मां दुर्गा अपने कई रूपों में भक्तों की मदद करने दौड़ी-दौड़ी चली आती है। यह कहानी हिमाचल की पहाड़ियों से जुड़ी हुई है। जहां पर एक महिला की मदद करने के लिए मां दुर्गा ने किया कुछ ऐसा जानकर आप भी रह जाएंगें दंग। कहते है ना पाप का घड़ा जब भर जाता है तो फूटता जरूर है। इसी तरह की कहानी के साथ आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि, मां दुर्गा अपने भक्तों से कितना प्रेम करती है।
यह घटना एक प्रेम कहानी पर घटित है। दरअसल, मॉनिशा मुखर्जी नाम की एक लड़की हिमाचल के प्रकाश से बेहद प्यार करती थी। उन दोनों की मुलाकात मुंबई की एक कंपनी में हुई। काफी सालों से उनका रिश्ता चल रहा था। अब जाकर दोनों ने शादी करने का फैसला लिया। दोनों ने अपने-अपने परिवार के सामने एक-दूसरे के साथ शादी करने का प्रस्ताव रखा। मॉनिशा के परिवार में उसके पापा नहीं मान रहे थे, लेकिन बाकी सबको प्रकाश पसंद था। इसके बाद प्रकाश ने अपने घरवालों से शादी की बात की तो वह नहीं मान रहे थे, क्योंकि उन्होंने कहा मॉनिशा हमारे जाति की नहीं है और दूसरी बात वह बंगाली है तो हम नहीं करेंगे। घरवालों को बार-बार मनाने के बावजूद भी वह इंकार करने लगे। गुस्से में आकर प्रकाश ने मॉनिशा से लवमैरिज कर ली। शादी के बाद प्रकाश मॉनिशा को लेकर अपने घर गया तो वहां से उसको सबने बाहर निकाल दिया, लेकिन फिर प्रकाश के पिताजी ने उन्हें घर में रहने की अनुमति दे दी। समय बीतता गया उनकी शादी को 4 महीने हो गए। अब मॉनिशा के ससुराल वाले उसके साथ दुव्यवहार करने लगे। इतना ही नहीं, मॉनिश के साथ उसके ससुराल वाले मार-पीट तक करने लगे थे। काफी अत्याचार सहने वाली मॉनिशा मां दुर्गा की पूजा-पाठ रोज़ाना करने लगी और नवरात्रि के समय उनके व्रत करने लगी। एक दिन व्रत वासी मॉनशि को उसकी सास ने बहुत मारा और घर से बाहर बारिश में निकाल दिया।
इसके बाद मॉनिशा घर के पास माता के मंदिर में अपना सिर पटक-पटक को खुद को खत्म करने की कोशिश करने लगी। इतने में एक औरत वहां आई और मॉनिशा को अपने गले लगाया और बोला बेटी चिंता मत कर सब ठीक हो जाएगा। इसके बाद उस औरत ने मॉनिशा को कहा कि, तुम मुझे अपने ससुराल लेकर चलो। मॉनिशा पहले तो मना करने लगी, लेकिन डरते-डरते वह उस औरत को ससुराल ले गई। वहां पहुंचकर मॉनिशा के ससुराल वालों ने फिर से उसके साथ मारने-पीटने की कोशिश की इतने में वह औरत सबके सामने माता के रूप में आ गई। यह देखकर हर कोई हैरान हो गया। उनको अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। वहीं, मॉनिशा भी आर्श्चचकित होकर माता की तरफ देखकर उनके कदमों में गिरकर रोने लगी। यह देखकर मां दुर्गा को गुस्सा आया और उन्होंने सभी को आखिरी हिदायत देते हुए कहा कि, तुम सब इससे माफी मांगो और आज के बाद से इसके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं करेगा। यदि किसी ने ऐसा किया तो मैं उसको किस तरह दंड दूंगी यह तुम नहीं सोच सकते।
इतने में ही घर के बाहर एक शेर आ गया और वह माता शेर पर बैठकर जंगलों की ओर चली गई। सबसे हैरानी की बात तो यह थी कि, वह सिर्फ हम सभी को दिख रही थी। जब से माता ने अपना रूप दिखाया है मेरे ससुराल वाले मेरे साथ बेटी जैसा व्यवहार करते है। हमारा परिवार जब से ही प्यार से रहने लगा है। इतना ही नहीं, हम सब मिलकर मां दुर्गा की पूजा याचना करते हैं और उनकी कृपा हमपर इतनी है कि, हमारी हर मनोकामना को वह पूर्ण करती हैं।
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