आपने अपने बड़े-बुजुर्गों के मुंह से खजाने के बारे में सुना होगा कि, किस तरह पहले के लोग अपने खजाना या कहे तो अपनी पूंजी को धरती में छुपाकर रखते थे, क्योंकि उस समय लॉकर जैसी सुविधाएं नहीं थी। वहीं, आज भी कई जगहें ऐसी है जहां, खजाने का रहस्य आज भी दफन है। इसी रहस्य से पर्दा उठाने के लिए आज हम आपको एक कहानी सुनाएंगें जिसे जानकर आप दंग रह जाओगे। यह बात हरियाण के पानीपत के छोटे से गांव की है। वहां पर एक आदमी भीम नाम का रहता था। जिसको एक ऐसा रहस्य पता है, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है, लेकिन किसी की भी हिम्मत नहीं है जो वहां पर जाकर उस रहस्य को देख पाए। जी हां, गांव के एक सबसे गहरे कुए के नीचे खजाना दफन है। यह कुंआ पूरी तरह से काफी सालों से सूखा पड़ा है। यह रहस्य सिर्फ गांव के भीम को ही पता है, कि उस खजाने को किस तरह प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन कोई भी यह सवाल जब उससे करता है तो वह सभी को कुंए से दूर रहने को बोलता है। सबसे हैरानी की बात यह है कि, इस कुंए पर नागों का राज है। यहां कुंए के चारों ओर नागों का झुंड खजाने की रक्षा करता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि नीचे खजाने के साथ-साथ एक शिवलिंग भी दफन है। माना जाता है कि, इस खजाने की रक्षा ये नाग देवता मिलकर करते है। हैरानी कि बात यह है कि, नाग आपको वैसे नज़र नहीं आएंगें, लेकिन जब आप कुंए के अंदर झांककर देखेंगे तो आपको नागों का झुंड आपकी ओर आता दिखेगा। जिसे देखकर आप भागने लगेगें। इतना ही नहीं, भीम की मानें तो रात में सोते वक्त भी नाग आपके सपने में आकर आपको परेशान करने लगते हैं। यह नागों का ऐसा रहस्य है, जिसको आजतक कोई नहीं सुलझा पाया। सोचने वाली बात यह थी कि, भीम को सबकुछ पता होने के बावजूद भी वह इस बारे में छुपी सादे हुए है। दरअसल, कुछ गांव वालों का कहना है कि, एक बार भीम के पिता खजाने के लालच में आकर रात में छुपकर कुंए के पास गए और अंदर झांकने लगे जैसे ही नागों का झुंड उनके ऊपर आया तो उन्होंने एक मशाल के जरिये आग से उनपर वार किया। इसके बाद वह उस कुंए में गिर गए। आजतक उनकी लाश उस कुंए से बाहर नहीं आई है। जो भी उसके पास गया नागों ने उनपर वार करने की कोशिश की। वहीं, कुछ गांव वालों का कहना है कि, पहले इस कुंए में ऐसा कुछ नहीं होता था। एक दिन एक शिवजी का भक्त जो गांव में नागों को लेकर बच्चों का मनोरंजन कराने आया था। तब भीम भी वहां मौजूद था। भीम ने बाबा का मजाक उड़ाने लगा और उन्हें पाखंडी बोलने लगा। इसके बाद बाबा ने कहा कि, तेरा बुरा हाल होगा, तूने बिना सोचे समझे एक संयासी को अपशब्द बोले है। यह सब बोलकर वह बाबा कुंए के पास अपने नागों के साथ बैठ गया। फिर भीम भी वहीं पहुंच गया और उसके नागों को उठाकर कुंए में फेंक दिया। यह देखकर बाबा काफी दुखी हुआ और खुद भी कुंए में कूद गया। जब से ही भीम के दिन बुरे हो गए। भीम का परिवार काफी बड़ा था। सभी ने कुंए में किसी ना किसी वजह से कूदकर अपनी जान दे दी। जब से ही भीम किसी भी गांव वाले या अनजान इंसान को वहां जाने नहीं देता। वहीं, भीम ने एक गांव वाले को बताया था कि, इस कुंए में खजाना शिवलिंग के साथ दफन है। यह सबकुछ मुझे सपने में दिखा है, लेकिन आजतक किसी की हिम्मत नहीं हुई कोई उस कुंए के अंदर जाकर देखे। अब तो नाग पूरे कुंए में फैल गए है। वह वहां किसी भी इंसान को आने नहीं देते। यह रहस्य आखिर कब तक रहस्य बना रहेगा यह कह पाना मुश्किल है।