Narmadeshwar shivling brass base with trishul kalash अपने जीवन में सुख और शांति के लिए को आज ही घर मंगवाए। Narmadeshwar shivling के लाभ को दो गुना करने के लिए narmadeshwar shivling brass base with trishul kalash को एकसाथ पूजना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव की महिमा आपके ऊपर सदा के लिए विराजमान हो जाएगी और जीवन में आयी सभी प्रकार की समस्याएं जैसे पैसों की तंगी, गंभीर बीमारी, बिगड़ता स्वास्थ्य, पारिवारिक कलेश सब नष्ट हो जाएंगी।
Product Details:
- Manufacturer: Prabhubhakti
- Colour: Gold
- Material: Brass
- Net Quantity: 1
- Product Length (cm): 4
- Product Width (cm): 3
- Product Height (cm): 6
Key Points:
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Narmadeshwar shivling for home जो भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीनतम नदियों में से एक नर्मदा के तट पर पाए जाने वाले गोल, चिकने और चमकीले पत्थर से बनाये जाते है। नर्मदेश्वर शिवलिंग भगवान शिव का एक रूप है और यह भक्त को सर्वोच्च भगवान शिव से जुड़ने में मदद करता है।
Original narmadeshwar shivling brass base with trishul kalash को साथ में पूजा जाये तो उसे Ardhanarishwar Narmadeshwar shivling कहा जाता है जो हमारे हिन्दू शास्त्र और पूर्व के वेद- पुराण में अत्यंत ही पवित्र है। नर्मदा शिवलिंग की उत्पत्ति 14 करोड़ साल पहले एक बड़े उल्कापिंड की नर्मदा नदी से टकराने से हुई थी। इसी उल्कापिंड में समाहित खनिजों के प्रकार ने असाधारण ऊर्जावान गुणों के साथ एक नए और अनोखे प्रकार के क्रिस्टलीय रॉक को जन्म दिया था जो नर्मदा के करवल से शिवलिंग का रूप ले लेते है, यें कोई उलकापिंड नहीं अपितु भगवान शिव की ही महिमा का एक रूप है।
Narmadeshwar की शक्ति को और बढ़ावा देने के लिए उसे त्रिशूल कलश के संग पूजने का प्राविधान हमारे शास्त्रों में दे रखा है, कलश को माँ पार्वती का रूप माना गया है। शिव – पार्वती की पूजा करना या उसे अपने पास रखना कई सुख – सुविधाओं को आपके पास आने के लिए प्रोत्साहित करता है। Narmada Shviling with trishul kalash के सामने रोज हाथ जोड़ने से आपके दाम्पत्य जीवन में खुशियां फैल जाती है और जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है।
Shivling narmada online का इतिहास सदियों पुराना है और इस शिव लिंग का निर्माण अपने आप में बहुत ही अनूठा है। ऐसा माना जाता है कि नर्मदा नदी की लहरें नदी में पत्थरों से टकराती हैं और इस तरह यह लिंग अपना अंडाकार आकार बनाता है। हालाँकि इस प्रक्रिया में एक साथ हजारों साल लगते हैं और इसीलिए यह इतना शुभ है। हिलने पर लिंग के अंदर का पानी की आवाज़ भी सुन सकते है।
1. नर्मदेश्वर शिवलिंग को त्रिशूल कलश के साथ पूजने से एक रहस्यमयी महाशक्ति की उत्पत्ति होती है, जो ध्यान और एकाग्रता को प्रेरित करती है।
2. Narmadeshwar lingam और कलश में आपकी कुंडली में मौजूद किसी भी ग्रह के बुरे प्रभाव को सकारात्मक प्रभाव देने की शक्ति है।
3. नर्मदा नदी शिवलिंग और त्रिशूल कलश को साथ रखने से घर में समृद्धि आती है।
4. यह ऊर्जा केंद्रों को जागृत करते है एवं जीवन में शांति और कल्याण की भावना को पुनःजीवित करते है
5. नर्मदा नदी से प्राप्त यह शिवलिंग आध्यात्मिक संतुलन बनाता है और उसके साथ यह कलश आसपास के वातावरण में सामंजस्य लाता है।
6. यह सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में भी मदद करता है, यह पति और पत्नी के बीच स्वस्थ संबंधों के लिए अनुशंसित है। जो जोड़े अपने घर में Narmadeshwar lingam रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं, उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
7. यह वास्तु दोषों को दूर करता है और सभी तांत्रिक हमलों से जातक की रक्षा करता है।
1. Narmadeshwar shivling brass base with trishul kalash buy online मंगवा ले और किसी शुद्ध जगह पर इसे रख दें।
2. अब गेंहू के आटे से मन्दिर के सामने छोटी सी रंगोली बना ले, उसपे लकड़ी का पत्ता रखें और उस पर पीला कपड़ा बिछा दें।
3. Nadmadesher shivling को कलश के साथ उसके ऊपर रख दें। गंगाजल और दूध के मिश्रण से उसकी पूजा आरम्भ करें।
4. अब कुमकुम – चन्दन लगाएं और धुप-दीप जलाएं। ध्यान रहे की बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है तो बेलपत्र जरूर चढ़ाएं।
5. शिवलिंग के सामने हाथ जोड़ के 108 बार ॐ नमः शिवायः का जाप करें और मन ही मन अपनी कोई भी मनोकामना भगवान के सामने रखें।
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