हेलो दोस्तों आपका हमारे यूट्यूब चैनल में स्वागत है। आज हम आपको ऐसी सच्चाई घटना के बारे में बताने जा रहे हैं जिस पर यकीन कर पाना नामुमकिन है। यह सच्ची घटना नेपाल के एक छोटे गांव की है। जहां पर दुष्यंत नाम का एक चरवाहा रहता था। दुष्यंत काफी धार्मिक था। वह भगवानों की पूजा-पाठ प्रतिदिन नियमित रूप से करता था। एक बार दुष्यंत का समय बहुत बुरा आया। इस दौरान दुष्यंत की तबियत काफी खराब रहने लगी जिसके चलते उसके पास अपनी दवाईयां कराने के लिए भी पैसे नहीं थे। वह दिन-रात हनुमान जी का नाम जपता रहता था। उसके घरवाले भी दुष्यंत के स्वास्थ्य के लिए दिन-रात प्रार्थना करते थे। एक बार दुष्यंत की तबियत ज्यादा खराब हो गई। जिसकी वजह से उसके घरवालों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवा दिया। फिर डॉक्टर्स ने बताया कि, दुष्यंत कैंसर का मरीज है। इसके पास ज्यादा समय नहीं है। इसको बचाना मुश्किल है। फिर घरवालों ने दुष्यंत को कुछ भी ना बताकर दूसरे अस्पताल में ले गए। वहां भी दुष्यंत को लेकर डॉक्टर्स ने यही बताया। धीरे-धीरे दुष्यंत की हालत बेहद खराब होती जा रही। हालत यह हो गए थे दुष्यंत को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। दुष्यंत ने बजरंगबली का नाम लिया और विनीत की हे प्रभू मुझे इस धरती से उठाने से पहले आप अपने दर्शन दो। मैं जानता हूं कि, मैं बच नहीं पाऊंगा। तभी वहां पर हनुमान जी प्रकट हुए और बोले बेटा तूने आजतक मुझसे पूजा-पाठ करते समय कभी कुछ नहीं मांगा बता तेरी आखिरी इच्छा क्या है। मैं तेरी यह आखिरी इच्छा जरूर पूरी करूंगा। दुष्यंत ने कहा कि, हे प्रभू यदि मुझे कुछ देना चाहते हो तो जीवन दान दो। मैं अपने परिवार के लिए सबकुछ कर जाऊं ताकि, वह मेरे जाने के बाद किसी भी तरह की कमी महसूस ना करें। यह सुनकर हनुमान जी ने कहा। ठीक है मैं तेरी यह इच्छा पूरी करूंगा, लेकिन कुछ समय के अंदर ही तेरी मौत हो जाएगी। इसके बाद तेरी अकाल मृत्यु होगी। उससे पहले तू अपने जीवन के सभी लक्ष्य को पूरा कर ले। यह कहकर हनुमान जी ने दुष्यंत के सिर पर हाथ फेरा। जिसके बाद दुष्यंत बेहोश हो गया और हनुमान जी वहां से गायब हो गए। कुछ ही देर में डॉक्टर्स ने दुष्यंत को मृत घोषित कर दिया। घरवाले अस्पताल में ही रोने लगे। दुष्यंत का बड़ा भाई जैसे ही उसको देखने गया तो दुष्यंत की सांसे धीरे-धीरे चलने लगी। यह चमत्कार देखकर डॉक्टर्स हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि, ऐसा नहीं हो सकता। दुष्यंत को गंभीर कैंसर है। यह बच कैसे सकता है।इसके बाद डॉक्टर्स ने दुष्यंत का इलाज किया और कुछ ही दिनों बाद दुष्यंत के स्वास्थ्य में फर्क दिखने लगा। दुष्यंत बहुत जल्दी-जल्दी ठीक होने लगा। जिस दिन उस अस्पताल से घर जाना था उस दिन दुष्यंत ने हनुमान जी की यह सच्ची कहानी सभी को बताई। जिसे सुनकर सब दंग रह गए। फिर डॉक्टर्स ने दुष्यंत को कहा कि, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है एक मरा हुआ इंसान वापिस जिंदा हो गया। सच में भगवान ने तुम्हें नया जीवन दिया है। दुष्यंत यह बातें सुनकर हंसने लगा, क्योंकि हनुमान जी ने उसकी अकाल मृत्यु होने की बात कही थी, लेकिन यह बात उसने किसी को भी नहीं बताई। कुछ महीनों में दुष्यंत ने इतनी मेहनत की अपनी सारी इच्छाओं को पूरा किया। साथ ही हनुमान जी की कृपा से दुष्यंत अपनी हर इच्छा एक के बाद एक पूरी करने लगा। अब दुष्यंत का आखिरी समय आ गया था। दुष्यंत को सुबह से ऐसा लग रहा था आज का दिन उसके लिए आखिरी है, इसलिए घर से निकलने के बाद उसने एक पत्र लिखा जिसमें उसने हनुमान जी की कही सारी बातों को लिखा। दुष्यंत ने वह पत्र अपने कमरे में छोड़ दिया और बाहर चला गया। सड़क पार करते समय दुष्यंत की बड़े ट्रक से टक्कर हुई और उसकी मौत हो गई। कुछ ही देर में दुष्यंत के घरवालों को सूचना दी गई। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। धीरे-धीरे दुष्यंत के परिवार वालों के दिन सुधरने लगे और वह खुशहाली जीवन व्यतीत करने लगे।
जानें: कैंसर मरीज को दिया हनुमान जी ने जीवन दान, उसके बाद हुए कई चमत्कार
By Prabhu BhaktiUpdated: