हेलो दोस्तों आपका हमारा यूट्यूब चैनल में स्वागत है। दोस्तों आज की वीडियो काफी दिलचस्प होने वाली है उसके लिए आपको हमारे साथ वीडियो के अंत तक जुड़े रहना होगा। इस वीडियो में हम बात करने वाले हैं इच्छाधारी नागिन की। जो युगों- युगों से एक रहस्य बनी हुई है। जिसके बारे में पूरी सच्चाई आजतक कोई नहीं जान पायी है। हाल ही में हमें एक ऐसी इच्छाधारी नागिन के बारे में पता चला है। जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगें।
यह सच्ची घटना उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव में राघव नाम के लड़के के साथ घटित हुई है। जो महादेव का परम भक्त है। इसी वजह से राघव पर महादेव की असीम कृपा थी। राघव हर सोमवार को महादेव का व्रत रखता था व उनकी पूजा-पाठ करता था। कभी-कभी तो पूरा दिन राघव महादेव की भक्ति में निकाल देता था। एक बार सावन के महीने में राघव के साथ ऐसा चमत्कार हुआ जिसका जिक्र वह आजतक किसी के साथ नहीं कर सका। जी हां, इस चमत्कार को देखकर राघव की आवाज़ चली गई और वह किसी को कुछ नहीं बता पाया, लेकिन गांव का दूसरा लड़का भीम ने ये चमत्कार पेड़ के पीछे छुपकर देखा। उसने बताया कि, सावन के महीने में हमारे गांव में बहुत ही बड़ा मेला लगता था। इस दौरान काफी सपेरे आते हैं और नागों का खेल दिखाते हैं। उस दिन राघव महादेव की भक्ति दिल से करता था और सांपों और अन्य जानवरों को खाना खिलाता था। उस दिन जैसे ही राघव कुत्ते को दूध पिलाने के लिए मंदिर के बाहर गया तो वहां पर एक अजीब सा नाग जंगल की ओर जा रहा था।
जिसके पीछे-पीछे राघव जाने लगा। मैं वहां पर मंदिर के बाहर लगी टंकी से पानी भर रहा था। फिर मैं भी राघव को रोकने के लिए उसके पीछे चलने लगा, लेकिन उसको मेरी आवाज़ सुनाई नहीं दे रही थी। इसके बाद वह एक पत्थर के पास जाकर रूक गया वहां पर एक गड्ढा था, जिसमें से एक आधी नागिन और आधी महिला बाहर निकली। उसका रूप देखने में काफी भयावह था। उसको देखने में ऐसा लग रहा था कि, वह काफी गुस्से में है। राघव उसे देखकर डर गया और भगाने की कोशिश करने लगा तभी उस इच्छाधारी नागिन ने कहा कि, आज तो तुमने मुझे देख लिया इस जंगल में मैं काफी सालों से कैद हूं। एक सपेरे ने मुझे यहां कैद कर दिया है। मेरे साथ मेरे बच्चे भी है। अब तुम ही हमें यहां से बाहर निकलोगे। यह सुनकर राघव हैरान रह गया। फिर जैसे ही नागिन पूरी तरह गड्ढे से बाहर निकली तो उस गड्ढे में सोने की तरह चमक निकल रही थी। फिर राघव ने झांककर गड्ढे में देखा तो उसे नागिन के 3 अंडे दिखे। जोकि, सोने की तरह चमक रहे थे। यह देखकर राघव काफी हैरान रह गया और नागिन से खुद को सही सलामत यहां से भेजने की विनती करने लगा। कुछ ही देर में वहां पर एक सपेरा आया जिसने उस नागिन को कैद कर रखा था।
सपेरे ने राघव से कहा कि, यह कोई मामूली नागिन नहीं इच्छाधारी नागिन है इस जंगल में मैंने इसको छुपाकर रख रखा है। तब फिर राघव ने पूछा ये जो 3 अंडे है यह क्या है। तब सपेरे ने बताया कि, यह नागिन के अंडे है इसमें से चमत्कारी नाग वंश निकलेगा। जिसका इंतजार मुझे कई सालों से है। यह नागिन यदि यहां से जाना चाहती है तो इसको अपने बच्चे मेरे हवाले करने होगें, लेकिन नागिन नहीं मानी और बोली कि, मैं ही अपने बच्चों की रक्षा खुद करूंगी यहां से कही नहीं जाऊंगी। फिर सपेरे ने कहा कि, यदि तुम्हारी यही इच्छा है तो रहो, लेकिन यह बच्चे जब ही जन्म लेंगे मैं इनको लेने जरूर आएगा। यह कहकर सपेरा वहां से चला गया और वह इच्छाधारी नागिन रोने लगी। यह देखकर राघव काफी भावुक हुआ और सोचने लगा कि, मैं चाहकर भी इस नागिन की सहायता नहीं कर सकता। सोचते-सोचते वह जंगल से बाहर आ गया और अपनी गांव की ओर चला गया। जैसे ही वह घर पहुंचा सबको यह बात बताने लगा, लेकिन उसके गले से आवाज़ नहीं निकल रही थी, वह बोल नहीं पा रहा था। अचानक आवाज़ जाने की वजह राघव को वो नागिन ही लग रही थी। फिर वह डॉक्टर्स के पास गया वहां से भी उसको आराम नहीं लगा। फिर राघव शहर गया वहां भी उसकी आवाज़ का इलाज नहीं हुआ।आखिर में राघव को लगा अब उसकी आवाज़ कभी वापिस नहीं आएगी। ऐसे में वह निराश हो गया और गूंगा बनकर अपनी जिंदगी जी रहा है।