दिवाली, हम सभी दिवाली को उसके रीति रिवाजों से मनाते हैं, पटाके फोड़ कर, घर सजा कर, एक दूसरे को मिठाई खिला कर। लेकिन इन सब मे सबसे महत्वपूर्ण कार्य हैं लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना। तो जानते हैं इस दिवाली की सम्पूर्ण जानकारी और एक ऐसा उपाय जिससे घर मे लक्ष्मी की कभी न होगी कमी। Diwali 2023; दिवाली
पहले हम जानते हैं Diwali Kab Hain?
यह Diwali 2023 इस बार 11 नवंबर को छोटी दीपावली और 12 नवंबर अमावस्या को बड़ी दीपावली मनाई जाएगी। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली की चहल पहल की शुरुवात हो चुकी लोगों ने खरीदारियाँ बहुत पहले ही शुरू करदी हैं। कोई लक्ष्मी गणेश की मूर्ति ले रहा हैं तो कोई घर के सजावट के लिए झूमर ले रहा हैं। हर कोई इस अमावस्या की रात को हर तरफ उजाले से जगमगाना चाहता है।
अब हम जानते हैं दीपावली का शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat Timing )
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस बीच आपको सभी शुभ कार्य की खरीदारी करनी होगी क्यूंकी इस समय के बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी, जिसका समय हैं, 12 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी।
अब हम जानते हैं दीपवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat Pooja Timing )
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का सही समय शाम 05 बजकर 39 मिनट से लेकर रात्री के समय से पहले 07 बजकर 35 मिनट तक है। इस समय आप सभी माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करके प्रसन्न कर सकते हैं, और अपने घर धन और सुख समृद्धि को बड़ा सकते हैं।
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अब हम जानते हैं उस उपाय के बारे मे जिससे घर मे लक्ष्मी की कभी न होगी कमी।
हमारे ग्रंथों मे कुछ एसे उपाय होते हैं, जिन्हे करने से आपके दुख व अधूरे काम पूरे हो सकते हैं लेकिन इन उपाय को आप अच्छे काम के लिए ही करे, आईये गौर करते हैं इन विषयों पर।
नारियल चढ़ाना : अमावस्या की रात को एक नारियल लें और उसे पांच बराबर टुकड़ों में काट लें। शाम के समय इन नारियल के टुकड़ों को भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति के सामने रख दें। ऐसा करते समय, शुद्ध इरादे रखते हुए अपनी समस्याओं और वित्तीय चुनौतियों को भगवान शिव के साथ साझा करें। नारियल के टुकड़ों को रात भर अपनी खिड़की पर छोड़ दें और सुबह इन्हें अपने घर से दूर ले जाएं। ऐसा माना जाता है कि इस अभ्यास से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है।
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कुआं और दूध अनुष्ठान: कुछ लोगों का मानना है कि यदि आप नियमित रूप से प्रत्येक अमावस्या पर कुएं में एक चम्मच दूध चढ़ाते हैं, तो यह सभी दुखों को कम करने में मदद कर सकता है।
लाल धागे की परंपरा: प्रत्येक महीने की शुरुआत में, बिना किसी ताबीज के अपने गले में एक लाल धागा पहनें। इस धागे को पूरे महीने तक लगाए रखें। अमावस्या की रात को किसी शांत स्थान पर एक छोटा सा गड्ढा खोदकर अपने गले से धागा उतारकर उस छेद में गाड़ दें। ऐसा माना जाता है कि यह अभ्यास आपकी चिंताओं को दूर करने में मदद कर सकता है।
काले कुत्ते को खाना खिलाना: अमावस्या की रात को अगर आप काले कुत्ते को घी लगी रोटी खिलाते हैं और कुत्ता उसे खा लेता है तो इससे आपके शत्रु शांत हो जाते हैं और आपके खिलाफ कोई भी साजिश कमजोर हो जाती है।
रोजगार अनुष्ठान: यदि आप लंबे समय से बेरोजगार हैं, तो अमावस्या की रात को यह अनुष्ठान करें। सुबह एक नींबू साफ करके अपने घर के मंदिर क्षेत्र में रख दें। इसके बाद इसे चार बराबर भागों में काट लें और रात के समय किसी चौराहे पर अलग-अलग दिशाओं में फेंक दें। ऐसा कहा जाता है कि इससे आपको नौकरी ढूंढने में मदद मिलती है।
मछलियों को खाना खिलाना: अमावस्या के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाने से आपकी परेशानियों से राहत मिलती है।
नदी तर्पण: अमावस्या की रात को पांच दीपक जलाकर और पांच लाल फूलों के साथ नदी के बहते पानी में डालने से आर्थिक समृद्धि आती है।
घी के दीपक: यदि आप अमावस्या की रात को मंदिर के दरवाजे बंद करने से पहले घी के दीपक जलाने की रस्म निभाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि इससे आपको लाभ मिलता है।
ये अनुष्ठान आस्था और भक्ति के साथ किए जाते हैं और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं होते हैं। आशा करते हैं आप को यह जानकारी अच्छी लगी होंगी, मिलते हैं आपसे अगले लेखन मे। धन्यवाद!