सूर्य देव को सुबह नहीं बल्कि इस समय करे जल अर्पित, जैसी भी है इच्छा तुरंत होगी पूरी

दोस्तों आज हम आपको वह ख़ास समय के बारे में बताने वाले जो शास्त्रों में सूर्य देव को जल देने का सबसे उत्तम समय बताया गया . मान्यता है की इस समय सूर्य देव को जल दिया जाए तो सूर्य भगवान बहुत जल्दी आपकी मनोकामना सुन लेते है और आपकी हर मनोकामना पूरी होती है. परन्तु इससे पहले हम आपको सूर्य देव को जल देने के फायदे और क्या सही तरीका है सूर्य देव को जल देने का उसके बारे में बताएंगे. क्योकि कई बार होता यह है की हम बगैर जानकारी के सूर्य देव को जल तो अर्पित कर रहे होते है परन्तु उसमे कई सारी गलतिया होने के कारण उसका पूर्ण फल हमे नहीं मिलता है. फिर हम यही सोचते रहते है की हमने तो सूर्य देव को जल भी दिया और बताया उपाय भी किया परन्तु फिर भी हमें फल क्यों नहीं मिल रहा. तो इसलिए दोस्तों आज की इस वीडियो को आप ध्यान से सुने.

सबसे पहले तो आपको बता दू की सूर्य देव को यदि आप नियमित जल देते है तो जो सबसे बड़ा लाभ आपको मिलता है वह है आपकी कुंडली में सूर्य देव का मजबूत होना. दोस्तों जिस व्यक्ति के कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है उस व्यक्ति को सूर्य के समान चमक प्राप्त होती है. यानी सूर्य का सा तेज उसे प्राप्त होता है. जो भी कोई ऐसे व्यक्ति से मिलता है तो अपने आप ही लोगो के मन में मान समान और इज्जत की भावना इस व्यक्ति के लिए उठती है. ऐसे व्यक्ति पर सकरात्मक ऊर्जा का संचार हो जाता है जिस कारण से वह जो भी कार्य करता है उसमे उसे सफलता जरूर हासिल होती है. ऐसे व्यक्ति का आत्मविशवास कई गुना हो जाता है जिसके कारण ही नौकरी या किसी भी प्रकार की स्थिति में भी वह अपने बातो से लोगो को इतना मन्त्र मुग्ध कर देता है की लोग उसकी तारीफ किया बिना नहीं रह पाते है. सूर्य देव को जल देने की महिमा का गुणगान और इसका लाभ तो पुराणों में भी बताया गया है. दानवीर कर्ण के बारे में तो आप जानते ही होंगे , कर्ण सदैव सूर्य देव को जल अर्घ दिया करते थे जिस कारण ही दुर्योधन जैसे महापापी के साथ देने के बावजूद आज भी कर्ण का नाम सद्भावना और आदर के साथ लिया जाता है .

सूर्य देव की पूजा के कारण ही अर्जुन जैसे महाधनुधारी को परास्त करने की क्षमता दानवीर कर्ण में थी. इतना ही नहीं दोस्तों स्वयं भगवान श्री राम भी सूर्य देव को नियमित अर्घ दिया करते थे. अतः जो भी सूर्य देव को नियमित अर्घ देता है ऐसा व्यक्ति हर जगह मान समान और सफलता प्राप्त करता है. ऐसे व्यक्ति के घर में कभी भी पैसो की कमी नहीं होती है. परन्तु सूर्य देव को जल देने से पहले आपको जल अर्घ देने से जुड़ा यह नियम जरूर जानना चाहिए. यदि आप इन नियमो के अनुसार सूर्य देव को जल देते है तो आपकी पूजा जरूर सफल होगी तथा उसका पूरा फल आपको प्राप्त होगा.
दोस्तों सूर्य देव को आत्मा का कारक माना गया है. इसलिए सूर्य देव को अर्घ देने से हमारी आत्मा की भी शुद्धि होती है. इससे हमार आत्मबल कई गुना बढ़ जाता है और हमारे घर में भी बिमारी नहीं रहती है. परिवार का हर सदस्य निरोगी और दीर्घायु होता है. तो सबसे पहले बात करते है की आखिर कब आपको सूर्य देव को जल देना है.

शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त पर सूर्य देव को जल देना सबसे उत्तम मन गया है. जो की 4 बजे से 7 बजे तक का होता है. यह वह समय होता है जब वतावरण में चारो तरफ शांति होती है और दिव्य उर्जाये आस पास के वातावरण में फैली होती है. जो की पूजा पाठ के लिए सबसे उत्तम समय बताया गया है. इस समय पूजा पाठ करने से आपकी प्राथना सीधे सीधे भगवान तक पहुँचती है. इसलिए इस ब्रह्म मुहूर्त में जिस समय सूर्य उदय हो उस समय आपको सूर्य देव को अर्घ देना है. सूर्य देव को आप जब जल अर्पित करे उस समय ध्यान रखे की अपने आप नंगे पैर ही सूर्य देव को जल दे. कभी कभी लोग सूर्य देव को जल देते समय चप्पल इत्यादि पहन लेते है परन्तु शाश्त्रो में चप्पल इत्यादि पहन कर सूर्य देव को अर्घ देना अशुभ माना गया है.
सूर्य देव को अर्घ देने के लिए सबसे उत्तम पात्र ताम्बे का लोटा माना गया है. इससे सूर्य देव को जल देने से सूर्य देव अति शीघ्र प्रसन्न होते है. अगर आपके पास ताम्बे का लोटा ना हो तो आप बाजार से खरीद ले.

सूर्य को अर्पित करने वाले जल में आप को इन चीज़ो को अवश्य सम्मलित करना चाहिए यह पूजा का प्रभाव और अधिक बढ़ा देता है. दोस्तों वे चीज़ है अक्षत यानी की चावल जो कही से भी टूटी फूटी यानि अखंडित ना हो. थोड़ी सी रोली, कुछ फूल और गंगा जल की कुछ बुँदे. यदि हो सके यमुना नदी का थोड़ा जल सूर्य को जल देने वाले लोटे में मिला ले. ऐसा इसलिए क्योकि यमुना भगवान सूर्य देव की पुत्री तथा यमराज की बहन है. इसलिए सूर्य को जल देने वाले लोटे में यमुना नदी का जल डालने से आपकी उम्र बढ़ती है तथा आप हमेसा अकाल मृत्यु से बचे रहते है.
सूर्य देव को जल देते समय ध्यान रखे की आपका हाथ सदैव आपके सर के ऊपर होना चाहिए. सूर्य देव को जल देते समय जो जल की धारा गिरती है तो ध्यान रखे की वह आपके पैरो पर ना पढ़े ऐसे आपको सूर्य देव को जल देना है. दोस्तों यही कारण होता है की महात्मा लोग सूर्य देव को जल देने लिए सबसे अच्छी जगह नदी मानते है. यानी की नदी, घाट आदि जगह में जाकर ही सूर्य देव को जल देते है. जिससे की वह धारा उनके पैरो पर नहीं गिरती है.

जल देते समय आपको इन तीन मंत्रो का उच्चारण जरूर करना चाहिए. ऊं घृ‍णिं सूर्याय नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः.
सूर्य देव को जल देने के बाद आपको एंटी क्लॉक वाइज यानी की जिस जगह पर आप खड़े हो वही पर खड़े होकर आपको घडी की उलटी दिशा में घूमना है. 3 बार आपको यह परिक्रमा करनी है.

दोस्तों हो सके तो सूर्य देव को अर्घ आप सूर्य कवच पहन कर दे तो आपको तरुंत लाभ दिखने को मिलता है. दरअसल दोस्तों सूर्य कवच अष्ट धातु से निर्मित होता है जब हम इसे धारण करते है तो यह सूर्य से निकलने वाली पॉजिटिव एनर्जी को अपने अंदर समाहित कर पूरी ऊर्जा को आपके शरीर में प्रवाहित करता है. जिससे आप में एक अद्भुत चमक आ जाती है और आपका कॉन्फिडेंस लेवल कई गुना बढ़ जाता है. आपके कुंडली में इसे पहनने से सूर्य का प्रभाव मजबूत होता है और आपको आपके हर कार्यो में सफलता प्राप्ति होती. समाज में हर कोई आपकी इज्जत करता है तथा आपके नाम की ख्याति हर जगह फैलती है. दोस्तों सूर्य कवच यदि आप अपने घर मगाना चाहते है तो आप इस नंबर पर कॉल करे. 7827808547
दोस्तों मन्त्र बोलने तथा परिक्रमा करने के बाद आप सूर्य देव को हाथ जोड़ अपनी मनोकामना बोल दे. ऐसा यदि नियमित करते है अगर किसी कारण से नियमित नहीं हो पाता तो रविवार के दिन तो इसे आप अवश्य करे. क्योकि रविवार का दिन सूर्य देव को ही समर्पित है यानी रविवार का दिन भगवान सूर्य देव का माना जाता है.

इस हनुमान मंदिर से आज तक नहीं लोटा कोई खाली हाथ, जाने इस मंदिर में हुए चमत्कार

आज हम आपको भारत के सबसे चमत्कारी मंदिर बालाजी के बारे में बताने जा रहे है जहा से आज तक कोई खाली हाथ नहीं लोटा. हर भक्त की मनोकामना महेंदीरपुर बालाजी ने करि है. हनुमान जी को समर्पित इस मंदिर के प्रकट होने के संबंध में भी एक अनोखी चमत्कारी घटना है.

कहते है एक बार जयपुर के किसी गांव में हनुमान जी के परम् भक्त गोसाई जी महाराज को रात को सोते समय एक बड़ा ही विचित्र सपना आया. सपने में उन्होंने देखा की एक तेज प्रकाश उनकी तरफ आ रहा है. और उसी प्रकाश में प्रकट हुए हनुमान जी जिनका तेज बहुत ही अधिक था. सूर्य के समान वह चमक रहे थे. आपने एक हाथ भक्त गोसाई जी महराज को पकड़ाते हुए हनुमान जी ने कहा वत्स मेरे साथ चलो. महारज जी हनुमान जी के साथ चल दिए तथा एक ऐसी जगह जाकर रुके जहा हजारो दीपक जल रहे थे. साथ ही तीन दिव्य शक्तिया जो बहुत ज्यादा चमक रही थी . हनुमान जी ने कहा यह हम तीन शक्तियों का बहुत बड़ा केंद्र है. यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना बहुत जल्दी पूरी हो जायेगी . तुम इस जगह में पूजा पाठ एवं सेवा का कार्य करो.

वह तीन चमत्कारी शक्तिया थी , बालाजी महराज, भैरव बाबा तथा प्रेतराज सरकार. उसके बाद घंटा घड़ियाल तथा नगाड़ो की आवाज आने लगी. अगली सुबह उठकर जब महराज जी को अपने सपने वाली बात यदि आयी. और वह उसे खोजने निकले तो अपने आप ही उनके कदम उस पहाड़ी की और बढ़ने लगे जिस के बारे में हनुमान जी ने उन्हें सपने में बताया था और जैसे ही वह वहा पहुंचे तो महाराज जी का आश्चर्य का ठिकाना ना रहा. वह देखते है की उस पहाड़ की उस चोटी में हनुमान जी की मुर्तिया उकरी है . महाराज ने वहा पूजा अर्चना आरम्भ कर दी . जब गांव के लोग वहा अपनी दुःख फरियाद लेकर आये तो हर किसी की मनोकामना मेहँदिर पुर बालाजी ने पूरी कर दी. देखते ही देखते इस मंदिर की ख्याति हर जगह फेल गयी.

इतना ही नहीं इस मंदिर से जुडी और विचित्र घटना घटित हुई. एक बार हनुमान जी का चोला उनकी प्रतिमा से सव्य ही उतर गया. क्योकि चोला सव्य हनुमान जी ने ही उतार दिया था तो मंदिर के पुजारी उसे गंगा जल में प्रवाहित करने के लिए ले गए. जब वे स्टेशन पहुंचे तो स्टेशन के कुछ कर्मचारियों ने उन्हें रोका और बोला की आपका समान शुल्क भी लगेगा. इसलिए जो भी आपके पास है उसे पहले तोलना पड़ेगा. तब भार के मुताबिक़ आपको पैसे देने होंगे. और उन्होंने हनुमान जी के उस चोले को तोलना आरम्भ कर दिया. परन्तु अद्भुत चमत्कार हनुमान जी का वह चोला कभी तो छोटा होता तो कभी अपने आप ही बड़ा हो जाता . अन्तत: रेलवे अधिकारी ने हार मान लिया और चोले को सम्मान सहित ट्रेन में जाने दिया |

मेहंदीपुर बालाजी के प्रतिमा में दिल के पास एक छोटा सा और बड़ा ही विचित्र छेद है. जिससे निकलने वाला पानी कभी खत्म ही नहीं होता. यह पानी बस बहता ही रहता है. आज तक यह रहस्य का विषय बना हुआ है. कहते इस पानी के छींटे यदि आप पर पड़ जाए तो आपके हर दुःख तकलीफ मेहंदीपुर बालाजी दूर कर देते है.

यहां आप अपनी आँखों से देख सकते हो की यदि किसी भी व्यक्ति पर को बुरी आत्मा या बुरी शक्ति लगी है तो वह जैसे ही मंदिर के भीतर प्रवेश करता है तो वह अजीब तरह की हरकते करने लगता है. इस मंदिर में एक बहुत शक्तिशाली बहारी शक्ति है जिसके कारण ही जैसे ही कोई भी आत्मा मंदिर के अंदर कदम रखती है तो उस शक्ति के प्रभाव से तड़पने लगती है. भले ही कितनी भी शक्तिशाली और बुरी आत्मा हो इस मंदिर में आकर ढेर हो जाती है. कि यहाँ कई लोगों को जंजीरों से बंधा एवं उल्टा लटका हुआ देखा गया है . यह किसी चमत्कार से कम नहीं है, कि कई भूत-प्रेत से पीड़ित लोग इस मंदिर में आकर प्रेतों एवं बुरी आत्माओं से मुक्ति पा लेते है .यहाँ आत्माओं के वशीभूत हुए कई लोगों को प्रतिमा के सामने रोते-बिलखते और भूत-प्रेतों के प्रभाव से पीड़ित होकर सर पटकते देखा है . परन्तु यह साक्षात् बालाजी की चमत्कारी शक्तियों का प्रभाव ही है, कि ऐसे लोग बिना किसी दवा के स्वस्थ होकर मंदिर से बाहर निकलते है .

ऐसा कहा गया है की जब आप पर कोई भी भरी परेशानी या विपदा आये तो एक बार इस मंदिर में जरूर आये. आपकी सभी मुसीबत महेंदीपुर बालाजी दूर कर देंगे. क्योकि आज तक जो भी भक्त यहां आया है वह कभी यहां से खाली हाथ नहीं लोटा है.

इस मंदिर में इतनी शक्ति है की नास्तिक भी आस्तिक बनकर प्रभु के चरणों के दास बन जाते है. परन्तु ध्यान रखे यदि आप इस मंदिर में जा रहे है तो आपको पहले ही कुछ नियमो की हिदायत दे दी जाती है. अगर इन नियमो का पालन ना किया जाए तो आप बहुत बड़ी परेशानी में फस सकते है. दोस्तों मंदिर के अंदर किसी को भी छूने या बात करने से पहले आपको सावधान रहना होगा. यहां सभी के साथ स्नेहपूर्ण एवं सहानभूति का व्यवहार रखना होगा और जहा तक हो सके किसी से भी बात करने से बचे. तथा जिन रोगियों को मार पड़ती हो उनके लिए आपको आस पास की जगह खाली कर देनी होगी.

जो भक्त उस मंदिर के प्रांगण के अंदर रहे तो उस ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा तथा मॉस मदिर प्याज आदि के सेवन को कुछ दिनों के लिए भूल जाना होगा. जैसे ही आप इस गांव जहा यह मंदिर है वहा पहुंचने के तुरंत बाद ही कुछ भी खाने या पिने की सलाह नहीं दी जाती है. और जब आप मंदिर दर्शन कर इस गांव से निकले तो खाने के पैकेट और पानी की बोतले यही खाली करके निकले.

यहाँ से लौटते समय अपने घरो के लिए मंदिर में ही दिए जाने वाले प्रसाद के अलावा आप कुछ भी यहां से ना ले जाए. दोस्तों तो उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी इसे जरूर अपने परिचितों और दोस्तों के शेयर करे.

0
Back to Top

Search For Products

Product has been added to your cart