय के पश्चात ही इसको खोला जाता है।

    शिवरात्रि व्रत में रात के समय क्या खाना चाहिए? | Shivratri Vrat me raat me kya khana chaiye

    ​महाशिवरात्रि व्रत (Maha shiv ratri Vrat ) में मखाना और कुट्टू का आटा भी खाया जा सकता है। जहां स्नैक में मखाना खाने से प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन मिलता है। वहीं, रात में कुट्टू की पूरी खाने से पोटैशियम, कैल्शियम, प्रोटीन, फैट, कार्ब्स, फाइबर मिलता है।

    शिवरात्रि में क्या क्या चढ़ता है? | Maha Shiva Ratri me kya kya chadata hain

    इस दिन भगवान शिव की पूजा बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, धतूरा, अक्षत्, चंदन आदि से करते हैं ताकि महादेव प्रसन्न होकर हमारी मनोकामनाओं को पूरा करें. महाशिवरात्रि ( Maha shiv ratri )के अवसर पर आप भगवान भोलेनाथ को उनके प्रिय भोग लगाकर भी उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
    Image of Shiv Ratri
    Image of Shiv Ratri

    शिवरात्रि के दौरान लोग सोते क्यों नहीं हैं? | Shivratri ke dooran log sote kyu nahi hain

    सद्गुरु के अनुसार, हमें बताया गया है कि महाशिवरात्रि पर क्यों नहीं सोना चाहिए: महाशिवरात्रि की रात मानव तंत्र के भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक उभार होता है । इस असाधारण ऊर्जा का उपयोग केवल वही लोग कर सकते हैं जिनकी रीढ़ की हड्डी सीधी खड़ी हो।

    अमावस्या को शिवरात्रि है? | Amavasya ko Shivratri hain

    इसे ‘शिव की रात’ भी कहा जाता है और अधिकांश भारतीय राज्यों में मनाया जाता है । हर साल, यह त्यौहार फाल्गुन के महीने में अमावस्या की 14वीं रात को पड़ता है , जो मार्च के महीने से मेल खाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फरवरी.

    1 साल में कितनी बार शिवरात्रि आती है? | 1 saal me kitne baar Shivratri aate hain

    साल में 12 मासिक शिवरात्रि होती है, जिसमें एक महाशिवरात्रि फरवरी या मार्च में होती है. महाशिवरात्रि को फाल्गुन मासिक शिवरा​त्रि भी कहते हैं. हर माह में मासिक शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए पूजा पाठ और भगवान भोलेनाथ की कृपा पाने का अवसर है. इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को है.

    महा शिवरात्रि के पीछे की कहानी क्या है? | Maha Shiva Ratri ki pichee ki kahani kya hain

    शिवरात्रि ( Shivratri )को एक ऐसी घटना के रूप में मनाया जाता है जिसके कारण शिव ने दुनिया को बचाया। शिवपुराण में एक और कहानी का उल्लेख है: एक बार ब्रह्मा और विष्णु आपस में लड़ रहे थे कि उन दोनों में से कौन श्रेष्ठ है। अन्य देवता भयभीत हो गए और इसलिए वे युद्ध में हस्तक्षेप करने के लिए भगवान शिव के पास गए।
    Maha Shiv Ratri Photo
    Maha Shiv Ratri Photo

    महाशिवरात्रि की महिमा क्या है? | Maha Shivratri ki mahima kya hain

    देश भर में महाशिवरात्रि को एक महोत्सव के रुप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन देवों के देव महादेव का विवाह हुआ था। हमारे धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि महाशिवरात्रि का व्रत (Maha shivratri) करने वाले साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगत में रहते हुए मुष्य का कल्याण करने वाला व्रत है महाशिवरात्रि।

    सावन की शिवरात्रि का महत्व क्या है? | Savan ki Shivratri ka mahatv kya hain

    Sawan Shivratri 2023 महाशिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः शिवरात्रि तिथि का विशेष महत्व है। कालांतर में माता पार्वती ने भगवान शिव की कठिन तपस्या की थी। कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अर्धांगिनी रूप में स्वीकार्य किया था।

    शिवरात्रि के दौरान हमें क्यों नहीं सोना चाहिए? | Shivratri ke dooran hame kyu nahi sona chaiye

    सद्गुरु के अनुसार, हमें बताया गया है कि महाशिवरात्रि पर क्यों नहीं सोना चाहिए: महाशिवरात्रि की रात मानव तंत्र के भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक उभार होता है । इस असाधारण ऊर्जा का उपयोग केवल वही लोग कर सकते हैं जिनकी रीढ़ की हड्डी सीधी खड़ी हो।

    शिवरात्रि और महा शिवरात्रि में क्या अंतर है? | Shivratri aur Maha Shivratri me kya antar  hain

    शिवरात्रियों में से हम महाशिवरात्रि को सबसे खास कह सकते हैं। जबकि शिवरात्रि हर महीने होती है, महाशिवरात्रि साल में एक बार होती है । शिवरात्रि प्रत्येक चंद्र माह के चौदहवें दिन मनाई जाती है। सरल शब्दों में कहें तो यह अमावस्या से एक दिन पहले का दिन भी है।
    Maha Shivratri Story in Hindi
    Maha Shivratri Story in Hindi

    शिवरात्रि का दूसरा नाम क्या है? | Shivratri ka dusra naam kya hain

    शिवरात्रि प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी शिवरात्रि कहलाती है, लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी महाशिवरात्रि कही गई है।

    शिवरात्रि करने से क्या फायदा है? | Shivratri karne se kya fayda hain

    माना जाता है कि जो कन्‍याएं शिवरात्रि ( Shivratri )का व्रत करती हैं उन्‍हें जल्‍द ही व्रत का फल मिलता है और उनके विवाह के शीघ्र ही संयोग बन जाते हैं। वहीं विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं तो उन्‍हें चिर सौभाग्‍य की प्राप्ति होती हैं और उनके परिवार में खुशहाली रहती है।
    shiv ratri kb h
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    शिवरात्रि से क्या लाभ है? | Shivratri se kya laabh hain

    महाशिवरात्रि (Maha shiv ratri ) एक अवसर और संभावना है, जब आप स्वयं को, हर मनुष्य के भीतर बसी असीम रिक्तता के अनुभव से जोड़ सकते हैं, जो कि सारे सृजन का स्त्रोत है। एक ओर शिव संहारक कहलाते हैं और दूसरी ओर वे सबसे अधिक करुणामयी भी हैं। वे बहुत ही उदार दाता हैं। यौगिक गाथाओं में वे, अनेक स्थानों पर महाकरुणामयी के रूप में सामने आते हैं।
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