उत्तरकाशी सुरंग हादसा | Uttarkashi Tunnel Accident
उत्तरकाशी(Uttarkashi) जिले की सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को निकालने का प्रयास अभी भी जारी है । इस सुरंग में फसे मजदूर अपनी हिम्मत बांधे हुए है और बेसब्री से वहाँ से बाहर निकालने का इतेज़ार कर रहे ।
12 तारीक से ही रेस्क्यू अभियान शुरू हो चुका था, और इन मजदूरों के रेस्क्यू की हर एक कोशिश लगातार नाकाम होती जा रही थी, बड़ी से बड़ी मशीने फेल होती जा रही थी । स्थानीय निवासियों के कहने पर टनल के बाहर महादेव(Mahadev) का छोटा सा मंदिर स्तापित किया गया, और कल आज सुबह इस मंदिर के ठीक पीछे महादेव के आकार की छवि प्रकट हो गई है । स्थानीय लोगों का मानना है ये साक्षात चमत्कार है और महादेव अब अपनी कृपया बरसेंगे । पूरी जानकारी के लिए हमारे इस लेखन को आखिर तक पढ़े।
Mahadev Silver Pendants पर स्पेशल आफर
उत्तरकाशी में दिवाली के दिन सुबह करीब 5 बजे टनल का एक हिस्सा ढह गया था और उसके अंदर काम करने वाले मजदूर वही फस गए । खबर मिलने पर जिला प्रशासन ने मौके पर रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया । इस टनल में फसे मजदूरों तक एयर-कंप्रेस्ड पाइप से ऑक्सीजन, खाना और पानी पहुचाया जा रहा है । प्रशासन लगातार रेस्क्यू अभियान पर काम करता जा रहा है लेकिन अभी तक कोई अभियान कायम नहीं हो पाया ।
जब पहली ड्रिलिंग मशीन यहाँ लगाई गई, जिसका काम टनल के मलबे की खुदाई करके जगह बनाना था, वही ये मशीन आधी रात में ही खराब हो गई ।
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उसके बाद इंदौर से एक अमेरिकन ऑगर मशीन एयरलिफ्ट कर के मंगाई गई और ड्रिलिंग का काम वापस शुरू किया गया लेकिन इस ऑगर मशीन की वाइब्रैशन से सुरंग में बड़ी दरार आ गई जिस वजह से इस ऑपरेशन को बीच में रोक दिया गया क्यूँ की इस मशीन की वाइब्रैशन से इस टनल में मलबा और भी ज्यादा गिरता जा रहा था जिससे बचाव कर्मी भी मुश्किल में आ सकते थे ।
फिलहाल में सुरंग के ऊपरी हिस्से से होरिजेंटल ड्रिलिंग समेत एक साथ पांच प्लान पर काम करने का निर्णय लिया गया है ।
वही इस बीच यहाँ के निवासियों का कहना है की इस टनल के निर्माण की शुरुआत यहाँ के इष्ट देव ‘बाबा बौख नाग’, जो की महादेव का ही स्वरूप माने जाते है, उनकी इजाजत के बिना टनल का निर्माण कार्य शुरू किया गया ।
स्थानीय निवासियों के अनुसार , बाबा बौख नाग इस पहाड़ी की चोटी पर विराजमान है, और जहां पर इस टनल को बनाया जा रहा है, दर्सल पहाड़ के उस हिस्से को बाबा बौख नाग का मुकुट माना जाता है । जब लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन फैल हो रहे थे तब 5 दिन पहले बाबा बौख नाग का एक छोटा सा मंदिर इस टनल के बाहर स्थापित किया गया जिसके बाद रेस्क्यू मिशन में कुछ बदलाओ देखने मिले ।
बाबा की पूजा भी की गई और उनसे प्रशासन ने वादा भी किया है की अगर ये 41 मजदूर जो इस टनल में फसे हुई है, अगर वह सही सलामत बाहर आ जाएंगे तो इस टनल के बाहर बाबा के एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा ।
वही कल सुबह इस मंदिर के ठीक पीछे एक महादेव के रूप की छवि प्रकट हुई है । जीसे देख कर लोगों का मानना है की साक्षात महादेव ने अब अपनी कृपया कर दी है इस रेस्क्यू मिशन में और अब जल्द ही ये ऑपरेशन सफल हो जाएगा और अंदर फसे मजदूर सही सलामत बाहर निकाल जाएंगे ।
उत्तरकाशी की घटना कैसे हुई | Uttarkashi Accident | Uttarkashi Tunnel l Uttarkashi Accident news
भूस्खलन (landslide) के कारण सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद मजदूर दो सप्ताह से फंसे हुए हैं। ऑपरेशन शुरू से ही चुनौतीपूर्ण रहा है, जिसका मुख्य कारण सुरंग के अंदर गिरते पत्थरों, ढीली मिट्टी और धातु की उपस्थिति है।