यह घटना भगवानों के गढ़ कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश की है। जहां पर देवी-देवता वास करते हैं। यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच ही अधिक प्रचलित है, लेकिन इसके बारे में ज्यादा लोगों ने नहीं पता है। इस चमत्कारी मंदिर की मान्यता है कि, यहां से कोई खाली हाथ नहीं जाता, फिर चाहे उसकी मनोकामना अच्छी हो या बुरी पूरी जरूरी होती है। यहां के स्थानीय लोग बताते है कि, पहाड़ों की मार भी इस मंदिर को टस से मस नहीं कर पाई। दरअसल , यह मंदिर पहाड़ों के बीच में 10 फूट नीचे स्थित है। ज़मीन की गहराई में जाकर यह मंदिर बनाया गया है, लेकिन अभी तक किसी को यह नहीं पता कि, यह मंदिर किसने बनवाया कब बनवाया और कब से यह यहां पर स्थित है। यह सारी बातें अभी तक रहस्य है, लेकिन बताया जाता है कि, इस मंदिर में किस्मत वाले ही जाते है यदि माता को किसी की मंजूरी नहीं होगी तो वह यहां तक नहीं पहुंच पाएगा। ऐसा कई लोगों के साथ हुआ है जिनका आना माता को मंजूर नहीं था और ऐसी परिस्थितियां खड़ी हो गई वो लोग मंदिर से ही वापिस चले गए। बारिश के समय यहां पर आना-जाना काफी मुश्किल हो जाता है पहाड़ों पर फिसलन होने से कई खतरे बने रहते है, ऐसे में एक बार खतरनाक मॉनसून आ गया। जिसकी वजह से पूरे मंदिर में पानी भर गया। इस मंदिर की एक खासियत ये भी है कि, एक गडढे में ज्योति प्रज्वलित होती है जिसके बारे में किसी को नहीं पता कि यह कब से जलती आ रही है। इस मंदिर में यह ज्योति हमेशा जलती है। खराब मौसम के चलते भी यह ज्योति यू हीं जलती रहती है। एक बार मॉनसून के दौरान काफी पानी मंदिर में भर गया, लेकिन वहां कि, ज्योति जलती रही। यह लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। इतना ही नहीं, वह पानी कब में बाहर निकल गया। ये भी किसी को नहीं पता। कुछ भी हो जाए इस मंदिर की ज्योति और भक्तों को कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचता। भले ही यह मंदिर लोगों के बीच ज्यादा प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन यह चमत्कारी कितना है यह आप इसकी सच्चाई से जान चुके होगे। इस मंदिर में मां दुर्गा के कई रूप स्थित है। जिसके बारे में पुजारी व स्थानीय लोग बताते हैं कि, यह सभी देवियां मिलकर यहां सहेलियों की तरह मिलती है व हर त्योहार को मानती है। जिस तरह हम इंसानों से मिलते हैं उसी प्रकार यहां पर ये सभी देवियां मिलकर अपना समय व्यतीत करती है। कुछ पुजारियों ने ये भी बताया कि, यहां पर नवरात्रि में माताओं की हंसने व बातचीत करने की आवाज़ पूरी तरह से सुनाई देती है। हम लोग तो इस बारे में जानते हैं, लेकिन जिन लोगों को नहीं पता वह यह देखकर डर जाते हैं, लेकिन यह तो हमारी मां है। इतना ही नहीं, स्थानीय लोग बताते हैं कि, यदि आप अपनी श्रद्धा से जो भी माता को चढ़ाते हैं व दिल से उसको स्वीकार करती हैं। आपने देखा होगा कि, माता को जब भी भोग लगाते हैं छुपाकर लगाते हैं, लेकिन यहां पर जब भक्त माता के आगे अपने भोग को रखते हैं तो उसमें से वह प्रसाद अपने आप झूटा हो जाता है। ऐसा कैसे होता है इसका रहस्य आजतक कोई नहीं जान पाया, लेकिन जो भी है वह चमत्कारी है। जिसको वहां के लोग मानते हैं।
बारिश में भी प्रज्वलित होती रही मां अम्बे की ज्योति, भक्तों के सामने प्रसाद को करती हैं सेवन
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