इस साल के आखिरी नवरात्र, शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होगी। इस बार माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। ये नवरात्रि माँ दुर्गा को खुश करने और उनकी कृपा पाने का एक बहुत ही शुभ अवसर है। माँ की कृपा पाना कोई आसान बात नहीं, कई भक्त पूरी श्रद्धा से पूजा पाठ करते है लेकिन जाने अनजाने में कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते है जिनकी वजह से हमारी पूजा उतनी सफल नहीं हो पाती, और उसका बुरा परिणाम भोगना पड़ सकता है ,इसलिए इन बातों का ध्यान रखते हुए हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी चीज़ें जिनका आपको इस त्यौहार में ख़ास ध्यान रखना है।
नवरात्री के पहले ही दिन से माता की अखंड ज्योति अपने घर में ज़रूर जलाए। भले ही आप व्रत रख रहे हो या ना रख रहे हो, माता के मंदिर में घी का अखंड दीपक ज़रूर लगाए। अगर आप इस नवरात्री अपने घर में माता के नाम की कलश स्तापना कर रहे है तो याद रखियेगा की माता की कलश स्थापना करने के बाद माँ खुद आपके घर में विराजमान होती है, ऐसे में आप अपने घर को खाली कर या घर खाली छोड़ कर कही बाहर ना जाए, ऐसा करने से माँ नाराज़ हो सकती है, कोई न कोई एक व्यक्ति, परिवार का सदस्य माता की सेवा में घर पर रहना चाहिए ।
इन दिनों रोज़ सुबह-सुबह नहा कर, साफ़ कपड़े पहन कर पहले माँ की सच्चे मन्न से पूजा करे, तभी भोजन करे। जो व्यक्ति इन दिनों व्रत रखता है, वो ध्यान रखे की व्रत के समय आप दिन में ना सोए।नवरात्री का व्रत रखने वाले किसी भी इंसान को इन नौ दिन भूल कर भी बाल नहीं काटने चाहिए ना ही दाढ़ी बनानी चाहिए, हालांकि इन नौ दिनों मैं केवल मुंडन कराने के लिए बच्चों के बाल कटवा सकते है, वह शुभ माना जाएगा।
नौ दिन तक सिर्फ सात्विक भोजन ही खाए, खाने में प्याज़ , लहसून ना डाले ना ही मीठ, माक्स या मछली खाए।
जो लोग मदिरा पान करते है, वह भी इन नौ दिन मदिरा को हाथ ना लगाए और ना ही घर में लाए। किसी भी तामसिक या राजसिक चीज़ को ग्रहण ना करे। अगर आप व्रत के समय कोई भी फल खा रहे है तो उस फल को उसी समय खा के ख़तम करे, झूठा रख कर उसको बाद में खाने की ना सोचे। ऐसा करने से अन्नपूर्णा का तिरस्कार होता है, क्यों की उस समय फल ही आपका भोजन है।
इन दिनों में कढ़ाई, सिलाई और बुनाई करना भी माना होता हैं, क्यों की कढ़ाई बुनाई करने के लिए जिन चीज़ों का इस्तेमाल होता है वह नोकीली होती है।
अपने मन्न को साफ़ और दिमाग को शांत रखे और किसी से लड़ाई झगड़ा ना करे। लड़ाई झगड़ा करने से बुद्धि भ्रष्ट होती है।
अगर आप दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशी का पाठ करते है तो ध्यान से इस पाठ को करे और यदि पाठ करते समय कोई आपसे बात कर रहा है, उस समय बीच में ये पाठ ना रोके, इसका कारण यह है की जो शक्ति दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती में है , अगर पाठ के बीच में , पाठ को रोक दिया जाए तब वह अधूरी शक्ति नुक्सान पहुंचा सकती है, इससे माँ का अपमान होता है और माँ क्रोधित भी हो सकती है।
कोई भी शादी शुदा जोड़ा इन दिनों किसी भी प्रकार के शारीरिक सम्बन्ध ना बनाए, पूरा ध्यान माँ की सेवा में लगाए। कुछ मान्यताओं के मुताबिक़ ये भी कहा जाता है की जो लोग उपवास रखते है उन लोगो को ज़मीन पर सोना चाहिए, क्यों की ज़मीन पर सोना तप करने के समान है और माता अपने भक्तो की तपस्या का फल ज़रूर देती है।
आप भी नवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूम धाम से बनाइये और कमेंट सेक्शन में जय माँ दुर्गा लिखना ना भूले।