हैलो दोस्तों आज हम आपको बताएंगें एक ऐसी सच्ची कहानी जिसे सुनकर आप सोच पड़ जाएंगें, क्या भगवान ऐसा भी कर सकते हैं, दरअसल यह कहानी मुजफ्फरनगर के एक इलाके कि है जहां पर मुस्लिम और हिंदु धर्म के लोग एकसाथ रहते हैं वहां पर ज्यादात्तर मुस्लिम समुदाय का दबदबा है, क्योंकि वहां पर अधिकत्तर मुस्लिम समाज के लोग निवास करते हैं।
बताया जाता है कि, मुजफ्फरनगर के इस इलाके में मुस्लिम लोग हिंदुओं के साथ आज भी बहुत ना इंसाफी करते थे। वह हिंदुओं की लड़की हो या लड़का उनका जीना दुष्वार कर देते है। वह मुस्लिम लोग ऐसा इसलिए करते हैं कि, यहां पर पूरी तरह से मुस्लिमों का कब्जा हो जाए। काफी सालों से ऐसा ही होता आ रहा था तो हिंदुओं ने भी इनके खिलाफ कोई भी कदम ना उठाने की ठान रखी है, लेकिन सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि, अब वहां का माहौल ऐसा बिल्कुल नहीं है धीरे-धीरे मुस्लिम समाज के लोग वहां से खुद-ब-खुद निकलते जा रहे है, अब वहां पर हिंदु समाज के लोगों का मान-सम्मान अधिक हो गया है। ऐसा कब, क्यों कैसे हुआ इसकी जानकारी आपको हमारी इस पूरी वीडियो में मिलेगी।
यह कहानी साल 2002 से ही शुरु हो गई थी। मुजफ्फरनगर के इस इलाके में मुस्लिम ने हिंदु समाज के लोगों का जीना दुष्वार कर रखा था। आजादी मिलने के बाद भी हिंदु वहां पर खुद को कैदी समझने लगा था। कहते हैं मजबूरी सब करवा देती है, ऐसा ही कुछ मजबूरी में फंसे हिंदु लोगों के साथ होने लगा। मुस्लिम समाज के लड़कों ने हिंदु समाज की लड़की और औरतों का बाहर निकलने मुश्किल कर दिया था। यदि कोई इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत करता तो उसका खामियाज़ उनके परिवार को भरना पड़ता था। डरकर सहमे हुए अपनी जिंदगी को जीने वाले हिंदु धर्म के लोग किसी भी तरह से इस समस्या से उभर नहीं पाते। काफी साल तक ऐसी ही स्थिति चलती रही। फिर एक बार साल 2013 में यहां पर एक पुलिसकर्मी की आया। इस पुलिस वाले का नाम गोपाल राव था। जोकि, मुंबई से यहां पर ट्रांसफर हुआ था। एक बार वह चौकी में बैठे एक कांस्टेबल से बोलने लगा कि, सोम यहां पर लगता है कि, क्राइम स्टेटस्ट काफी लॉ है। यह पर कोई शिकायत ही नहीं आती। रिकॉर्ड भी काफी किलयर है। यह सुनकर सोम मन ही मन हंसने लगा। इसके बाद गोपाल ने चौकी में बैठे-बैठे सोम से कहा कि, चलो आज हम इस पूरे इलाके का जायजा लेकर आते हैंं, आखिर यहां इतना शांतिपूर्ण वातावरण किस तरह बना। यह सुनकर सोम गोपाल को मुजफ्फरनगर के कई इलाके में घूमा रहा था। अचानक उसने देखा कि करीबन 17-18 लड़कों ने बड़ा से घेरा लगा रखा था और बीच में एक लड़के को लाठियों से इतना मार रखा था कि, वह खूनमखून होकर ज़मीन पर बेसुध होकर गिरा पड़ा था। तभी गोपाल जीप से उतारा और उनके पास गया सभी को जेल में डाल दिया। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने इतने हंगामा किया, ना चाहकर भी पुलिस को उन्हें छोड़ना पड़ा। फिर गोपाल ने ठानी की ऐसे गलत लोगों को इस इलाके से बाहर करना है। एक दिन गोपाल अपने घर का समान लेने के लिए बाहर निकाल तो मुस्लिम गैंग ने उसको घेर लिया और उन सभी के हाथों में कई हाथियार थे जिससे वह गोपाल पर हमला करने वाले थे। जैसे ही उनमें से एक शख्स ने गोपाल पर हमला किया तो उसको हनुमान की छवि गोपाल में नज़र आने लगी देखते ही देखते वह बड़ी होती जा रही थी, यह देखकर वह शख्स अपना हथियार छोड़कर भाग गया इसके बाद दूसरे को हनुमान जी गोपाल में विकराल रूप दिखा जिसे वह देख नहीं पाया और वही बेहोश हो गया। ऐसा करते-करते सभी के साथ कुछ ना कुछ हुआ और वो वहां से भाग गए। दरअसल, गोपाल बचपने से ही हनुमान जी का परम भक्त था, उसके साथ गलत करने वालों को हनुमान जी की रूप गोपाल में नज़र आने लगा। यह खबर पूरे इलाके में हवा की तरह फैल गई। जिसके बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदु का सम्मान करना शुरु कर दिया बल्कि हनुमान जी का एक मंदिर उस इलाके में स्थापित किया। उनमें से कई लोग हनुमान भक्त हैं जो उनको अपना भगवान मानते हैं। यह अचम्भे वाली बात है कि, अपने भक्त को बचाने के लिए हनुमान जी ने दूसरे समुदाय के लोगों को भी अपना भक्त बना लिया।