हैलो दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक नास्तिक भक्त की चमत्कारी कहानी जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे।
सूरत शहर में रहने वाली जिगना मोदी एक बिजनेस वुमन है। जिसने हमारे साथ एक सच्ची कहानी को साझा किया है। दरअसल, जिगना ने अपने माता-पिता की पसंद से शादी कर ली थी। जिसके कुछ ही साल बाद उसके साथ अत्याचार होने लगे। ससुराल वालों का उसके साथ व्यवहार बहुत बुरा हो गया। इतना ही नहीं, वह लोग उसको ताने कसते थे। जिगना के लिए वहां पूरी जिंदगी गुजरा पाना काफी मुश्किल हो गया। जिगना की मां ने कहा कि, बेटा भगवान सब ठीक कर देंगे, लेकिन जिगना बचपन से ही भगवानों पर यकीन नहीं करती थी। कई बार तो वह भगवान के खिलाफ विरोध करने लगती थी। एक बार नौबत यहां तक आ गई कि, जब जिगना का पति उसे पूजा-पाठ करने के लिए कहता था तब वह उससे भी झगड़ने लगती थी। शादी को 5 साल बीत जाने के बाद एक दिन जिगना का पति कार एक्सीडेंट में जान गवां बैठा। जिसके बाद जिगना पूरी तरह से टूट गई और खुद को संभालने की कोशिश करने लगे।
कुछ समय बाद जिगना ने प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरु कर दिया। वहां पर जिगना की एक दोस्त बनी हेतल। कम समय में उन दोनों की दोस्ती काफी पक्की हो गई। एक बार हेतल ने जिगना से कहा कि, चलो हम उज्जैन चलते हैं महाकाल के दर्शन करते हैं। कहते हैं कि, महाकाल के दर्शन करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है, लेकिन जिगना ने वहां जाने से मना कर दिया। फिर काफी दिनों तक हेतल के कहने पर जिगना को वहां जाना पड़ा। जिगना 20 साल बाद मंदिर जा रही थी। उसका भगवान पर से विश्वास बिल्कुल उठ गया था, लेकिन हेतल के कहने पर घूमने के लिए चली गई। उज्जैन महाकाल मंदिर में पहुंचने के बाद हेतल और जिगना मंदिर के अंदर पहुंच गई। मंदिर से पूजा करने के बाद जब जिगना हेतल कहीं पर घूमने के लिए निकली तो जिगना का बहुत बुरा एक्सीडेंट हुआ। समय रहते हेतल जिगना को अस्पताल लेकर पहुंची। डॉक्टर्स ने जब जिगना की हालत देखी तो कहा कि, इसको बचा पाना काफी मुश्किल है अब तो भगवान ही इसको जीवन दान दे सकते है।
जिस समय जिगना i.c.u में जिंदगी और मौत से लड़ रही थी उस समय महादेव स्वयं रूप में उसके पास खड़े हो गए। जिगना ने कहा कि, क्या आप सच में भगवान हो या फिर कोई इंसान हो। फिर महादेव ने मुस्कुराते हुए कहा बेटी तुमने तो मुझे कभी भगवान माना ही नहीं, लेकिन तुम तो मेरी ही बेटी हो। महादेव की यह बात सुनकर जिगना काफी बुरी तरह से रोने लगी और कहा मुझे माफ कर दो भगवान मुझे लगता था कि,आप इस दुनिया में हो ही नहीं। तब महादेव ने कहा कि, मैं कण-कण में वास करता हूं। बस बात है नज़रिये कि, जो लोग मुझे जिस तरीके से पाना चाहते हैं मैं उसी तरीके से उनके पास पहुंचता हूं। तुमने कभी भी भगवान की कृपा को महसूस नहीं किया, लेकिन आज से तुम भगवान को मानना शुरु कर दोगी। जिगना महादेव से कहने लगी कि, क्या मैं ठीक हो भी पाऊंगी या नहीं, इस पर महादेव ने कहा कि, तुम आज से ठीक हो जाएगी। यह कहकर महादेव बाहर चले गये। कुछ देर बाद जब जिगना के घरवाले अस्पताल में पहुंचे तो जिगना चलने-फिरने लगी और उसको मामूली सी चोट आई थी।
डॉक्टर्स और हेतल यह सब देखकर हैरान हो गए कि कुछ देर पहले ही जिगना का इतना बड़ा एक्सीडेंट हुआ और अब अचानक से यह इतनी जल्दी ठीक कैसे हो गई। हेतल ने जिगना के आगे भी यही सवाल रखा। फिर सभी के सामने जिगना ने महादेव की कहानी सभी को बताई और कहा कि, यह सबक था मेरी जिंदगी का। महादेव की इतनी कृपा होने के बावजूद भी मैं कभी उनकी शक्तियों को नहीं समझ पाई। जिगना में इतना बड़ा बदलाव देखकर जिगना के घरवाले हैरान रह गए और जिगना से बिना सवाल जवाब किए उसको घर ले आए। जब से ही जिगना हर रोज़ महादेव के मंदिर में जाती है व पूजा-पाठ करके ही भोजन खाती है। अब जिगना महादेव की परम भक्त बन गई है।