संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।। यह चौपाई तो सबने हनुमान चालीसा में पढ़ी व सुनी ही है , जिसका अर्थ है की ,
मन में मात्र बजरंगबली को याद करने से ही हर संकट और परेशानी दूर हो जाती है ,वह सदा ही अपने भक्तो के साथ रहते है।
यह घटना है राजस्थान के जयपुर शहर की , जहाँ केशव नाम के बजरंगबली के असीम भक्त रहते है। केशव का विवाह ५ वर्ष पूर्व हुआ था , पार्नु बहुत से प्रयत्नों के बाद भी उन्हें संतान प्राप्ति नहीं हुई थी। केशव और उसकी पत्नी ने कई बड़े बड़े डॉक्टरों से परामर्श किया , मंदिर में मन्नत भी मांगी परन्तु कुछ नहीं हुआ। अथक प्रयासों के बाद भी कुछ नहीं हुआ तब दोनों ने हार मान कर संतान प्राप्ति की उम्मीद ही छोड़ दी। दोनों निराश रहने लगे। तब एक दिन जब वह मंदिर से लौट रहे थे तब केशव और उनकी पत्नी को एक साधु मार्ग में मिले जिन्हे दोनों ने अपनी समस्या बताई जिस पर साधु ने समादन दिया की २१ मंगलवार का उपवास करो और बजरंगबली को सिन्दूर को चोला चढ़ा कर हनुमान जी की उपासना करो तुम्हे संतान प्राप्ति हो जाएगी। यह सुन कर केशव व उसकी पत्नी में एक नयी आशा का संचार हुआ एवं केशव ने साधु द्वारा बताये उपाय अनुसार पूजा विधि शुरू कर दी। धीरे धीरे समय गुज़रता गया और २१ वे मँगवालवार को ही केशव की पत्नी गर्ववती हो गयी दोनों ही बेहद खुश थे , प्रतिदिन हनुमान जी की उपासना उनका नियम बन गया। ९ माह बाद उन्हें एक बड़ी सुन्दर पुत्री की प्राप्ति हुई पूरे परिवार के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ गयी। केशव व उसकी पत्नी ने हनुमान जी को बहुत दनयवाद अर्पित कर भव्य राम कथा का भी आयोजा करवाया। सभी परिवारजन उस बच्ची के साथ दिन भर खेला करते थे सब कुछ सुखमय व्यतीत हो रहा था। तब एक दिन केशव की माँ अपनी पोत्री को घर की बालकनी में खिलने लेजा रही थी परन्तु वहाँ पड़े पानी पर उनकी नज़र नहीं पढ़ी और उनका पैर पानी पर पड़ा जिसके कारण बची गोद से छटक कर पहेली मंजिल से नीचे गिर गयी , बच्ची के गिरते ही केशव की माँ मुँह से आवाज निकली बजरंगबली रक्षा करो बची नीचे गिरते हुए बिजली के तारो से टकरा कर नीचे ज़मीन पर जा गिर गयी। दौड़े दौड़े सभी बच्ची को देखने नीचे पहुंचे तो सभी ने देखा की बच्ची ज़मीन पर लेटी हुई ऐसे खेल रही थी जैसे वह कठोर ज़मीन पर नहीं किसी मखमल के बिस्तर पर गिरी हो बच्ची को किसी प्रकार की कोई चोट नहीं आयी। यह घटना देख आस पास मौजूद सभी लोग दांग रह गए। परन्तु सभी का एक ही सवाल था बच्ची को कुछ नहीं हुआ ऐसा नहीं हुआ यह कैसे हो सकता है , इस पर केशव की माँ ने कहा की इस बच्ची के माता पिता व बच्ची तीनो पर बजरंग बलि की असीम कृपा है और बजरंगबली ने ही इस बच्ची की प्राण रक्षा की है और इसके ऊपर से सारे संकट दूर किये है। इस घटना के बाद बच्ची के माता पिता ने उस बच्ची का नाम अंजनी रख दिया।